गजेंद्र सिंह शेखावत और रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के बीच हुई अहम बातचीत, 'भारत उत्सव' से गहराए सांस्कृतिक संबंध
🇮🇳🇷🇺 भारत-रूस के सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को नई ऊर्जा, नई दिल्ली में हुई अहम बैठक
नई दिल्ली, 18 जुलाई (TheTrendingPeople.com) — भारत और रूस ने शुक्रवार को अपने सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। यह निर्णय नई दिल्ली में भारत के केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, मानवीय सहयोग बढ़ाने और पर्यटन क्षेत्र में साझेदारी को और विस्तारित करने पर जोर दिया गया।
संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल, विदेश मंत्रालय के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि सांस्कृतिक पहल और पर्यटन सहयोग भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रभावी माध्यम बन सकते हैं।
रूसी दूतावास ने साझा की बैठक की जानकारी
रूसी दूतावास ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी:
"18 जुलाई को रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत के संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. एस. शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच मानवीय सहयोग, अंतर-सांस्कृतिक संवाद और पर्यटन के क्षेत्र में विस्तार की संभावनाओं पर चर्चा हुई।"
रूस में 'भारत उत्सव' ने बढ़ाया सांस्कृतिक आकर्षण
हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को के मनेझन्या स्क्वायर में 5 से 13 जुलाई के बीच 'भारत उत्सव' का आयोजन किया गया। यह नौ-दिवसीय कार्यक्रम 'समर इन मॉस्को' परियोजना का हिस्सा था जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत, योग, व्यंजन, हस्तशिल्प और पारंपरिक कला का भव्य प्रदर्शन किया गया।
इस आयोजन ने न केवल रूस के नागरिकों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम किया, बल्कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल को भी और मजबूत किया।
ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक रिश्ते ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं। प्रसिद्ध रूसी चित्रकार और दार्शनिक निकोलस रोएरिच हिमाचल प्रदेश में बस गए थे। वहीं साहित्यकार लियो टॉलस्टॉय और अलेक्जेंडर पुश्किन का भारतीय साहित्य और दर्शन पर गहरा प्रभाव रहा है।
भारतीय सिनेमा और योग की रूस में गहरी पैठ
सोवियत संघ के समय से ही भारतीय फिल्में रूस में बेहद लोकप्रिय रही हैं। आज भी वहां के नागरिक राज कपूर, आमिर खान और शाहरुख खान जैसे कलाकारों को याद करते हैं। वहीं, योग की लोकप्रियता रूस में लगातार बढ़ रही है और कई रूसी विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति पढ़ाई जाती है।
भविष्य की योजनाएं
भारत और रूस दोनों ही आने वाले समय में संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शैक्षणिक और युवाओं की सहभागिता वाले प्रोजेक्ट्स को शुरू करने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसके जरिए पीपल-टू-पीपल कनेक्ट को और सशक्त बनाने की योजना है।
निष्कर्ष
भारत और रूस के बीच यह ताजा बैठक सिर्फ एक कूटनीतिक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि दो महान सभ्यताओं के बीच सांस्कृतिक साझेदारी की एक नई दिशा को परिभाषित करने वाला कदम है। 'भारत उत्सव' जैसे आयोजनों और उच्चस्तरीय बैठकों के माध्यम से यह साफ संकेत मिलता है कि दोनों देश सांस्कृतिक, शैक्षणिक और पर्यटन क्षेत्र में एक दीर्घकालिक और ठोस साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।