सर्दियों में आंखें ज्यादा होती हैं सेंसटिव: रुखापन, जलन और लालिमा से बचने के लिए आयुर्वेद ने बताए ये आसान उपाय
सर्दियों का मौसम जहां शरीर को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत बताता है, वहीं यह समय आंखों के लिए भी बेहद संवेदनशील होता है। ठंडी हवा, प्रदूषण, सूखी जलवायु और गलत आदतों के कारण आंखों में रुखापन, खुजली, जलन, पानी आना और विजन धुंधला होने की शिकायत तेजी से बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड के मौसम में आंखों की देखभाल न करने पर ड्राई आई सिंड्रोम और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
आयुर्वेद में आंखें: शरीर की आंतरिक स्थिति का आईना
आयुर्वेद के मतानुसार आंखें शरीर की आंतरिक स्थिति को दर्शाती हैं।
शरीर में पित्त असंतुलन, तनाव, नींद की कमी, पाचन कमजोरी, ठंडी प्रकृति के खाद्य पदार्थ और प्रदूषण का पहला असर आंखों पर दिखाई देता है। इसलिए आयुर्वेद आंखों की नियमित देखभाल की सलाह देता है।
त्रिफला जल: आंखों का प्राकृतिक संरक्षक
आयुर्वेद में त्रिफला को नेत्र औषधि माना गया है।
उपयोग विधि:
- रात में एक गिलास पानी में त्रिफला पाउडर भिगो दें
- सुबह उस पानी को छानकर आंखों को धीरे-धीरे धोएं
इससे आंखों का रुखापन कम होता है, खुजली में राहत मिलती है और रेडनेस कम होती है।
देसी गाय का घी: आंखों को पोषण और आराम
देसी घी आंखों को अंदरूनी पोषण देने में मदद करता है।
लाभ के लिए:
- रोजाना एक चम्मच देसी घी भोजन के साथ लें
- आंखों में हल्का काजल की तरह लगाने से तनाव कम होता है और फंसा कचरा बाहर निकलता है
- सोने से पहले पैरों की मालिश और कानों के पीछे घी लगाने से आंखों को आराम मिलता है
आंवला: आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला सुपरफूड
आंवला में मौजूद विटामिन C आंखों की झिल्ली को मजबूत बनाता है और दृष्टि को सुरक्षित रखता है।
उपयोग विधि:
- रोजाना सुबह खाली पेट आंवला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें
- या ताजा आंवला जूस पीएं
स्क्रीन यूजर्स के लिए 20-20-20 रूल
जो लोग कंप्यूटर या मोबाइल पर लंबे समय तक काम करते हैं, उनके लिए यह रूल बेहद जरूरी है:
- हर 20 मिनट पर
- 20 सेकंड के लिए
- 20 फीट दूर स्थित किसी वस्तु को देखें
यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है और थकान कम करता है।
गुलाब जल और पलाश जल: प्रदूषण से बचाव
रोजाना आंखों में शुद्ध गुलाब जल या पलाश जल की 1–2 बूंदें डालने से जलन, खुजली और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
पलकें झपकाना न भूलें
स्क्रीन पर काम करते समय हम अक्सर पलकें झपकाना भूल जाते हैं, जिससे आंखों की नमी कम होती है।
हर कुछ सेकंड में पलकें झपकाने की आदत आंखों के सूखेपन को रोकती है।
सावधानी
इन घरेलू उपायों के बावजूद यदि आंखों में
- तेज दर्द
- बहुत अधिक जलन
- दृष्टि धुंधली
- या लगातार पानी आना जैसी समस्या बनी रहे
- तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए।
TheTrendingPeople.com की राय में
सर्दियों के दौरान आंखों की सुरक्षा को अक्सर लोग हल्के में ले लेते हैं, जबकि यह मौसम आंखों के लिए सबसे ज्यादा जोखिमभरा होता है। आयुर्वेदिक उपाय सस्ते, सुरक्षित और आसानी से अपनाए जाने वाले हैं, लेकिन किसी भी लंबी समस्या में डॉक्टर की सलाह हमेशा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।