नेशनल डेस्क: रेल यात्रियों के लिए 'गुड न्यूज़'—रिजर्वेशन चार्ट के नियमों में बड़ा बदलाव, अब आखिरी वक्त की धड़कनें नहीं बढ़ेंगीसांकेतिक फोटो.
नई दिल्ली, दिनांक: 17 दिसंबर 2025 — भारतीय रेलवे (Indian Railways), जिसे देश की जीवन रेखा कहा जाता है, ने अपने करोड़ों यात्रियों को एक बड़ी सौगात दी है। अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं और चार्ट बनने के इंतज़ार में आखिरी वक्त तक परेशान रहते हैं, तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। रेलवे बोर्ड ने रिजर्वेशन चार्ट (Reservation Chart) तैयार करने की प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए नए आदेश जारी किए हैं। इस नए नियम के तहत अब यात्रियों को अपनी सीट की स्थिति (Confirmation Status) यात्रा से काफी पहले पता चल सकेगी, जिससे उनकी यात्रा की प्लानिंग और भी सुगम हो जाएगी।
रेलवे के इस फैसले को यात्री सुविधाओं की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जो विशेष रूप से लंबी दूरी और सुबह की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें कम करेगा।
क्या है नया आदेश? समझिए आसान भाषा में
रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जोनल रेलवे को जारी किए गए निर्देश के मुताबिक, अब ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट प्रस्थान समय से काफी पहले तैयार किया जाएगा। पहले अमूमन ट्रेन छूटने से 4 घंटे पहले चार्ट बनता था, लेकिन अब इसे बदलकर समय सीमा को और पहले कर दिया गया है।
नए टाइम टेबल का पूरा गणित:
- सुबह और दोपहर की ट्रेनें (05:01 AM से 02:00 PM): रवि सिंह की रिपोर्ट और रेलवे के आदेश के अनुसार, जो ट्रेनें सुबह 5:01 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे के बीच अपने शुरूआती स्टेशन से प्रस्थान करती हैं, उनका पहला रिजर्वेशन चार्ट अब एक दिन पहले रात 8:00 बजे तक तैयार कर दिया जाएगा।
- फायदा: मान लीजिए आपकी ट्रेन सुबह 6 बजे की है। पहले आपको रात के 2 बजे या सुबह 4 बजे तक चार्ट का इंतज़ार करना पड़ता था। अब आपको पिछली रात 8 बजे ही पता चल जाएगा कि आपकी सीट कन्फर्म हुई है या नहीं, जिससे आप चैन की नींद सो सकेंगे।
- दोपहर, शाम और रात की ट्रेनें (02:01 PM से 11:59 PM): जो ट्रेनें दोपहर 2:01 बजे से रात 11:59 बजे के बीच चलती हैं, उनके लिए रेलवे ने आदेश दिया है कि रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन छूटने से कम से कम 10 घंटे पहले तैयार किया जाए।
- रात से सुबह जल्दी चलने वाली ट्रेनें (12:00 AM से 05:00 AM): मिडनाइट यानी रात 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच चलने वाली ट्रेनों के लिए भी चार्ट तैयार करने की समय सीमा कम से कम 10 घंटे पहले निर्धारित की गई है।
क्यों पड़ी इस बदलाव की ज़रूरत?
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि चार्ट टाइमिंग (Chart Timing) यात्री के अनुभव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पुराने नियमों के चलते कई बार यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था।
- अनिश्चितता का अंत: वेटिंग लिस्ट (Waiting List) वाले यात्रियों के लिए आखिरी के कुछ घंटे बेहद तनावपूर्ण होते थे। चार्ट न बनने तक वे यह तय नहीं कर पाते थे कि स्टेशन जाएं या नहीं। नए नियम से यह अनिश्चितता खत्म होगी।
- वैकल्पिक व्यवस्था: अगर किसी यात्री का टिकट कन्फर्म नहीं होता है, तो 10-12 घंटे पहले स्थिति साफ होने पर वह बस, फ्लाइट या दूसरी ट्रेन में विकल्प तलाश सकता है। आखिरी वक्त पर चार्ट बनने से यह मौका हाथ से निकल जाता था।
- कनेक्टिंग जर्नी: लंबी दूरी के यात्री जो एक शहर से दूसरे शहर आकर ट्रेन पकड़ते हैं, उनके लिए यह फैसला वरदान साबित होगा। अब वे अपने घर से ही सीट का स्टेटस जानकर निकल सकेंगे।
पारदर्शिता और सीट उपलब्धता में सुधार
रेलवे बोर्ड का कहना है कि यह नया सिस्टम न केवल सुविधाजनक है, बल्कि अधिक पारदर्शी (Transparent) भी है।
- वेटिंग टिकट वालों को राहत: जब चार्ट जल्दी बनेगा, तो वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को क्लियर तस्वीर मिलेगी।
- खाली सीटों का उपयोग: अक्सर चार्ट बनने के बाद कई कन्फर्म टिकट कैंसिल होते हैं। जब चार्ट पहले बनेगा, तो इन कैंसिल हुई सीटों को आरएसी (RAC) या वेटिंग वाले यात्रियों को आवंटित करने या करंट बुकिंग (Current Booking) के लिए खोलने का पर्याप्त समय मिल जाएगा। इससे रेलवे की बर्थ खाली नहीं जाएंगी और जरूरतमंद यात्री को सीट मिल जाएगी।
सभी जोनल रेलवे पर तत्काल प्रभाव से लागू
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय किसी एक जोन के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश (Pan-India) में लागू होगा। सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों (GMs) और डिविजनल रेलवे मैनेजर्स (DRMs) को इस आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।
यात्री अब अपनी टिकट का स्टेटस IRCTC की वेबसाइट, रेल कनेक्ट ऐप (Rail Connect App) या 139 पर कॉल करके नए समय के अनुसार चेक कर सकते हैं। रेलवे का दावा है कि इससे टिकट रिफंड और कैंसिलेशन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
TheTrendingPeople.com की राय में (Final Thoughts)
भारतीय रेलवे का यह कदम "यात्री देवो भव:" की भावना को चरितार्थ करता है। सुबह की ट्रेनों का चार्ट पिछली रात 8 बजे तैयार करना एक व्यावहारिक और संवेदनशील निर्णय है। इससे न केवल यात्रियों का मानसिक तनाव कम होगा, बल्कि रेलवे प्रणाली में भी कार्यकुशलता आएगी।
The Trending People का मानना है कि डिजिटल इंडिया के दौर में जब सब कुछ रियल-टाइम हो रहा है, रेलवे का यह सुधार समय की मांग थी। अब चुनौती केवल यह सुनिश्चित करने की है कि तकनीकी खामियों के कारण चार्ट बनने में देरी न हो और टीटीई (TTE) के पास मौजूद हैंडहेल्ड टर्मिनल्स में डेटा समय पर अपडेट हो, ताकि जमीनी स्तर पर यात्रियों को इस सुधार का पूरा लाभ मिल सके। यह निश्चित रूप से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है।