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नई दिल्ली: भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को देश भर में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की। इस चरण के तहत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा।
दूसरे चरण में शामिल राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:
दूसरे चरण के अंतर्गत निम्नलिखित 12 क्षेत्रों में एसआईआर प्रस्तावित है:
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- तमिलनाडु
- राजस्थान
- पुडुचेरी
- मध्य प्रदेश
- लक्षद्वीप
- केरल
- गुजरात
- गोवा
- छत्तीसगढ़
- अंडमान और निकोबार
मतदाता सूची होगी 'फ्रीज'
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि सोमवार रात से ही इन 12 राज्यों की मतदाता सूची को 'फ्रीज' (रोक) कर दिया जाएगा, ताकि पुनरीक्षण का कार्य सुचारू रूप से शुरू किया जा सके।
SIR की आवश्यकता और औचित्य
सीईसी ने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि पिछली बार इस तरह का सघन पुनरीक्षण (Intensive Revision) 2000 से 2004 के बीच हुआ था। लगभग दो दशक बाद मतदाता सूची में मौजूद अशुद्धियों को दूर करने और उसे पूरी तरह शुद्ध करने के लिए यह विशेष और गहन संशोधन आवश्यक हो गया है।
उन्होंने कहा, ''हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।''
बिहार के पहले चरण की सफलता
ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर के पहले चरण, जो बिहार में संपन्न हुआ, की सफलता की सराहना की। उन्होंने बताया कि बिहार में पुनरीक्षण के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा 'शून्य आपत्तियां' दर्ज कराई गईं।
उन्होंने कहा, “एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।“
यह दर्शाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची मानी जा सकती है, जिसके बाद आयोग अब दूसरे चरण के लिए आगे बढ़ रहा है।