नीतू कपूर का 67वां जन्मदिन: चाइल्ड आर्टिस्ट से टॉप एक्ट्रेस और सफल वापसी तक का सफर
नई दिल्ली: हिंदी सिनेमा की चुलबुली, खूबसूरत और गंभीर रोल्स को पर्दे पर बखूबी पेश करने वाली एक्ट्रेस नीतू कपूर 8 जुलाई को अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं। महज पांच साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाली नीतू आज भी अपनी बेमिसाल खूबसूरती, दमदार एक्टिंग और सादगी से दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं। उनके चेहरे की चमक और मुस्कान आज भी वैसी ही है, जैसी 70 के दशक में थी, जो उनकी शाश्वत अपील का प्रमाण है।
प्रारंभिक जीवन और चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में शुरुआत
कम ही लोग जानते हैं कि नीतू कपूर का असली नाम हरनीत कौर है। उनका जन्म 8 जुलाई 1958 को दिल्ली में एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता दर्शन सिंह के निधन के बाद, छोटी सी उम्र में ही नीतू ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा ताकि परिवार का सहारा बन सकें।
साल 1966 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उनकी पहली फिल्म ‘सूरज’ आई, जिसमें वह वैजयंती माला और राजेंद्र कुमार के साथ नजर आईं। ‘बेबी सोनिया’ के नाम से उन्होंने ‘दस लाख’ (1966), ‘वारिस’ (1969) और ‘घर घर की कहानी’ (1970) जैसी कई फिल्मों में काम किया। साल 1968 में ‘दो कलियां’ में उनकी डबल रोल वाली भूमिका ने उन्हें खूब लोकप्रियता दिलाई। इस फिल्म का गाना ‘बच्चे मन के सच्चे’ आज भी बच्चों के लिए बेहद खास है और नीतू की मासूमियत को दर्शाता है।
लीड एक्ट्रेस के रूप में पदार्पण और स्टारडम
नीतू ने साल 1973 में ‘रिक्शावाला’ से बतौर लीड एक्ट्रेस डेब्यू किया, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही। फिल्म में उनके साथ एक्टर रणधीर कपूर लीड रोल में थे। उसी साल, फिल्म ‘यादों की बारात’ में उनका डांस नंबर ‘लेकर हम दीवाना दिल’ आया, जो दर्शकों का ध्यान खींचने में और उन्हें स्टारडम दिलाने में सफल रहा। यह गाना आज भी एक कल्ट क्लासिक है।
साल 1975 में ‘खेल खेल में’ में ऋषि कपूर के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों को बेहद पसंद आई। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और यहीं से नीतू और ऋषि कपूर की आइकॉनिक ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री की शुरुआत हुई। इसके बाद दोनों ने ‘रफू चक्कर’ (1975), ‘कभी कभी’ (1976), ‘अमर अकबर एंथोनी’ (1977), ‘धरम वीर’ (1977), ‘दूसरा आदमी’ (1977) और ‘काल पत्थर’ (1979) जैसी 10 से ज्यादा फिल्मों में साथ काम किया। नीतू के जिंदादिल और शानदार किरदारों ने उन्हें उस दौर की टॉप एक्ट्रेस में शुमार किया। ‘अमर अकबर एंथोनी’ में डॉ. सलमा अली और ‘कभी कभी’ में अपनी मां की खोज में जुटी बेटी के किरदार को आज भी उनके बेहतरीन अभिनय के लिए याद किया जाता है।
ऑन-स्क्रीन से ऑफ-स्क्रीन रोमांस और ब्रेक
नीतू और ऋषि कपूर की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री जल्द ही ऑफ-स्क्रीन रोमांस में बदल गई, जो बॉलीवुड के सबसे प्यारे प्रेम कहानियों में से एक बन गई। साल 1979 में उनकी सगाई हुई और 1980 में उन्होंने शादी कर ली। शादी के बाद नीतू ने 21 साल की उम्र में एक्टिंग से ब्रेक ले लिया। उन्होंने हमेशा इसे अपनी निजी पसंद बताया, न कि कपूर परिवार की परंपरा का दबाव। नीतू और ऋषि के दो बच्चे हैं – बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी, जो एक सफल फैशन डिजाइनर हैं, और बेटा रणबीर कपूर, जो बॉलीवुड एक्टिंग के क्षेत्र में किसी परिचय का मोहताज नहीं है और आज के दौर के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक हैं। रणबीर ने एक्ट्रेस आलिया भट्ट से शादी की है। साल 2020 में ऋषि कपूर का ल्यूकेमिया के कारण निधन हो गया, जो नीतू के लिए एक बड़ा व्यक्तिगत नुकसान था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और मजबूती से अपने परिवार का साथ दिया।
शानदार वापसी और नया अध्याय
लगभग तीन दशक बाद, नीतू ने साल 2009 में ‘लव आज कल’ से फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की, जिसमें उन्होंने रणबीर कपूर की मां का किरदार निभाया। साल 2010 में ‘दो दूनी चार’ में उनकी और ऋषि की जोड़ी को खूब सराहा गया, जिसके लिए उन्हें जी सिने अवॉर्ड भी मिला। यह फिल्म उनकी वापसी के बाद एक बड़ी सफलता थी। साल 2012 में ‘जब तक है जान’ और साल 2013 में ‘बेशर्म’ में भी वह नजर आईं।
इसके बाद साल 2022 में ‘जुग जुग जियो’ में उनकी एक्टिंग ने फिर से दर्शकों का दिल जीता, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर के बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेशन भी मिला। इस फिल्म में उन्होंने एक जटिल और संवेदनशील किरदार को बखूबी निभाया, जिससे साबित हुआ कि उनकी अभिनय क्षमता आज भी बरकरार है।
नीतू का पांच साल की उम्र में शुरू हुआ फिल्मी सफर साल 2025 में भी जारी है। नीतू कपूर आने वाली फिल्म ‘परम सुंदरी’ में भी नजर आएंगी, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा और जाह्नवी कपूर लीड रोल में हैं। यह एक क्रॉस-कल्चरल लव स्टोरी है, जो केरल की खूबसूरत बैकग्राउंड पर सेट है। यह फिल्म उनकी निरंतरता और नए किरदारों को आजमाने की इच्छा को दर्शाती है।
यही नहीं, वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहती हैं और अक्सर फिटनेस और फैशन के साथ ही हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर भी विचार भरे पोस्ट करती रहती हैं, जिससे वह आज की पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा बनी हुई हैं।
निष्कर्ष
नीतू कपूर का फिल्मी सफर एक प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट से लेकर टॉप एक्ट्रेस और फिर एक सफल वापसी तक का सफर तय किया। उनकी बेमिसाल खूबसूरती, दमदार एक्टिंग और जिंदादिल व्यक्तित्व ने उन्हें दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज करने में मदद की है। 67वें जन्मदिन पर, नीतू कपूर न केवल एक अभिनेत्री के रूप में, बल्कि एक मजबूत और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में भी याद की जाती हैं, जिन्होंने जीवन के हर मोड़ पर गरिमा और साहस के साथ चुनौतियों का सामना किया।