पीएम मोदी की मोतिहारी रैली: आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना, बिहार के विकास का विजन
मोतिहारी, 18 जुलाई । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के मोतिहारी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस पर तीखा निशाना साधा। उन्होंने विपक्ष पर गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया, लेकिन साथ ही कहा कि ये दल अपने परिवार से बाहर के लोगों को सम्मान तक नहीं देते। पीएम मोदी ने बिहार की जनता से इन दलों की 'बुरी नीयत' से राज्य को बचाकर रखने का आह्वान किया।
विपक्ष पर हमला: परिवारवाद और विकास में बाधा
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस और आरजेडी गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं, लेकिन बराबरी का अधिकार तो दूर, ये परिवार से बाहर के लोगों को सम्मान तक नहीं देते। उन्होंने कहा, "इन लोगों का अहंकार आज पूरा बिहार देख रहा है। हमें बिहार को इनकी बुरी नीयत से बचाकर रखना है।"
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वी भारत को आगे बढ़ाने के लिए हमें बिहार को विकसित बिहार बनाना है। पीएम मोदी ने दावा किया कि आज बिहार में इतनी तेजी से काम इसलिए हो रहा है क्योंकि केंद्र और राज्य में बिहार के लिए काम करने वाली सरकार है। उन्होंने यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना एनडीए सरकार से करते हुए कहा:
- जब केंद्र में कांग्रेस और आरजेडी की सरकार थी, तो यूपीए के 10 साल में बिहार को सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपए के आसपास मिले।
- प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि ये लोग नीतीश जी की सरकार से और बिहार से बदला ले रहे थे।
- 2014 में केंद्र में सेवा करने का अवसर मिलने के बाद, उन्होंने बिहार से बदला लेने वाली उस पुरानी राजनीति को समाप्त कर दिया।
- पिछले 10 साल में, एनडीए के 10 वर्षों में बिहार के विकास के लिए जो राशि दी गई है, वो पहले से कई गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस और राजद के मुकाबले कई गुना ज्यादा पैसा बिहार को हमारी सरकार ने दिया। ये पैसा बिहार में जनकल्याण और विकास परियोजनाओं में काम आ रहा है।"
बिहार का बदलता परिदृश्य: विकास और गरीब कल्याण
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के अतीत और वर्तमान की तुलना करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को जानना जरूरी है कि बिहार दो दशक पहले किस तरह हताशा में डूबा हुआ था। उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस के राज में विकास पर ब्रेक लगने और गरीब का पैसा गरीब तक पहुंचना असंभव होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "जो शासन में थे, उनमें बस यही सोच थी कि कैसे गरीब के हक का पैसा लूट लें।"
पीएम मोदी ने बिहार की जनता की सराहना करते हुए कहा कि बिहार असंभव को भी संभव बनाने वाले वीरों की धरती है। उन्होंने कहा, "आप लोगों ने इस धरती को आरजेडी और कांग्रेस की बेड़ियों से मुक्त किया, असंभव को संभव बनाया। उसी का परिणाम है कि आज बिहार में गरीब कल्याण की योजनाएं सीधे गरीबों तक पहुंच रही हैं।"
उन्होंने पीएम आवास योजना का उदाहरण दिया:
- पिछले 11 वर्षों में पीएम आवास योजना के तहत देश में गरीबों के लिए 4 करोड़ से भी ज्यादा घर बनाए गए हैं।
- इनमें से करीब 60 लाख घर अकेले बिहार में बने हैं।
- मोतिहारी जिले में ही 3 लाख के करीब गरीब परिवारों को पक्के घर मिले हैं और गिनती लगातार बढ़ रही है।
- पीएम मोदी ने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस के राज में गरीब को ऐसे पक्के घर मिलना असंभव था, और लोग अपने घरों में रंग-रोगन तक नहीं करवाते थे, डरते थे कि अगर रंग-रोगन हो गया तो पता नहीं कि मकान मालिक को ही उठवा लिया जाए।
मोतिहारी और पूर्वी भारत के लिए विजन
पीएम मोदी ने बिहार के लिए अपने बड़े विजन को साझा किया। उन्होंने कहा कि उनका संकल्प है कि आने वाले समय में जैसे पश्चिमी भारत में मुंबई है, वैसे ही पूरब में मोतिहारी का नाम हो। उन्होंने विभिन्न शहरों की तुलना करते हुए पूर्वी भारत के विकास की कल्पना की:
- जैसे अवसर गुरुग्राम में हैं, वैसे ही अवसर गया जी में भी बनें।
- पुणे की तरह पटना में भी औद्योगिक विकास हो।
- सूरत की तरह ही संथाल परगना का भी विकास हो।
- जयपुर की तरह जलपाईगुड़ी और जाजपुर में भी टूरिज्म के नए रिकॉर्ड बनें।
- बेंगलुरु की तरह वीरभूम के लोग भी आगे बढ़ें।
7 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास
रैली की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, "ये धरती चंपारण की धरती है। इस धरती ने इतिहास बनाया है। आजादी के आंदोलन में इस धरती ने गांधी जी को नई दिशा दिखाई। अब इसी धरती की प्रेरणा बिहार का नया भविष्य भी बनाएगी।" उन्होंने बताया कि आज यहां से 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास हुआ है, जिसके लिए उन्होंने सभी बिहारवासियों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। एक समय जो ताकत केवल पश्चिमी देशों के पास होती थी, उसमें अब पूरब के देशों का दबदबा और भागीदारी बढ़ रही है। पूरब के देश अब विकास की नई रफ्तार पकड़ रहे हैं। जैसे दुनिया में पूर्वी देश विकास की दौड़ में आगे जा रहे हैं, वैसे ही भारत में ये दौर हमारे पूर्वी राज्यों का है।