PM किसान सम्मान निधि पर बड़ा अपडेट—अब 'फार्मर आईडी' बिना अटक सकती है 6,000 रुपये की किस्त, सरकार ने कड़े किए नियम
नई दिल्ली — देश के करोड़ों अन्नदाताओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बेहद महत्वपूर्ण और सतर्क करने वाली खबर सामने आई है। यदि आप भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan Samman Nidhi) योजना के लाभार्थी हैं और सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए अनिवार्य है। सरकार ने इस योजना में पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए एक बड़ा तकनीकी बदलाव किया है।
अब किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लेना पहले की तरह सरल नहीं रहेगा। केंद्र सरकार ने 'एग्री स्टैक' (Agri Stack) परियोजना के तहत किसानों की एक विशिष्ट डिजिटल पहचान तैयार करना शुरू कर दिया है, जिसे 'फार्मर आईडी' (Farmer ID) नाम दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि यदि किसी किसान के पास यह आईडी नहीं होगी, तो भविष्य में पीएम किसान सम्मान निधि समेत अन्य कृषि योजनाओं की किस्त अटक सकती है।
क्या है 'फार्मर आईडी' और क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत?
सरल शब्दों में समझें तो जैसे देश के हर नागरिक के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) एक पहचान है, वैसे ही अब किसानों के लिए 'फार्मर आईडी' उनकी खेती-किसानी की डिजिटल कुंडली होगी।
- डिजिटल पहचान: इसमें केवल किसान का नाम और पता नहीं, बल्कि उसकी खेती से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी दर्ज होगी।
- क्या-क्या होगा शामिल: इसमें किसान की जमीन का रिकॉर्ड (Land Record), कौन सी फसल बोई जा रही है, खाद-बीज का उपयोग, पशुपालन की स्थिति और खेती से होने वाली आय का पूरा ब्यौरा शामिल होगा।
- उद्देश्य: इसी आईडी के आधार पर सरकार अब यह तय करेगी कि कौन सा किसान वास्तव में किस योजना का पात्र (Eligible) है और कौन नहीं।
फर्जीवाड़े पर नकेल: पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त को अब सीधे इस Farmer ID से लिंक किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य सही किसान तक सही समय पर पैसा पहुँचाना है। पिछले कुछ वर्षों में फर्जी रजिस्ट्रेशन, एक ही परिवार में कई लोगों द्वारा लाभ लेना, या जिनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है उनके द्वारा भी पैसा लेने के मामले सामने आए थे। फार्मर आईडी इन सभी खामियों को सिस्टम से बाहर कर देगी।
एग्री स्टैक (Agri Stack): खेती का डिजिटल भविष्य
केंद्र सरकार 'एग्री स्टैक' परियोजना पर तेजी से काम कर रही है। यह एक डिजिटल इकोसिस्टम है जहां किसानों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में खाद (Fertilizer) की सब्सिडी हो, फसल बीमा (Crop Insurance) का क्लेम हो, या कृषि ऋण (KCC)—सब कुछ इसी एक आईडी के जरिए संचालित होगा। इसे किसानों के लिए 'वन स्टॉप सॉल्यूशन' माना जा रहा है।
कैसे बनाएं अपनी Farmer ID? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
सरकार ने आईडी बनाने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सुलभ बनाने की कोशिश की है। यहाँ ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी दी गई है:
- पोर्टल पर जाएं: सबसे पहले किसान को अपने राज्य के निर्धारित AgriStack Portal या केंद्र सरकार की कृषि वेबसाइट पर जाना होगा।
- रजिस्ट्रेशन: होम पेज पर 'Create New User' या 'Farmer Registration' का विकल्प चुनें।
- आधार सत्यापन: अपना आधार नंबर दर्ज करें और e-KYC प्रक्रिया पूरी करें। आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे दर्ज करके वेरिफाई करना होगा।
- प्रोफाइल सेटअप: मोबाइल नंबर की पुष्टि के बाद अपना पासवर्ड सेट करें और लॉगिन करें।
- जमीन का ब्यौरा: लॉगिन करने के बाद “Farmer Type” में 'Owner' (मालिक) चुनें और “Fetch Land Detail” पर क्लिक करें। यहाँ आपको अपने खेत का खसरा नंबर, खाता नंबर और रकबा जैसी जानकारी भरनी होगी। यदि एक से अधिक जगह जमीन है, तो सभी का विवरण देना अनिवार्य है।
- सोशल रजिस्ट्री: जमीन की जानकारी भरने के बाद 'Social Registry' टैब में अपनी फैमिली आईडी (Family ID) या राशन कार्ड की जानकारी दर्ज करनी होगी।
- अंतिम चरण: अंत में 'Department Approval' में जाकर राजस्व विभाग (Revenue Department) को चुनें, सहमति पत्र (Consent) पर टिक करें और डिजिटल साइन करके फॉर्म सबमिट कर दें।
ऑफलाइन विकल्प: पंचायत स्तर पर शिविर
जो किसान तकनीक से बहुत परिचित नहीं हैं या जिनके पास स्मार्टफोन/इंटरनेट की सुविधा नहीं है, उनके लिए सरकार ने ऑफलाइन व्यवस्था भी की है।
कई राज्यों में पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं।
किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर भी अपनी आईडी बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, जमीन के कागजात (खतौनी) और बैंक पासबुक साथ ले जाना होगा।
किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे अंतिम तारीख का इंतज़ार न करें और समय रहते अपनी Farmer ID बनवा लें, ताकि पीएम किसान की अगली किस्त (Installment) उनके खाते में बिना किसी रुकावट के आ सके।
हमारी राय
सरकार का 'फार्मर आईडी' बनाने का निर्णय भारतीय कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल सरकारी योजनाओं में होने वाला लीकेज (रिसाव) बंद होगा, बल्कि नीति निर्माताओं को सटीक डेटा भी मिलेगा, जिससे वे किसानों के लिए बेहतर नीतियां बना सकेंगे।
The Trending People का मानना है कि मंशा अच्छी होने के बावजूद, इसकी राह में चुनौतियां कम नहीं हैं। भारत में एक बड़ा किसान वर्ग अभी भी डिजिटल साक्षरता से दूर है। इंटरनेट कनेक्टिविटी और सर्वर की समस्याएं ग्रामीण इलाकों में आम हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि 'डिजिटल आईडी' के नाम पर कोई भी पात्र और गरीब किसान योजना के लाभ से वंचित न रह जाए। इसके लिए ग्राम प्रधानों और कृषि मित्रों की जवाबदेही तय करनी होगी ताकि वे घर-घर जाकर इस अभियान को सफल बनाएं। यह कदम तभी सार्थक होगा जब यह 'बाधा' बनने के बजाय 'सुविधा' बने।
