ब्रेकिंग: भारत अब 'कमजोरी' नहीं, 'ताकत की स्थिति' से व्यापार समझौतों पर बात करता है: पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (दी ट्रेंडिंग पीपल): भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि देश के फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) और अन्य व्यापारिक समझौतों के दृष्टिकोण में हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब ताकत की स्थिति (Position of Strength) से बातचीत करता है, जो देश के बढ़ते आर्थिक आत्मविश्वास और वैश्विक कद को दर्शाता है।
नई दिल्ली में एसोचैम (Assocham) के वार्षिक सम्मेलन और 105वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि अब वह समय चला गया जब भारत अपनी ताकत को पहचाने बिना असंतुलित एफटीए में प्रवेश करता था।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत कई महत्वपूर्ण व्यापार समझौतों, जिनमें यूके और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए शामिल हैं, पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। मंत्री के अनुसार, यह रणनीतिक बदलाव भारत को अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करने, निर्यात को बढ़ावा देने और निवेश एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के अवसर पैदा करने की अनुमति देता है, जबकि उन समझौतों से बचा जाता है जो भारत के हितों की कीमत पर दूसरे पक्ष को अत्यधिक लाभ पहुंचा सकते थे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि देश अब मुख्य रूप से उन राष्ट्रों के साथ व्यापारिक साझेदारी कर रहा है जो भारत के लिए प्रतिस्पर्धी नहीं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यापारिक समझौते संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी हों।
आर्थिक मजबूती: Forex रिज़र्व और रिकॉर्ड-तोड़ ग्रोथ
मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत बुनियादी सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए बताया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) लगभग 700 बिलियन डॉलर पर बना हुआ है, जो इसकी वित्तीय मजबूती को दर्शाता है।
गोयल ने कहा कि आज देश के लोग, व्यवसाय और उद्योग एक साथ मिलकर एक नई गतिशीलता, उत्साह और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कुछ साल पहले देखने को नहीं मिलता था। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया आज भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार और काम करने के लिए एक विश्वसनीय देश के रूप में पहचानती है।
पीयूष गोयल का उद्धरण:
"वह समय बीत चुका है जब भारत कमजोरी की स्थिति से व्यापार समझौतों पर बातचीत करता था। आज भारतीय पासपोर्ट पूरी दुनिया में सम्मान और महत्व रखता है।"
वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण समय का सामना करने के बावजूद, भारत लगातार लचीलापन दिखा रहा है और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के हालिया अनुमान का उल्लेख किया, जिसने भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 1.54 प्रतिशत रही, जो आठ वर्षों में सबसे कम थी। ये आंकड़े देश की आर्थिक प्रबंधन और स्थिरता की कहानी कहते हैं।
सरकार का रणनीतिक बदलाव: व्यापार समझौते और घरेलू सुधार
मंत्री ने विस्तार से बताया कि भारत अब व्यापार समझौतों के प्रति एक चयनात्मक और रक्षात्मक रुख अपनाता है। पहले, भारत ने जल्दबाजी में कुछ ऐसे व्यापार समझौते किए थे, जिनसे भारतीय घरेलू उद्योग को नुकसान हुआ था। वर्तमान सरकार की रणनीति यह सुनिश्चित करना है कि व्यापारिक साझेदारियाँ भारत की दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन के लक्ष्यों के साथ संरेखित हों।
गोयल ने आसोचैम के मंच से उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि सरकार ने देश को व्यापार के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए अथक प्रयास किया है।
'ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस' के लिए उठाए गए प्रमुख कदम:
- कानूनों का गैर-अपराधीकरण (Decriminalization of Laws): व्यवसायों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए कई पुराने और गैर-जरूरी कानूनों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है।
- प्रक्रियाओं का सरलीकरण (Simplification of Processes): जटिल प्रक्रियाओं और अनुपालनों को सरल बनाया गया है, जिससे उद्योगों के लिए काम करना आसान हो गया है।
- निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल: इन सुधारों ने मिलकर भारत को विदेशी निवेश के लिए एक भरोसेमंद और गतिशील बाजार बना दिया है।
यह पृष्ठभूमि बताती है कि भारत की व्यापार वार्ता में आत्मविश्वास का स्रोत केवल मजबूत आर्थिक आंकड़े नहीं हैं, बल्कि घरेलू स्तर पर किए गए संरचनात्मक सुधार भी हैं, जो वैश्विक निवेशकों के लिए सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करते हैं।
स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता: क्लीन एनर्जी में वैश्विक नेतृत्व
पीयूष गोयल ने भारत की स्थिरता लक्ष्यों (Sustainability Goals) के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत पहले ही 250 गीगावाट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर चुका है, जो देश के ट्रांसमिशन ग्रिड का 50 प्रतिशत है।
यह उपलब्धि भारत के पर्यावरण-अनुकूल विकास के मॉडल को दर्शाती है।
गोयल की भविष्य की योजना:
- मंत्री ने आगे कहा कि 2030 तक भारत 500 गीगावाट क्लीन एनर्जी क्षमता हासिल कर लेगा।
- इस विशाल स्वच्छ ऊर्जा क्षमता के साथ, भारत डेटा सेंटर्स और क्लीन एनर्जी निवेशों के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गंतव्यों में से एक बन जाएगा।
यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक रणनीति केवल वर्तमान वृद्धि पर केंद्रित नहीं है, बल्कि एक टिकाऊ और हरित भविष्य की नींव भी रख रही है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य न केवल जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करेगा, बल्कि विदेशी निवेश के लिए नए रास्ते भी खोलेगा।
TheTrendingPeople.com के अंतिम विचार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का 'ताकत की स्थिति' से व्यापार वार्ता करने का दावा भारतीय अर्थव्यवस्था की बदलती वैश्विक छवि का प्रमाण है। 700 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार और दुनिया की सबसे तेज विकास दर भारत को एक दुर्जेय वार्ताकार बनाती है। असंतुलित समझौतों से पीछे हटने और केवल गैर-प्रतिस्पर्धी राष्ट्रों के साथ साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति दूरदर्शी है, जो घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा करती है।
हालाँकि, इस 'ताकत की स्थिति' को बनाए रखने के लिए, सरकार को दो मोर्चों पर लगातार काम करना होगा: पहला, राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना ताकि आर्थिक विकास दर उच्च बनी रहे; और दूसरा, 500 GW स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को समय पर पूरा करना ताकि भारत निवेश और डेटा सेंटर जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों का वैश्विक केंद्र बन सके। यह आत्मविश्वास और सतत विकास का मिश्रण ही भारत को 2035 तक विश्व की आर्थिक महाशक्ति बनाने की कुंजी है।