यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका खारिज: पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप, जांच जारी
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा की जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका को हिसार की एक अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया। ज्योति की याचिका खारिज होने के बाद उनके वकील ने कहा है कि वे इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
जमानत याचिका पर अदालत में बहस
ज्योति मल्होत्रा के अधिवक्ता कुमार मुकेश ने मीडिया को बताया कि अदालत में करीब 20 से 25 मिनट तक जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को गंभीरता से सुना, जिसके बाद ज्योति मल्होत्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। हालांकि, वकील ने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में जमानत नहीं देने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है।
पुलिस की दलीलें: राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला
अदालत में पुलिस की ओर से यह बताया गया कि मामले की जांच अभी भी जारी है और यह प्रारंभिक चरण में है। पुलिस ने यह दलील दी कि ज्योति मल्होत्रा के बैंक खातों की गहन जांच की जा रही है, और उनके कब्जे से बरामद किए गए मोबाइल फोन और लैपटॉप का डेटा भी विश्लेषण के अधीन है। पुलिस का कहना है कि यह मामला देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता से जुड़ा एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए इस पर अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ विचार किया जाना चाहिए और जमानत नहीं दी जानी चाहिए, ताकि जांच प्रभावित न हो।
अधिवक्ता का पक्ष और आगे की रणनीति
अधिवक्ता कुमार मुकेश ने पुलिस की दलीलों का खंडन करते हुए कहा कि एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) ज्योति के ही बयान के आधार पर दर्ज की गई है, और पुलिस के पास उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे अदालत के इस फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इसे आगे सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे, जहां उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है।
मामले की पृष्ठभूमि
ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को सरकारी गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) और भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। वह उन 12 लोगों में शामिल थीं, जिन्हें जासूसी के संदेह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे विभिन्न राज्यों से गिरफ्तार किया गया था।
खुफिया एजेंसियों की जांच में यह बताया गया है कि ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं। भारत ने कथित तौर पर जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण 13 मई को दानिश को देश से निष्कासित कर दिया था। इस घटनाक्रम से मामले की गंभीरता और बढ़ जाती है।
इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), खुफिया ब्यूरो (आईबी) और सैन्य खुफिया (मिलिट्री इंटेलिजेंस) अधिकारियों ने भी मल्होत्रा से लंबी पूछताछ की है। जांच से पता चला है कि ज्योति मल्होत्रा ने पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और कुछ अन्य देशों की यात्रा की थी। पुलिस ने पहले यह भी कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी मल्होत्रा को एक 'एसेट' (संपत्ति) के रूप में विकसित कर रही थी, जिसका उपयोग गोपनीय जानकारी निकालने के लिए किया जा सके। इस मामले की आगे की जांच जारी है, और इसके कई और पहलू सामने आ सकते हैं।