ईरान पर इज़राइली हमले की आशंका के बीच अमेरिका हाई अलर्ट पर
परमाणु वार्ता विफल होने की आशंका, अमेरिकी दूतावासों से कर्मचारियों की वापसी शुरू
वॉशिंगटन, 12 जून (TheTrendingPeople): ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव बढ़ने के बीच अमेरिका ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका को आशंका है कि इज़राइल, अमेरिका की अनुमति के बिना, ईरान के परमाणु ठिकानों पर एकतरफा हमला कर सकता है, यदि ईरान और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता असफल हो जाती है।
ट्रंप बोले – “वे परमाणु हथियार नहीं रख सकते”
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ईरान की ओर से संभावित खतरे के चलते अमेरिका अपने सैन्य और राजनयिक कर्मचारियों को मध्य पूर्व के कुछ क्षेत्रों, विशेषकर ईरान के आस-पास से हटा रहा है।
“हमारे लोग वहां से हट रहे हैं क्योंकि वह जगह खतरनाक हो सकती है... हमने उन्हें सूचित किया है कि वे वहां से निकलें,” ट्रंप ने कहा।
इराक सहित कई जगहों से अमेरिकी कर्मचारियों की वापसी
अमेरिकी विदेश विभाग ने इराक से कुछ राजनयिकों को स्वेच्छा से लौटने की अनुमति दे दी है। साथ ही पेंटागन ने मध्य पूर्व के अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मौजूद सैनिकों के परिवारों को भी वापस लौटने की छूट दी है।
यह कदम उस समय उठाया गया है जब अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते (JCPOA) को लेकर उम्मीदें क्षीण होती जा रही हैं।
इज़राइल तैयार कर रहा है त्वरित हमला?
पिछले महीने Axios की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल ने ईरान पर त्वरित सैन्य हमले की योजना तैयार कर ली है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं कि इज़राइल बिना अमेरिकी जानकारी के कार्रवाई कर सकता है।
“हम उन्हें परमाणु हथियार रखने नहीं देंगे,” ट्रंप ने दोहराते हुए कहा।
ईरान ने दी चेतावनी – “हम तैयार हैं”
इज़राइल की संभावित कार्रवाई पर ईरान ने सख्त चेतावनी दी है। गुरुवार को ईरान सरकार ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट किया:
“We are Ready (हम तैयार हैं)।”
ईरानी रक्षा मंत्री अज़ीज़ नसीरज़ादेह ने कहा कि अगर ईरान पर हमला होता है, तो वह न केवल इज़राइल बल्कि मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर भी जवाबी कार्रवाई करेगा।
“ईरान पर कोई भी हमला युद्ध की घोषणा मानी जाएगी। इसका जवाब कड़ा और त्वरित होगा,” नसीरज़ादेह ने कहा।
अमेरिकी दूतावासों को आपातकालीन निर्देश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने ईरान की रेंज में आने वाले अपने सभी दूतावासों को आपातकालीन एक्शन कमिटी (EAC) सक्रिय करने का निर्देश दिया है।
इन दूतावासों को सुरक्षा उपायों की समीक्षा, निकासी योजना तैयार करने और खतरे की स्थिति में शीघ्र प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने को कहा गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहरीन और कुवैत में स्थित अमेरिकी मिशनों से भी कर्मचारियों की स्वेच्छा से वापसी की अनुमति दी गई है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने ट्रैवल एडवाइजरी अपडेट की
11 जून को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने नई ग्लोबल ट्रैवल एडवाइजरी जारी की, जिसमें मध्य पूर्व में अमेरिकी नागरिकों और कर्मियों को सतर्क रहने को कहा गया।
“बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के चलते 11 जून को अमेरिकी विदेश विभाग ने गैर-आपातकालीन सरकारी कर्मचारियों की वापसी का आदेश दिया,” रुबियो ने कहा।
कूटनीति की संभावनाएं क्षीण
ट्रंप ने New York Post को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें अब ईरान के साथ समझौते की उम्मीद कम लग रही है, विशेषकर उस शर्त को लेकर जिसमें ईरान को यूरेनियम संवर्धन रोकने को कहा गया था।
यदि बातचीत विफल होती है, तो इज़राइल सैन्य कार्रवाई की ओर बढ़ सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र में युद्ध का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
प्रमुख बातें (Key Takeaways):
- अमेरिका ने ईरान के निकट क्षेत्रों से अपने सैनिकों और कर्मचारियों को हटाना शुरू किया।
- इज़राइल द्वारा बिना अमेरिकी सहमति के ईरान पर हमला करने की आशंका बढ़ी।
- ईरान ने चेतावनी दी कि हमले की स्थिति में अमेरिका को भी निशाना बनाया जाएगा।
- अमेरिकी दूतावासों को आपातकालीन योजनाएं सक्रिय करने के निर्देश दिए गए।
- ट्रंप बोले – “ईरान को परमाणु हथियार नहीं रखने देंगे।”
आगे क्या हो सकता है?
आगामी सप्ताहों में यह तय होगा कि क्षेत्र में तनाव युद्ध का रूप लेता है या नहीं। इज़राइल और ईरान के बीच टकराव की स्थिति में अमेरिका को अपने हितों और सहयोगियों की रक्षा के लिए कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं।
जहां एक ओर कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, वहीं अमेरिका के सुरक्षा कदम यह संकेत दे रहे हैं कि वॉशिंगटन किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।