'शेर अभी बूढ़ा नहीं हुआ'—विजय हजारे ट्रॉफी में विराट-रोहित का तांडव, शतकों से दिया 2027 वर्ल्ड कप का अल्टीमेटमImage: NDTV
बेंगलुरु/जयपुर — भारतीय क्रिकेट में अक्सर यह बहस छिड़ती है कि क्या सीनियर खिलाड़ियों का दौर खत्म हो चुका है? लेकिन जब भी यह शोर उठता है, 'किंग' और 'हिटमैन' अपने बल्ले से ऐसा जवाब देते हैं कि दुनिया देखती रह जाती है। विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) में मंगलवार का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया, जब टीम इंडिया के दो सबसे बड़े स्तंभों—विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma)—ने अपने-अपने मुकाबलों में शतकीय पारियां खेलकर कोहराम मचा दिया।
जहाँ एक तरफ युवा खिलाड़ी फॉर्म के लिए जूझ रहे हैं, वहीं इन दिग्गजों ने 2027 वनडे विश्व कप के लिए अपनी मजबूत दावेदारी ठोक दी है। बेंगलुरु से लेकर जयपुर तक, इन दोनों ने गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की कि चयनकर्ताओं से लेकर आलोचकों तक, सबके मुंह बंद हो गए।
विराट का 'विराट' अवतार: 15 साल बाद घरेलू पिच पर धमाका
बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) में दिल्ली की जर्सी में उतरे विराट कोहली ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ वह कर दिखाया, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। 37 वर्षीय कोहली ने महज 83 गेंदों में दमदार शतक जड़ा। यह उनके करियर का 58वां लिस्ट-ए शतक था।
- सचिन के क्लब में एंट्री: इस पारी के दौरान विराट ने एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया। वे लिस्ट-ए क्रिकेट में 16,000 रन पूरे करने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर ने किया था। (वैश्विक सूची में 22,211 रनों के साथ ग्राहम गूच शीर्ष पर हैं)।
- फॉर्म की वापसी: 11 जनवरी से शुरू होने वाली न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले यह पारी एक शुभ संकेत है। अपने आखिरी चार वनडे मैचों (साउथ अफ्रीका सीरीज सहित) में कोहली ने चार बार 50+ का स्कोर बनाया है, जिसमें दो शतक शामिल हैं।
आलोचकों को जवाब (Gautam Gambhir Angle): क्रिकेट के गलियारों में चर्चा थी कि हेड कोच गौतम गंभीर और टीम प्रबंधन 2027 के लिए युवाओं को तराशना चाहते हैं। लेकिन विराट की इस पारी को विश्लेषक 'गंभीर के मुंह पर करारा तमाचा' या आलोचकों के लिए एक सख्त संदेश मान रहे हैं कि वे अभी रुकने वाले नहीं हैं।
जयपुर में 'हिटमैन' शो: 94 गेंदों में 155 रन का तूफान
उधर जयपुर में, मुंबई के लिए खेलते हुए भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने सिक्किम के गेंदबाजों के धागे खोल दिए। सात साल बाद घरेलू लीग में उतरते हुए रोहित ने एक ऐसी पारी खेली जो टी20 के रोमांच को भी मात दे गई।
- आतिशबाजी: रोहित ने महज 94 गेंदों में 155 रन कूट दिए। उनकी पारी में 18 चौके और 9 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
- मैच का हाल: पहले बल्लेबाजी करते हुए सिक्किम ने 236 रन बनाए थे। जवाब में, रोहित के इस तूफानी शतक के दम पर मुंबई ने 30.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया और 8 विकेट से शानदार जीत दर्ज की।
रोहित का यह आक्रामक अंदाज बताता है कि वे अभी भी दुनिया के सबसे खतरनाक ओपनर्स में से एक हैं और 2027 वर्ल्ड कप तक अपनी फिटनेस और फॉर्म को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
फैंस हुए निराश: नहीं देख पाए ऐतिहासिक पारियां
इस शानदार प्रदर्शन के बीच एक मायूसी वाली खबर भी रही। विराट और रोहित के करोड़ों फैंस इन ऐतिहासिक पारियों को लाइव नहीं देख पाए।
- टेलीकास्ट का अभाव: ब्रॉडकास्टिंग फैसिलिटी का सेटअप केवल नरेंद्र मोदी स्टेडियम (अहमदाबाद) और निरंजन शाह स्टेडियम (राजकोट) में उपलब्ध था।
- तकनीकी कारण: बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और जयपुर के ग्राउंड पर लाइव टेलीकास्ट या स्ट्रीमिंग की सुविधा नहीं थी। फैंस को केवल स्कोरकार्ड और सोशल मीडिया अपडेट्स से संतोष करना पड़ा।
2027 वर्ल्ड कप: युवाओं बनाम अनुभव की जंग
विजय हजारे ट्रॉफी में इन दोनों दिग्गजों का प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि वे अपनी जगह आसानी से खाली करने वाले नहीं हैं। 2027 का वर्ल्ड कप अभी दूर है, लेकिन विराट और रोहित ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उस टीम का हिस्सा बनने के लिए अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे। यह प्रदर्शन चयनकर्ताओं के लिए एक 'सिरदर्द' भी है और 'राहत' भी—सिरदर्द इसलिए कि युवाओं को जगह कैसे दें, और राहत इसलिए कि उनके पास अभी भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मैच-विनर्स मौजूद हैं।
हमारी राय
क्रिकेट में फॉर्म अस्थायी है, लेकिन 'क्लास' स्थायी है। विराट कोहली और रोहित शर्मा ने घरेलू क्रिकेट में उतरकर जो समर्पण दिखाया है, वह काबिले तारीफ है। अक्सर बड़े खिलाड़ी रणजी या विजय हजारे ट्रॉफी खेलने से बचते हैं, लेकिन इनका मैदान पर उतरना खेल के प्रति इनके जुनून को दर्शाता है।
The Trending People का मानना है कि इन पारियों ने भारतीय क्रिकेट में एक नई ऊर्जा भर दी है। जहाँ हम शुभमन गिल और सूर्या की फॉर्म को लेकर चिंतित थे, वहीं हमारे 'सिनियर्स' ने कमान संभाल ली है। विराट का 16,000 रन बनाना और रोहित का 150+ स्कोर करना यह साबित करता है कि अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता। अब न्यूजीलैंड सीरीज में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह 'घरेलू आग' अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसी तरह धधकती है या नहीं।