शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से सफल वापसी: भारत के लिए गर्व का पल, स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा
नई दिल्ली: भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है, क्योंकि एक्सिओम मिशन-4 (Axiom Mission-4) के तहत अंतरिक्ष में गए शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्ष यात्री 20 दिन बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए हैं। 23 घंटे के सफर के बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की। स्पेसएक्स ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में इस सफल वापसी की पुष्टि करते हुए लिखा, "ड्रैगन कैप्सूल के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है। पृथ्वी पर आपका स्वागत है!"
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया गर्व का पल
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से सफल वापसी को भारत के लिए एक अत्यंत गर्व का पल बताया। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि ने भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है। यह दर्शाता है कि भारत अब अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन चुका है।
डॉ. सिंह ने शुभांशु शुक्ला के मिशन के दौरान किए गए अनूठे प्रयोगों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "शुभांशु शुक्ला ने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया और कई अनूठे प्रयोग किए, जो पहले कभी नहीं हुए। इनमें मानव शरीर की प्रक्रियाओं और बीज बोने जैसे प्रयोग शामिल हैं, जिनका लाभ न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को मिलेगा। यह मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण कदम है।" ये प्रयोग भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों और पृथ्वी पर जीवन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगे।
उन्होंने इस उपलब्धि को 'विश्व बंधुत्व' की दिशा में भारत का योगदान बताया, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा जोर देते हैं। मंत्री ने इस सफलता का श्रेय सीधे पीएम मोदी की दूरदर्शी नीतियों को दिया, जिन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों का मार्ग प्रशस्त किया।
पीएम मोदी की नीतियों का प्रभाव: अंतरिक्ष क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्योगों के लिए खोलकर क्रांतिकारी कदम उठाया है। पहले यह क्षेत्र केवल सरकारी संस्थाओं तक सीमित था, लेकिन अब घरेलू और विदेशी सहयोग की अनुमति है। इसके साथ ही, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी मंजूरी मिली है, जिससे भारत की स्पेस इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि भारत की स्पेस इकोनॉमी पहले मामूली थी, लेकिन अब यह 40-45 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है। केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र से सभी बंदिशें हटा दीं, जिससे निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को नया अवसर मिला है। यह भारत के लिए गर्व का क्षण है कि मां भारती का सपूत अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह दर्शाता है कि सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भविष्य के मिशनों के लिए प्रेरणा
डॉ. सिंह ने कहा कि यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की ताकत को दर्शाता है और भविष्य में होने वाले मिशनों, जैसे 2027 के मिशन, के लिए प्रेरणा देता है। शुभांशु शुक्ला की सफलता युवा पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को और मजबूती मिलेगी।
शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम मिशन-4 से सफल वापसी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो देश की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के बयान इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों को देते हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलकर एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। यह सफलता न केवल भारत की स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा देगी, बल्कि भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी और 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी।