टाटा संस ने एयर इंडिया AI-171 दुर्घटना पीड़ितों के लिए 500 करोड़ का ट्रस्ट बनाया
मुंबई, 18 जुलाई। टाटा संस ने शुक्रवार को मुंबई में 500 करोड़ रुपए के एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट का औपचारिक रूप से रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है। यह ट्रस्ट 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-171 की दुखद घटना के पीड़ितों को समर्पित है, जिसमें 260 लोगों की जान चली गई थी। यह पहल पीड़ितों और उनके परिवारों को तत्काल और निरंतर सहायता प्रदान करने के लिए टाटा समूह की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
'एआई-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट' का उद्देश्य
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस ट्रस्ट का नाम 'एआई-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट' होगा। इसका मुख्य उद्देश्य मृतकों के आश्रितों/निकटतम रिश्तेदारों, घायलों और दुर्घटना से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित सभी लोगों को तत्काल और निरंतर सहायता प्रदान करना है। यह सुनिश्चित करेगा कि प्रभावित परिवारों को इस मुश्किल समय में आवश्यक वित्तीय और भावनात्मक समर्थन मिल सके।
कंपनी ने आगे कहा, "ट्रस्ट दुर्घटना के बाद अमूल्य संस्थागत सहायता और सेवा प्रदान करने वाले फर्स्ट रेस्पॉन्डर्स, मेडिकल और आपदा राहत पेशेवरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सरकारी कर्मचारियों को हुए किसी भी आघात या संकट को कम करने के लिए सहायता भी प्रदान करेगा।" यह ट्रस्ट केवल पीड़ितों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन लोगों को भी सहायता देगा जिन्होंने राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फंडिंग और प्रबंधन
टाटा संस और टाटा ट्रस्ट्स ने इस ट्रस्ट के परोपकारी कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपए (दोनों ने 250-250 करोड़ रुपए) देने का संकल्प लिया है। इस राशि का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा, जिसमें शामिल हैं:
- मृतकों के लिए अनुग्रह राशि: प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
- घायलों का इलाज: गंभीर रूप से घायलों के इलाज के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
- बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण: दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुए बी.जे. मेडिकल कॉलेज छात्रावास के बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए भी सहायता शामिल है।
ट्रस्ट का प्रबंधन और प्रशासन एक 5 सदस्यीय न्यासी बोर्ड द्वारा किया जाएगा। बोर्ड में नियुक्त शुरुआती दो ट्रस्टी टाटा समूह के पूर्व दिग्गज एस. पद्मनाभन और टाटा संस के जनरल काउंसल सिद्धार्थ शर्मा हैं। टाटा संस ने कहा, "अतिरिक्त ट्रस्टियों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। कर अधिकारियों के साथ आवश्यक रजिस्ट्रेशन और वर्तमान में चल रही अन्य परिचालन औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद ट्रस्ट को फंड किया जाएगा और यह पूरी गंभीरता से अपना काम शुरू कर देगा।"
दुर्घटना जांच पर पायलट संघों की चिंताएं
इस बीच, फेडरेशन ऑफ इंडिया पायलट (एफआईपी) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखे एक पत्र में अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की है। एफआईपी ने कहा है कि रिपोर्ट में दो संभावित और पहले बताए गए तकनीकी परिदृश्यों पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया गया है, जिनमें से किसी एक के कारण बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन स्वचालित रूप से बंद हो सकते थे। संघ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जांच में और अधिक विषय विशेषज्ञों को शामिल करने का आग्रह किया है।
पायलटों के समूह एएलपीए-इंडिया ने भी दुर्घटनाग्रस्त एआई-171 विमान के चालक दल का बचाव किया है। एएलपीए इंडिया ने एक बयान में कहा, "एआई-171 के चालक दल ने विमान में सवार यात्रियों की सुरक्षा और जमीन पर नुकसान को कम करने के लिए अपनी आखिरी सांस तक हर संभव प्रयास किया। वे निराधार चरित्र-निर्णय के नहीं बल्कि सम्मान के पात्र हैं।" यह बयान चालक दल के प्रति सम्मान और उनके प्रयासों को मान्यता देने की मांग करता है।
निष्कर्ष
टाटा संस द्वारा 'एआई-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट' का गठन एयर इंडिया विमान दुर्घटना के पीड़ितों के प्रति एक महत्वपूर्ण मानवीय पहल है। 500 करोड़ रुपए का यह ट्रस्ट प्रभावित परिवारों और राहतकर्मियों को आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। हालांकि, इस बीच पायलट संघों द्वारा दुर्घटना की जांच पर उठाए गए सवाल और चालक दल के बचाव में दिए गए बयान यह दर्शाते हैं कि इस दुखद घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच अभी भी जारी है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।