सुनील मित्तल: भारत विश्व का मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की राह पर, एयरटेल का अहम योगदानफोटो : IANS
नई दिल्ली, 18 जुलाई। भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील मित्तल ने कहा है कि भारत में राजनीतिक स्थिरता और इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सहित प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत नीतिगत प्रयासों से निवेश के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की विश्व के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की महत्वाकांक्षाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। यह बयान कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में दिया गया है, जो भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक स्थिति पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत की आर्थिक स्थिरता
मित्तल ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि बढ़ते व्यापार तनाव और चल रहे संघर्षों से बढ़ी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत अपने स्थिर आर्थिक प्रदर्शन को बनाए रखने की संभावना रखता है। उन्होंने कहा, "वैश्विक व्यापक आर्थिक विकास धीमा रहा है और स्थायी गति सुनिश्चित करने के लिए समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूती का प्रदर्शन किया है और 6.5 प्रतिशत की अनुमानित जीडीपी वृद्धि के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है।" यह भारत के लचीलेपन और आर्थिक विकास की क्षमता को दर्शाता है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था में दोहरे अंकों की वृद्धि
सुनील मित्तल ने भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की भी सराहना की, जो व्यक्तियों, उद्यमों और सरकारों की अभूतपूर्व डिजिटल भागीदारी से प्रेरित होकर दोहरे अंकों की वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024' में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने भारत की अपनी डिजिटल क्रांति को बनाए रखने और वास्तव में उससे आगे निकलने के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया था, जिसमें डेटा-डिजिटल कनेक्टिविटी की सर्वव्यापकता और डिजिटल फर्स्ट को राष्ट्रीय लक्ष्य के रूप में स्थापित करना शामिल है।
एयरटेल का राष्ट्रीय आकांक्षाओं और डिजिटल नवाचार में योगदान
मित्तल ने जोर देकर कहा कि एयरटेल का इतिहास हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में एक दृढ़ सहयोगी के रूप में इसके योगदान से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा, "चाहे वह 1990 के दशक की शुरुआत में दूरसंचार क्रांति की शुरुआत हो या पिछले दशक में डिजिटल इंडिया की नींव रखना, एयरटेल ने हमेशा देश में डिजिटल इनोवेशन का नेतृत्व करने और डिजिटल आर्थिक विकास के गुणक प्रभाव का समर्थन करने के लिए अपने निवेश को आगे बढ़ाया है।" यह एयरटेल की भारत के डिजिटल परिदृश्य को आकार देने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। मित्तल ने कहा कि वे भारत के 'डिजिटल फर्स्ट' विजन के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेंगे।
राजकोष में एयरटेल का बढ़ता योगदान
भारत की निरंतर आर्थिक प्रगति में एक सक्रिय हितधारक के रूप में, एयरटेल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों, लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के रूप में राज्य के खजाने में अपने बढ़ते योगदान के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मित्तल ने बताया, "वित्त वर्ष 2024-25 में, एयरटेल ने एलएफ, एसयूसी और अन्य करों के रूप में 373 अरब रुपए से अधिक का भुगतान किया।" इसके अतिरिक्त, कंपनी ने स्पेक्ट्रम दायित्वों के लिए 289 अरब रुपए का भुगतान किया, जिसमें पिछले स्पेक्ट्रम बकाया का वार्षिक और पूर्व भुगतान शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले पांच वर्षों में, एयरटेल का राजकोष में कुल योगदान लगभग 2.5 ट्रिलियन रुपए रहा है, जो राष्ट्रीय विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
निष्कर्ष
सुनील मित्तल के बयान भारत की आर्थिक स्थिरता, डिजिटल विकास और वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की महत्वाकांक्षाओं पर एक आशावादी दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों का बढ़ता निवेश और राजकोष में योगदान देश की प्रगति में निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी आर्थिक गति बनाए रखने और भविष्य के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए तैयार है।