आईपीयू और सीईएमसीए के बीच करार: नवाचार, पहुंच और गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा
नई दिल्ली: शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (आईपीयू) और कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया (सीईएमसीए) के बीच एक महत्वपूर्ण करार हुआ है। इस साझेदारी को 'सीईएमसीए-आईपीयू' नाम दिया गया है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर सीईएमसीए के निदेशक डॉ. बशीरहमद शद्रच और आईपी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. कमल पाठक ने हस्ताक्षर किए, जो दोनों संस्थानों के बीच भविष्य के सहयोग की नींव रखता है।
करार का उद्देश्य: शिक्षा को सुलभ और प्रभावशाली बनाना
दोनों संस्थानों के बीच हुए इस करार का मुख्य उद्देश्य नवाचार, पहुंच और गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है। आईपी यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉ. महेश वर्मा ने इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हम मानते हैं कि शिक्षा अर्थपूर्ण और सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि सीईएमसीए के साथ यह साझेदारी "हमारे शैक्षिक समुदाय के लिए एक अद्भुत कदम है जो समावेशिता, नवाचार और उच्च प्रभाव वाली शिक्षा प्रदान करेगी।" यह बयान शिक्षा को व्यापक बनाने और उसे सभी वर्गों तक पहुंचाने की आईपीयू की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
डॉ. शद्रच ने रोडमैप साझा करते हुए कहा कि सीईएमसीए का मिशन हमेशा शिक्षा को अधिक सुलभ, न्यायसंगत और प्रभावशाली बनाने के लिए मीडिया और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना रहा है। यह साझेदारी इस मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, खासकर डिजिटल शिक्षा और मीडिया के माध्यम से सीखने के अवसरों को बढ़ाने में।
साझेदारी की प्रमुख पहलें
इस पहल का नेतृत्व आईपीयू की यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ एजुकेशन की डीन प्रो. सरोज शर्मा ने किया है, जो इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस साझेदारी के साथ, दोनों संस्थान मिलकर कई प्रभावशाली कार्यक्रमों पर काम करेंगे:
- प्रभावशाली कार्यक्रम बनाना: दोनों संस्थान ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम विकसित करेंगे जो छात्रों और संकाय दोनों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सीखने के अनुभव प्रदान करें।
- संकाय और छात्र विकास को बढ़ावा देना: साझेदारी संकाय सदस्यों और छात्रों दोनों के लिए विकास के अवसरों को बढ़ावा देगी, जिसमें प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और अनुसंधान सहयोग शामिल हो सकते हैं।
- क्षेत्रीय और वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य में सार्थक योगदान: यह सहयोग केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शैक्षिक परिदृश्य में भी सार्थक योगदान देने का लक्ष्य रखता है, जिससे भारत की शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
यह साझेदारी शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने, दूरस्थ शिक्षा के अवसरों का विस्तार करने और शैक्षिक सामग्री की गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी और कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया के बीच यह करार भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक सकारात्मक विकास है। यह साझेदारी नवाचार, पहुंच और गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी और मीडिया का लाभ उठाने की क्षमता को दर्शाती है। यह पहल न केवल आईपीयू के छात्रों और संकाय को लाभान्वित करेगी, बल्कि यह शिक्षा को अधिक समावेशी और प्रभावशाली बनाने के व्यापक लक्ष्य में भी योगदान देगी, जिससे देश के शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।