बांग्लादेश में नया बवंडर—"चुनाव टालने के लिए यूनुस ने कराई हत्या," उस्मान हादी के भाई ने जनाजे पर सरकार की पोल खोली
ढाका/नई दिल्ली — बांग्लादेश की खदबदाती राजनीति में एक और भूचाल आ गया है। अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) पर अब तक का सबसे संगीन और सीधा आरोप लगा है। यह आरोप किसी विरोधी दल ने नहीं, बल्कि हाल ही में मारे गए युवा नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी (Sharif Usman Hadi) के परिवार ने लगाया है। हादी के भाई ने खुले मंच से सरकार को ललकारते हुए कहा है कि उनके भाई की हत्या कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि आगामी फरवरी में होने वाले आम चुनावों को रद्द कराने की एक गहरी सरकारी साजिश है।
इस बयान ने ढाका से लेकर अंतरराष्ट्रीय गलियारों तक सनसनी फैला दी है। जहां एक तरफ सरकार भारत के साथ रिश्ते सुधारने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ घर के भीतर ही उस पर 'लोकतंत्र की हत्या' करने के आरोप लग रहे हैं।
जनाजे में फूटा गुस्सा: "लाश दिखाकर चुनाव टालना चाहते हैं यूनुस"
20 दिसंबर को मध्य ढाका में भारी सुरक्षा के बीच उस्मान हादी का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में समर्थक और आम लोग जमा हुए। जनाजे के दौरान हादी के बड़े भाई अबू बकर (Abu Bakar) और परिजन उमर हादी ने जो कहा, उसने वहां मौजूद भीड़ के गुस्से को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया।
उमर हादी ने बेहद तीखे शब्दों में कहा:
"अगर आप न्याय नहीं दे सकते, तो सत्ता छोड़ दीजिए। आपने उस्मान हादी को मार डाला और अब उसी की लाश दिखाकर देश में अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं ताकि चुनाव टाले जा सकें।"
उन्होंने साफ चेतावनी दी कि अगर उनके भाई को न्याय नहीं मिला, तो मौजूदा सत्ता को भी देश छोड़ना पड़ेगा। यह बयान केवल एक शोक संतप्त भाई का दर्द नहीं, बल्कि उस अविश्वास का प्रतीक है जो जनता और अंतरिम सरकार के बीच पैदा हो चुका है।
कौन थे उस्मान हादी और क्यों थे अहम?
32 वर्षीय उस्मान हादी बांग्लादेश की युवा राजनीति का एक उभरता हुआ चेहरा थे।
- क्रांति के नायक: वे जुलाई 2024 के उस ऐतिहासिक छात्र-युवा आंदोलन का प्रमुख हिस्सा थे, जिसने शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका था।
- संभावित उम्मीदवार: फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों में उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था। उनकी लोकप्रियता और बेबाक अंदाज ही शायद उनके दुश्मनों की आंख की किरकिरी बन गया।
हत्या का घटनाक्रम: 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर (Bijaynagar) इलाके में उन्हें बेहद करीब से गोली मारी गई थी। गंभीर हालत में उन्हें एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया, लेकिन 18 दिसंबर को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद से ढाका सुलग रहा है।
साजिश का एंगल: चुनाव रद्द कराने का 'खूनी खेल'?
हादी के परिवार का आरोप है कि यूनुस सरकार चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। उनका तर्क है कि सरकार देश में हिंसा और अराजकता (Chaos) का माहौल बनाए रखना चाहती है ताकि सुरक्षा का हवाला देकर फरवरी के चुनाव अनिश्चितकाल के लिए टाले जा सकें और अंतरिम सरकार सत्ता में बनी रहे।
परिवार का भारत विरोधी जहर: जहां एक तरफ सरकार पर आरोप लगे, वहीं दूसरी तरफ हादी के परिवार ने भारत विरोधी मानसिकता का भी प्रदर्शन किया। 'न्यूज एक्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, हादी की बहन ने कथित तौर पर कहा कि "हर घर में भारत के खिलाफ जिहाद की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और इसमें लिंग (Gender) को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।" यह बयान दर्शाता है कि पीड़ित परिवार भी कट्टरपंथी विचारधारा से अछूता नहीं है।
सरकार का 'डबल गेम': भारत से चावल, घर में कलह
इस घरेलू संकट के बीच, यूनुस सरकार भारत के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश करती दिख रही है।
- चावल का सौदा: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को बताया कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने नई दिल्ली के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने भारत से 50,000 टन चावल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- कूटनीतिक प्रयास: अहमद ने कहा, "मुख्य सलाहकार भारत के साथ कूटनीतिक संबंध सुधारने पर काम कर रहे हैं और वह स्वयं भी इस विषय पर विभिन्न पक्षों से बात कर रहे हैं।"
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि भारत से चावल खरीदना मजबूरी है क्योंकि बांग्लादेश में खाद्य संकट गहरा रहा है, न कि यह भारत प्रेम का संकेत है।
हमारी राय
बांग्लादेश में जो घट रहा है, वह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। उस्मान हादी की हत्या और उसके बाद उनके परिवार द्वारा लगाए गए आरोप यह साबित करते हैं कि वहां सत्ता संघर्ष अब खूनी रूप ले चुका है। अगर यूनुस सरकार वास्तव में चुनाव टालने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है, जैसा कि आरोप है, तो यह 'क्रांति' के नाम पर जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा होगा।
The Trending People का मानना है कि यूनुस सरकार एक तरफ भारत विरोधी तत्वों (जैसे हादी का परिवार) को खुश करने की कोशिश करती है और दूसरी तरफ भारत से चावल मांगती है। यह 'दोमुंही नीति' (Double Standard) ज्यादा दिन नहीं चल सकती। एक भाई का यह कहना कि "लाश दिखाकर चुनाव टालना चाहते हैं", बेहद गंभीर है। अगर फरवरी में निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, तो बांग्लादेश एक लंबे गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है, जिसकी आंच पूरे दक्षिण एशिया को महसूस होगी।
