जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के 'सरेंडर' वाले बयान पर किया पलटवार: 'भारत कभी सरेंडर नहीं करता'
नई दिल्ली, 4 जून – कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरेंडर' वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को तीखा पलटवार किया है। नड्डा ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि सरेंडर राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने किया होगा, लेकिन भारत कभी सरेंडर नहीं करता। उन्होंने जोर देकर कहा कि 'सरेंडर' शब्द कांग्रेस की डिक्शनरी और उनके डीएनए में है। जेपी नड्डा ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक के बाद एक कई पोस्ट साझा कर राहुल गांधी के बयान का कड़ा जवाब दिया।
भारतीय सेना के शौर्य का अपमान: नड्डा
जेपी नड्डा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में राहुल गांधी के बयान को भारतीय सेना और राष्ट्र का घोर अपमान बताया। उन्होंने लिखा, "राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के अप्रतिम शौर्य एवं पराक्रम को ‘सरेंडर’ कहकर संबोधित करना, न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि भारतीय सेना और राष्ट्र के साथ-साथ 140 करोड़ भारतवासियों का भी घोर अपमान है।" नड्डा ने आगे कहा कि अगर कोई पाकिस्तानी भी ऐसा कहता तो उस पर हंसा जाता, लेकिन जिस तरह से 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान में तबाही मचाई, उसके बाद पाकिस्तान की जनता से लेकर उसकी सेना और उसके प्रधानमंत्री ने भी ऐसा कहने की हिम्मत नहीं की। उन्होंने राहुल गांधी के इस बयान को "देशद्रोह से कम नहीं" बताया, जो उनके बयान की गंभीरता पर भाजपा के रुख को दर्शाता है।
'ऑपरेशन सिंदूर' और भारत का पराक्रम
भाजपा अध्यक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का हवाला देते हुए भारतीय सेना के शौर्य का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, "भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 300 किमी घुसकर उसके 11 एयरबेस को तबाह किया, 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया, 150 से ज्यादा आतंकी मारे।" नड्डा ने यह भी बताया कि पाकिस्तान खुद दुनिया को रोते-रोते बता रहा था कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 18 जगह हमला करके सब कुछ तबाह कर दिया, और ऐसे में राहुल गांधी देश के सरेंडर की बात कर रहे हैं।
नड्डा ने राहुल गांधी को यह भी याद दिलाया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता की घोषणा सरकार या भाजपा के किसी प्रवक्ता ने नहीं की थी, बल्कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारतीय सेना की बहादुरी, शौर्य एवं पराक्रम का उद्घोष है। नड्डा ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "वास्तव में जिनकी नीतियां सरेंडर की रही हो, उसे इसके आगे कुछ सूझ भी नहीं सकता - क्यों, ऐसा ही है न राहुल गांधी जी?" यह टिप्पणी सीधे तौर पर कांग्रेस की पिछली सरकारों की नीतियों पर निशाना साध रही थी।
कांग्रेस के इतिहास में 'सरेंडर' के आरोप
जेपी नड्डा ने अपने हमले को और तेज करते हुए कांग्रेस पार्टी के इतिहास पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि 'सरेंडर' कांग्रेस पार्टी की डिक्शनरी और उनके डीएनए में है। नड्डा ने राहुल गांधी को अपनी पार्टी की सरकारों का कार्यकाल याद करने की सलाह दी और इतिहास में कांग्रेस द्वारा किए गए कथित 'सरेंडर' के कई उदाहरण गिनाए:
आतंकवाद के सामने सरेंडर: नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आतंकवाद के सामने सरेंडर किया।
शर्म-अल-शेख में सरेंडर: उन्होंने शर्म-अल-शेख समझौते का उल्लेख किया, जिसे भाजपा अक्सर भारत के हितों से समझौता मानती है।
1971 की लड़ाई के बाद शिमला में सरेंडर: नड्डा ने कहा कि 1971 की लड़ाई जीतने के बाद भी कांग्रेस ने शिमला में टेबल पर सरेंडर किया।
सिंधु जल समझौते में सरेंडर: सिंधु जल समझौते को भी कांग्रेस के सरेंडर के एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया।
हाजी पीर का दर्रा सरेंडर: उन्होंने हाजी पीर दर्रे को सरेंडर करने का आरोप लगाया।
छम्ब सेक्टर का 160 किमी इलाका सरेंडर: नड्डा ने 1971 के युद्ध के बाद छम्ब सेक्टर के 160 किलोमीटर के इलाके को सरेंडर करने का भी आरोप लगाया।
1962 की लड़ाई में सरेंडर: 1962 के भारत-चीन युद्ध में भारत की हार को भी कांग्रेस के सरेंडर के रूप में देखा गया।
1948 में सरेंडर: उन्होंने 1948 के कश्मीर मुद्दे पर भी कांग्रेस पर सरेंडर का आरोप लगाया।
देश की आजादी के समय मुस्लिम लीग के सामने सरेंडर: नड्डा ने यहां तक कि देश की आजादी के समय मुस्लिम लीग के सामने भी कांग्रेस के सरेंडर का आरोप लगाया, जो विभाजन के संदर्भ में था।
इन आरोपों के साथ, जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के बयान को न केवल वर्तमान सरकार और सेना का अपमान बताया, बल्कि इसे कांग्रेस पार्टी की ऐतिहासिक नीतियों और दृष्टिकोण से भी जोड़ा, जिससे यह राजनीतिक बहस और तेज हो गई है।