दूरसंचार विभाग के नए नियम लागू: WhatsApp Web समेत सभी वेब-आधारित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म हर छह घंटे में लॉगआउट होंगे
दूरसंचार विभाग की ओर से मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए जारी नए नियम लागू हो गए हैं। इन निर्देशों के बाद अब WhatsApp Web, Telegram Web, Signal Web, Aratai, Snapchat, ShareChat सहित सभी वेब-आधारित प्लेटफॉर्मों पर उपयोगकर्ताओं को हर छह घंटे में स्वचालित रूप से लॉगआउट किया जाएगा।
सरकार के अनुसार यह कदम साइबर धोखाधड़ी और बिना सिम वाले विदेशी कनेक्शन के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
वेब प्लेटफॉर्म पर सिम लिंकिंग अनिवार्य
नए नियम में स्पष्ट किया गया है कि वेब प्लेटफॉर्म के यूजर रजिस्ट्रेशन के समय उपयोग में लाई गई सिम मैसेजिंग सेवाओं से जुड़ी होनी चाहिए।
इसका अर्थ है कि मैसेजिंग ऐप्स की सेवाएं तभी सक्रिय रहेंगी जब
- सिम फोन में मौजूद हो
- सिम सक्रिय अवस्था में हो
जैसे ही सिम बंद हो जाएगी या फोन में नहीं रहेगी, उपयोगकर्ता WhatsApp और अन्य ऐप्स की सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
90 दिन तक सिम न होने पर सेवा बंद
दूरसंचार विभाग के सर्कुलर के अनुसार, यदि डिवाइस में मूल सिम मौजूद नहीं है तो 90 दिनों के बाद एप्लिकेशन की सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। इसके साथ ही सभी वेब-आधारित मैसेजिंग प्लेटफॉर्मों को चार महीनों के भीतर सरकार को अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।
साइबर धोखाधड़ी रोकने पर जोर
सरकार ने कहा है कि नया नियम साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी पर नियंत्रण के लिए लागू किया गया है, क्योंकि
कई साइबर जालसाज भारत के बाहर से बिना सिम के WhatsApp का उपयोग करके धोखाधड़ी करते थे।
सिम बाइंडिंग मॉडल लागू होने से
- सब्सक्राइबर की पहचान ट्रैक की जा सकेगी
- संदिग्ध गतिविधियों पर नियंत्रण संभव होगा
- ऑनलाइन फ्रॉड मामलों में तेजी से कार्रवाई की जा सकेगी
WhatsApp जैसी वैश्विक सेवाओं को सिस्टम दोबारा डिजाइन करना पड़ सकता है
नए नियमों के तहत प्लेटफॉर्मों को सिम में संग्रहीत अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल ग्राहक पहचान (IMSI) तक पहुंच की आवश्यकता होगी।
इस कारण WhatsApp और अन्य कंपनियों को भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए अपने सिस्टम के कुछ हिस्सों को तकनीकी रूप से पुनः डिजाइन करना होगा।
टेक कंपनियों और दूरसंचार क्षेत्र की अलग-अलग राय
टेक कंपनियों ने कहा है कि
- हर छह घंटे में वेब लॉगआउट
- लगातार सिम वैरिफिकेशन
से उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी प्रभावित होगी और मल्टी-डिवाइस सुविधा समाप्त हो जाएगी।
दूसरी ओर, दूरसंचार कंपनियों ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि
नियम लागू होने से धोखाधड़ी और ऑनलाइन अपराधों में कमी आएगी तथा साइबर सुरक्षा मजबूत होगी
TheTrendingPeople.com की राय में
साइबर अपराध पर नियंत्रण की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन सुरक्षा और सुविधा के बीच संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है। बार-बार लॉगआउट के कारण आम उपयोगकर्ताओं और कार्यस्थलों में WhatsApp Web पर निर्भरता प्रभावित हो सकती है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि टेक कंपनियां और सरकार इन बदलावों को उपयोगकर्ता अनुभव को सुरक्षित रखते हुए कैसे लागू करती हैं।