केरल राजनीति में बड़ा तूफ़ान: निलंबित विधायक राहुल ममकूटाथिल पर महिला कांग्रेस नेता ने लगाया यौन शोषण का नया आरोप, पुलिस जांच तेज
केरल की राजनीति में यौन शोषण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायक राहुल ममकूटाथिल पर अब एक युवा महिला कांग्रेस नेता ने भी गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, जिससे सस्पेंड विधायक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इससे पहले उन पर दो रेप केस दर्ज हो चुके हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
ईमेल के जरिए भेजी शिकायत, कांग्रेस ने पुलिस प्रमुख को भेजा मामला
23-year-old महिला कांग्रेस नेता ने राहुल ममकूटाथिल के खिलाफ शिकायत ईमेल के जरिए केरल कांग्रेस को भेजी है। पार्टी ने शिकायत को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस प्रमुख (DGP) को भेज दिया है, हालांकि DGP आर. चंद्रशेखर के अनुसार उन्हें शिकायत की कॉपी अभी तक नहीं मिली।
“दिल्ली किसान आंदोलन के दौरान भी भेजे थे गलत संदेश” — महिला का आरोप
महिला ने मीडिया को बताया कि किसान आंदोलन के दौरान ममकूटाथिल ने उन्हें अनुचित संदेश भेजे और दिल्ली की यात्रा पर साथ चलने का दबाव बनाया।
उन्होंने बताया:
“दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने पूछा कि उन्हें जानकारी क्यों नहीं दी गई। जब मैंने कहा कि मैं फिर से जाने के लिए तैयार हूं, तो उन्होंने कहा कि वे मेरे साथ एक प्राइवेट ट्रिप प्लान करना चाहते हैं।”
पहले भी भेजे थे आपत्तिजनक संदेश — यूथ कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्ति का विरोध
महिला नेता के अनुसार, यह पहली बार नहीं है। कुछ वर्ष पहले भी विधायक ने उन्हें गलत मैसेज भेजे थे। उन्होंने बताया कि उस समय उन्होंने राहुल ममकूटाथिल की युवा कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्ति का विरोध किया था।
उन्होंने आरोप लगाया:
“मैंने शफी परमबिल से शिकायत की थी, लेकिन शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया… उल्टा मेरा मज़ाक उड़ाया गया।”
युवा महिलाओं के लिए खतरा — महिला नेता
प्रेस बयान में महिला कांग्रेस नेता ने कहा:
“युवा कांग्रेस में बहुत सी महिलाएं आगे बढ़ने आती हैं, लेकिन अगर ऐसे लोग अध्यक्ष बनेंगे तो लड़कियों का शोषण होगा।”
उन्होंने दावा किया कि पार्टी ने शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं की।
पार्टी में निष्कासन की मांग तेज
कांग्रेस के अंदर एक धड़ा ममकूटाथिल को पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर रहा है।
KPCC अध्यक्ष सनी जोसेफ ने कहा:
“आरोप सामने आने के बाद उन्हें अगस्त में ही सस्पेंड कर दिया गया था और पार्लियामेंट्री पार्टी से भी हटाया गया है। समय आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
हमारी राय में
आरोपों की बढ़ती संख्या और पुलिस जांच के बीच
कांग्रेस नेतृत्व को इस मामले पर निर्णायक कार्रवाई करनी ही होगी।
वरना यह विवाद पार्टी के लिए चुनावी और नैतिक — दोनों स्तरों पर नुकसानदायक साबित हो सकता है।