रणवीर सिंह विवाद: चामुंडा देवी टिप्पणी पर आस्था भड़की, एक्टर ने मांगी माफी
अपनी आने वाली फिल्म ‘धुरंधर’ के प्रमोशन में जुटे अभिनेता रणवीर सिंह इस समय विवादों में घिर गए हैं। गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में ऋषभ शेट्टी की सुपरहिट फिल्म ‘कांतारा’ की तारीफ करते हुए की गई एक टिप्पणी ने धार्मिक भावनाओं को आहत कर दिया है। वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में विरोध तेज हो गया और सोशल मीडिया पर रणवीर के खिलाफ नाराज़गी देखने को मिली।
कहां से शुरू हुआ विवाद
फेस्टिवल के मंच पर रणवीर सिंह ‘कांतारा: चैप्टर वन’ देखने के अनुभव के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने फिल्म में आने वाले चामुंडा देवी (दैवी शक्ति) के दृश्य का जिक्र करते हुए उन्हें “फीमेल भूत” कह दिया और उस सीन की नकल भी उतारी। स्टेज से उतरते समय उन्होंने दोबारा वही एक्ट दोहराया, जिसे ऋषभ शेट्टी ने मंच पर ही उन्हें रोकते हुए टालने के लिए कहा था।
वीडियो सोशल मीडिया पर फैलते ही विरोध शुरू हो गया। कर्नाटक सहित देशभर के लोगों ने चामुंडा देवी को “भूत” कहने को आस्था का अपमान बताया।
रणवीर सिंह की सफाई और माफी
विवाद बढ़ने पर सोमवार को रणवीर सिंह ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर लिखते हुए सफाई दी—
“मेरा मकसद फिल्म में ऋषभ की जबरदस्त परफॉर्मेंस को हाईलाइट करना था। हर एक्टर जानता है कि उस सीन को उस तरह निभाना कितनी मेहनत मांगता है और मैं उनकी दिल से तारीफ कर रहा था।”
उन्होंने आगे लिखा—
“मैंने हमेशा देश की संस्कृति, परंपरा और विश्वास का बहुत सम्मान किया है। अगर अनजाने में मेरी बात से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं दिल से माफी मांगता हूं।”
सोशल मीडिया पर गुस्सा बरकरार
रणवीर की सफाई के बाद भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ थमी नहीं हैं।
कई यूजर्स ने इसे देवी का अपमान बताते हुए कानूनी कार्रवाई और सार्वजनिक माफी की मांग जताई।
कई उपयोगकर्ताओं ने लिखा कि मंच पर मौजूद ऋषभ शेट्टी द्वारा तुरंत रोक देने के बावजूद रणवीर का एक्ट दोहराना ज़िम्मेदाराना व्यवहार नहीं था।
‘कांतारा’ और आस्था का मुद्दा क्यों संवेदनशील है
कांतारा का प्रमुख दृश्य देवी की देवत्व ऊर्जा और परंपरा पर आधारित है, जिसे दक्षिण भारत में अत्यंत पवित्र माना जाता है। फिल्म की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुति रही है, इसलिए ऐसे संदर्भ पर की गई टिप्पणी भावनात्मक प्रतिक्रिया का कारण बनी।
TheTrendingPeople की राय में
किसी भी बड़े मंच पर मौजूद सार्वजनिक हस्तियों से शब्दों और अभिव्यक्ति में जिम्मेदारी की उम्मीद की जाती है।
फिल्मी चर्चा के बीच आस्था से जुड़ी भावनाएँ अनजाने में भी आहत हो सकती हैं।
ऐसे में संवेदनशीलता और सम्मान बनाए रखना ही विवादों से दूर रहने का सबसे सुरक्षित रास्ता है