स्किल इंडिया अभियान की 10वीं सालगिरह: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 जुलाई 2015 को शुरू किया गया 'स्किल इंडिया अभियान' आज अपनी 10वीं सालगिरह मना रहा है। इस महत्वाकांक्षी पहल ने न सिर्फ युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी प्रयास किया है, जिससे देश के विकास में उनका योगदान सुनिश्चित हो सके।
'स्किल इंडिया अभियान' की शुरुआत और उद्देश्य
'स्किल इंडिया अभियान' की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के एक दूरदर्शी दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य भारत के विशाल युवा कार्यबल को आवश्यक कौशल से लैस करना है। यह कौशल उन्हें देश के भीतर और वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसरों के लिए तैयार करता है। इस अभियान का लक्ष्य कौशल को ताकत में बदलना और युवाओं को सम्मान, पहचान और आत्मनिर्भरता दिलाना है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मौजूद 'मोदी स्टोरी' नाम के अकाउंट से इस अभियान से जुड़ा एक पुराना वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें नेहा उल्हास चंदे नाम की लाभार्थी ने 'स्किल इंडिया अभियान' की वजह से उनकी जिंदगी में आए बदलाव के बारे में बताया।
नेहा उल्हास चंदे: स्किल इंडिया की एक प्रेरणादायक कहानी
'मोदी स्टोरी' ने 'एक्स' पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "आज ही के दिन 2015 में ‘स्किल इंडिया’ की शुरुआत की गई थी, जो कौशल को ताकत में बदलने के प्रधानमंत्री मोदी के एक साहसिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। मुंबई की नेहा उल्हास चंदे से मिलिए, जो विश्व कौशल ओलंपिक में ब्यूटी थेरेपी में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं।"
इस वीडियो में आगे बताया गया कि जब नेहा ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी, तो उन्होंने जवाब दिया कि "भारत को गौरवान्वित करने के लिए मुझे आपको धन्यवाद देना चाहिए।" नेहा कहती हैं कि "मुझे कभी सिर्फ ब्यूटी पार्लर वाली कहा जाता था। आज, मैं प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण की बदौलत एक प्रतिष्ठित कॉस्मेटोलॉजिस्ट हूं।" यह नेहा की कहानी 'स्किल इंडिया अभियान' के वास्तविक प्रभाव को दर्शाती है, जिसने एक व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।
'मोदी स्टोरी' ने 'एक्स' पर आगे लिखा, "विश्व युवा कौशल दिवस के इस खास मौके पर नेहा जैसे हजारों युवा, स्किल इंडिया की ताकत और दिशा का प्रमाण हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और कौशल से अपने जीवन में सम्मान, पहचान और आत्मनिर्भरता हासिल की है।"
विश्व कौशल ओलंपिक में भारत की ऐतिहासिक जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व कौशल ओलंपिक में ब्यूटी थेरेपी में स्वर्ण पदक जीतने पर नेहा उल्हास चंदे को सम्मानित किया था। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि ऐसा पहली बार था कि भारत ने कौशल की किसी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था।
नेहा ने विश्व कौशल ओलंपिक से जुड़ी अपनी यादों का जिक्र करते हुए कहा, "मुझे विश्व कौशल ओलंपिक में शामिल होने के दौरान स्किल इंडिया के बारे में पता चला था। स्किल इंडिया का बहुत बड़ा हाथ मेरी सफलता में है।" उन्होंने बताया कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और कहा कि वह उनकी वजह से यहां पर हैं, तो प्रधानमंत्री ने उनसे कहा था, "तुम करोड़ों की आबादी में से चुनकर विश्व कौशल ओलंपिक में पहुंची और तिरंगे का मान बढ़ाया। ये बहुत बड़ी बात है, इसलिए मैं तुमको बधाई देता हूं।"
10 साल बाद 'स्किल इंडिया' का प्रभाव
'स्किल इंडिया अभियान' के 10 साल पूरे होने पर नेहा ने कहा कि "10 साल के बाद स्किल इंडिया बहुत बड़ा हो गया है और हर कोई अपने-अपने क्षेत्र में परचम लहरा रहा है।" यह अभियान देश भर में कौशल विकास केंद्रों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उद्योग भागीदारी के माध्यम से लाखों युवाओं को सशक्त कर रहा है। इसने न केवल पारंपरिक व्यवसायों में कौशल प्रदान किया है, बल्कि उभरते क्षेत्रों जैसे डिजिटल कौशल, हरित कौशल और उन्नत विनिर्माण में भी प्रशिक्षण दे रहा है।
इस अभियान ने युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों को औपचारिक कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत को एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था और वैश्विक कौशल केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्किल इंडिया अभियान' ने अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं, और इस अवधि में इसने लाखों युवाओं के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। नेहा उल्हास चंदे जैसी सफलता की कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे कौशल विकास सही दिशा और अवसर मिलने पर किसी व्यक्ति के भाग्य को बदल सकता है। यह अभियान भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और देश के आर्थिक विकास में सक्रिय योगदान देने के लिए लगातार प्रेरित कर रहा है, जिससे 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।