इंडिगो उड़ान संकट पर सख्त हुई सरकार: एयरलाइन ऑपरेशंस पर 24×7 निगरानी, DGCA ने नियमों में तुरंत राहत दी
इंडिगो द्वारा बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द किए जाने के बाद केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है। यात्रियों की परेशानियों को कम करने के उद्देश्य से बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम का शुक्रवार को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने दौरा किया और इसकी कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
कंट्रोल रूम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि मंत्री के निर्देशों पर कंट्रोल रूम 24×7 काम कर रहा है और इंडिगो उड़ानों की देरी व रद्दीकरण से उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
कंट्रोल रूम का मुख्य फोकस यात्रियों को समय पर सही और स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराना है ताकि एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी और असुविधा कम की जा सके।
मंत्रालय के अनुसार:
- सभी एयरपोर्ट्स से रियल-टाइम अपडेट लिए जा रहे हैं
- यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट संसाधनों का पुनर्वितरण किया जा रहा है
- एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, एयरलाइन कंपनियों और ATC से डेटा एकत्र कर इंडिगो सहित सभी एयरलाइनों के साथ साझा किया जा रहा है
- परिचालन को जल्द सामान्य करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं
DGCA ने पायलट नियमों में तुरंत राहत दी
इंडिगो संकट के बढ़ने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पायलट ड्यूटी नियमों में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है।
पहले एयरलाइनों को यह निर्देश था कि पायलट के साप्ताहिक आराम और छुट्टी को एक साथ जोड़ने की अनुमति नहीं होगी, जिससे पायलट शेड्यूलिंग में कठिनाई बढ़ गई थी और परिचालन प्रभावित होने लगा था।
नई अधिसूचना में DGCA ने कहा कि ऑपरेशंस की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए इस प्रावधान की समीक्षा आवश्यक थी, इसलिए इसे तुरंत वापस लिया जाता है।
इस बदलाव के बाद उड़ानों की शेड्यूलिंग आसान होगी और इंडिगो सहित अन्य एयरलाइनों को परिचालन सामान्य करने में मदद मिलेगी।
हमारी राय
इंडिगो उड़ान संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय हवाई यात्रा प्रणाली में अचानक बढ़ते दबाव को संभालने के लिए मजबूत बैकअप व्यवस्था की आवश्यकता है। सरकार की त्वरित निगरानी और DGCA द्वारा नियमों में तत्काल राहत से स्थिति संभलने की उम्मीद है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए क्रू प्रबंधन, टेक्निकल सपोर्ट और एयरलाइन क्षमता नियोजन में सुधार अत्यंत जरूरी है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना ही इस पूरी व्यवस्था की अंतिम कसौटी है।