ओही डे (Ohi Day): आत्मसम्मान की वह 'न', जो ग्रीस का राष्ट्रीय गौरव बन गईSource: IANS
एथेंस: इतिहास में कभी-कभी एक साधारण-सा 'हाँ' भी वह कमाल नहीं कर पाता, जो एक मजबूत 'ना' (No) कर दिखाती है। दशकों पहले, यूरोप में एक ऐसा ही ऐतिहासिक क्षण आया जब दो बड़े राष्ट्र आमने-सामने थे। एक महाशक्ति के रूप में था, जबकि दूसरा उसके मुकाबले आर्थिक और सैन्य रूप से कमजोर। लेकिन इसी कमजोर समझे जाने वाले देश ने 'ना' कहने का साहस दिखाया और दुनिया भर में वाहवाही बटोरी।
यह देश था ग्रीस (Greece)। और 28 अक्टूबर 1940 को, ग्रीस के शासक ने इटली के तानाशाह को 'ओही' (OXI - Ohi) यानी 'ना' कहने की हिम्मत दिखाई थी।
तभी से हर साल 28 अक्टूबर को ग्रीस और साइप्रस में 'ओही डे' (Ohi Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह आत्मसम्मान, राष्ट्रीय गौरव और अटूट साहस का प्रतीक बन गया है।
भोर से पहले का अल्टीमेटम
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, 28 अक्टूबर 1940 की भोर होने वाली थी। लगभग 3 बजे, इटली के राजदूत ने ग्रीस के तत्कालीन प्रधानमंत्री इओआनिस मेटाक्सस (Ioannis Metaxas) को एक अल्टीमेटम सौंपा। यह अल्टीमेटम इतालवी तानाशाह बेनीटो मुसोलिनी (Benito Mussolini) के आदेश पर दिया गया था।
इसमें इटली ने ग्रीस से मांग की थी कि वह बिना किसी विरोध के इतालवी सेना को अपनी जमीन पर प्रवेश करने और सामरिक ठिकानों पर कब्जा करने की अनुमति दे।
लेकिन मेटाक्सस ने बिना किसी झिझक के जवाब दिया: “ओही!” (यानी 'ना'!)।
यह एक शब्द केवल एक नेता का जवाब नहीं था, बल्कि यह एक पूरे राष्ट्र की सामूहिक आवाज बन गया, जिसने अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को किसी भी कीमत पर न बेचने का दृढ़ निश्चय किया था।
ग्रीको-इटालियन युद्ध की शुरुआत
'ओही' के जवाब ने मुसोलिनी को क्रोधित कर दिया। अल्टीमेटम की समय सीमा समाप्त होने के कुछ ही घंटों बाद, इतालवी सेना ने ग्रीस पर हमला कर दिया और इस तरह ग्रीको-इटालियन युद्ध (Greco-Italian War) की शुरुआत हुई। यह युद्ध लगभग सात महीनों तक चला।
उस ऐतिहासिक पल से ग्रीस ने यह दिखा दिया कि उसकी आजादी बिकाऊ नहीं है। अपनी सीमित सैन्य शक्ति के बावजूद ग्रीस ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और शुरुआती महीनों में इतालवी सेना को अल्बानिया तक पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
यह साहस आगे चलकर ग्रीक पहचान का एक अभिन्न हिस्सा बन गया।
ओही डे: गौरव और राष्ट्रभक्ति का उत्सव
इसीलिए 28 अक्टूबर आज भी पूरे ग्रीस और साइप्रस में गर्व, स्वतंत्रता और राष्ट्रभक्ति के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ग्रीक लोगों को उस समय की याद दिलाता है जब उन्होंने ताकतवर दुश्मन के सामने झुकने से इनकार कर दिया था।
उत्सव का तरीका:
- सैन्य और छात्र परेड: एथेंस और अन्य प्रमुख शहरों में भव्य सैन्य परेड (Military Parades), झंडारोहण (Flag Hoisting) और स्कूलों के बच्चों का मार्च-पास्ट आयोजित किया जाता है।
- राष्ट्रीय भावना: स्कूलों में देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं, और लोग राष्ट्रीय स्मारकों पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।
- प्रतीक: सड़कों पर और बालकनी में 'ओएक्सआई' (OXI) बड़े अक्षरों में लिखा दिखाई देता है, जो अब एक राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुका है।
ओही डे ग्रीक लोगों के लिए सिर्फ एक छुट्टी नहीं है, बल्कि यह उनकी राष्ट्रीय भावना का एक मजबूत आधार है – कि आजादी की कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।