पीयूष गोयल ने भारत-यूरोपीय संघ एफटीए और भारत-स्वीडन सहयोग पर दिया जोर
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि प्रस्तावित व्यापक और सार्थक भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) मजबूत आर्थिक संबंध बनाने और समावेशी विकास के भविष्य के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह समझौता न केवल व्यापारिक संबंधों को गति देगा, बल्कि दोनों क्षेत्रों के बीच गहरे सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
भारत-स्वीडन साझेदारी पर चर्चा
इंडिया-स्वीडन हाई-लेवल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी फोरम में केंद्रीय मंत्री गोयल ने कनफेडरेशन ऑफ स्वीडिश एंटरप्राइज के अलावा, प्रमुख स्वीडिश और भारतीय व्यवसायों की उपस्थिति में दोनों पक्षों के बीच सहयोग की अपार संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। यह फोरम दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस अवसर पर कहा, "कार्यक्रम के दौरान प्रस्तावित भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर रिलीज किया गया संयुक्त पत्र मजबूत आर्थिक संबंध बनाने और समावेशी विकास के भविष्य के लिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को दिखाता है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत-स्वीडन साझेदारी इस बात का एक मॉडल है कि कैसे दो विविध अर्थव्यवस्थाएं साझा दृष्टिकोण और सहयोग के माध्यम से परस्पर लाभ पैदा कर सकती हैं। इन विचार-विमर्शों को ठोस अवसरों में बदलने की उम्मीद है।" यह बयान दोनों देशों के बीच भविष्य के सहयोग के प्रति आशावाद को दर्शाता है।
टिकाऊ पैकेजिंग और आर एंड डी में सहयोग
केंद्रीय मंत्री गोयल ने टेट्रा पैक स्वीडन की प्रबंध निदेशक मारिए सांडिन से भी मुलाकात की। इस बैठक के दौरान, उन्होंने सस्टेनेबल पैकेजिंग सॉल्यूशंस (टिकाऊ पैकेजिंग समाधानों) में सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जो पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "इसके अलावा भारत में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) पहलों के विस्तार और एडवांस्ड इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में क्षमताओं को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की।" यह दर्शाता है कि भारत न केवल व्यापार बल्कि तकनीकी नवाचार और विनिर्माण के क्षेत्र में भी स्वीडन के साथ मिलकर काम करने का इच्छुक है।
स्वीडिश बिजनेस लीडर्स से मुलाकात और निवेश के अवसर
केंद्रीय मंत्री गोयल ने स्वीडन-इंडिया बिजनेस काउंसिल और भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित डिनर रिसेप्शन में स्वीडिश बिजनेस लीडर्स से भी मुलाकात की। इस अवसर पर, उन्होंने भारत में मौजूद महत्वपूर्ण निवेश अवसरों पर प्रकाश डाला, जिसमें देश के तेजी से बढ़ते बाजार, कुशल कार्यबल और सरकार की व्यापार-अनुकूल नीतियां शामिल हैं।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा, "भारत ने अपने कुशल और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स की ताकत से टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट में शानदार प्रगति की है।" उन्होंने स्वीडिश व्यवसायों को भारत में अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया, यह कहते हुए कि इसमें सहयोग करने और आपसी विकास को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। यह निमंत्रण स्वीडिश कंपनियों को भारत में निवेश करने और भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भागीदार बनने के लिए प्रेरित करेगा।
आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक सहयोग
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री गोयल ने स्वीडन के अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग और विदेश व्यापार मंत्री बेंजामिन डौसा के साथ आर्थिक, औद्योगिक और वैज्ञानिक सहयोग के लिए भारत-स्वीडिश संयुक्त आयोग की मंत्रिस्तरीय बैठक के समापन सत्र को भी संबोधित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूंजी (कैपिटल), प्रतिभा (टैलेंट) और प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) का आदान-प्रदान किस तरह दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी की रीढ़ है। यह तीनों स्तंभ भारत और स्वीडन के बीच भविष्य के संबंधों की गहराई और व्यापकता को दर्शाते हैं।