Stress Side Effects बड़ा खतरा: लंबे समय तक तनाव लेने से याददाश्त, पाचन और आंखों पर सीधा असर, आयुर्वेद ने बताए असरदार उपायImage: IANS
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम बात बन चुका है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव बेहद गंभीर हैं। तनाव केवल मन को प्रभावित नहीं करता, बल्कि पूरा शरीर उसकी गिरफ्त में आ जाता है। डॉक्टरों और आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक, लंबे समय तक तनाव लेने से दिमाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, पाचन कमजोर होता है, आंखों की रोशनी तक कम होने लगती है और प्रतिरोधक क्षमता गिर जाती है। अगर समय रहते तनाव को नियंत्रित न किया जाए तो शरीर बीमारियों का घर बन सकता है।
तनाव शरीर पर कैसे असर डालता है
लंबे समय तक तनाव रहने पर शरीर में ये बदलाव शुरू हो जाते हैं—
• याददाश्त कमजोर होना
• आंखों की दृष्टि कम होना
• पाचन शक्ति घट जाना
• मुंह का स्वाद खत्म होना
• कमजोरी और थकान
• बुखार जैसा महसूस होना
• समय से पहले बाल सफेद होना
• दिमाग का शरीर को संकेत भेजना कम हो जाना
विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन बढ़ता है, जिसके चलते मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर नुकसान होता है।
आयुर्वेद तनाव को कैसे देखता है
आयुर्वेद में तनाव को मनरोग कहा गया है। इसके अनुसार मन का उपचार दवाओं से नहीं बल्कि जीवनशैली, दिनचर्या और संयम से किया जा सकता है। तनाव कम करने के लिए आयुर्वेद कई प्राकृतिक तरीके सुझाता है।
तनाव कम करने के आयुर्वेदिक उपाय
1. सिर और पैरों की मालिश
• गर्म तेल से सिर और तलवों की मसाज
• वात दोष कम होता है
• दिमाग को आराम और नींद बेहतर होती है
2. ये जड़ी-बूटियां फायदेमंद
| औषधि | लाभ |
|---|---|
| ब्राह्मी | मानसिक शांति, फोकस बढ़ाती है |
| शंखपुष्पी | याददाश्त और एकाग्रता सुधारती है |
| अश्वगंधा | तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करती है |
3. तुलसी और गिलोय की चाय
• तुलसी मन को शांत करती है
• गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है
दोनों मिलकर मानसिक और शारीरिक संतुलन सुधारते हैं।
4. सात्विक भोजन
• तला-भुना और मसालेदार भोजन कम करें
• हल्की खिचड़ी, दाल, उबली सब्जियां और मौसमी फल लाभकारी
• पर्याप्त पानी पिएं
5. प्रकृति के बीच समय बिताना
• पसंदीदा जगह पर घूमना
• पसंदीदा गतिविधियां करना
मन को तनाव से बाहर निकालने में कारगर तरीका माना जाता है।
हमारी राय में
तनाव को अनदेखा करना गंभीर गलती है। अगर लगातार थकान, नींद की कमी, बाल सफेद होना, चिड़चिड़ापन या भूलने की आदत बढ़ रही है तो यह शरीर का संकेत है कि मानसिक दबाव सीमाओं को पार कर रहा है। दवाओं के बजाय जीवनशैली में सुधार, नींद, संतुलित भोजन और मन को शांत करने वाली गतिविधियों को प्राथमिकता देना तनाव को खत्म करने का सबसे सुरक्षित तरीका है।
