नई दिल्ली, 20 जुलाई (TheTrendingPeople.com)। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) बेहद उत्साहजनक रही। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस तिमाही में भारत के वाहन निर्यात में सालाना आधार पर 22% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह उछाल मुख्य रूप से यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट और दोपहिया, वाणिज्यिक तथा तिपहिया वाहनों के निर्यात में आई मजबूती के कारण देखने को मिला।
सियाम के अनुसार, भारत ने अप्रैल से जून 2025 के बीच कुल 14,57,461 वाहन विदेश भेजे, जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 11,92,566 था। यानी एक साल में करीब 2.65 लाख वाहनों की अतिरिक्त बिक्री हुई है।
यात्री वाहन निर्यात में अब तक का सर्वाधिक स्तर
इस तिमाही में भारत से 2,04,330 यात्री वाहन निर्यात किए गए, जो अब तक का सर्वाधिक तिमाही आंकड़ा है। पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 1,80,483 थी, जिससे 13 प्रतिशत की वृद्धि सामने आई है। सियाम का मानना है कि यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग के स्थिर बने रहने और विशेष रूप से मध्य-पूर्व और लैटिन अमेरिकी बाजारों में भारतीय वाहनों की मजबूत उपस्थिति के कारण हुई है।
इसके अलावा, श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में मांग में तेजी और जापान को निर्यात में बढ़ोतरी ने भी इस प्रदर्शन को मजबूती दी है। वहीं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद की है।
मारुति और हुंडई बना रहीं अग्रणी कंपनियां
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अप्रैल-जून तिमाही में 96,181 कारों का निर्यात किया। यह पिछले वर्ष की समान तिमाही में निर्यात की गई 69,962 कारों की तुलना में 37% अधिक है। वहीं हुंडई मोटर इंडिया ने भी इस अवधि में 13% की वृद्धि के साथ 48,140 यूनिट्स विदेश भेजीं, जबकि पिछले साल इसी समय यह संख्या 42,600 थी।
दोपहिया और तिपहिया वाहनों का भी शानदार प्रदर्शन
दोपहिया वाहनों के निर्यात में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस तिमाही में भारत ने 11,36,942 दोपहिया वाहन निर्यात किए, जो पिछले साल के 9,23,148 की तुलना में 23% अधिक है। यह संकेत करता है कि भारत में उत्पादित बाइक और स्कूटर की वैश्विक मांग में मजबूती आई है।
वहीं वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 19,427 इकाई पर पहुंच गया है। सबसे तेज़ वृद्धि तिपहिया वाहनों में देखी गई, जिनका निर्यात 34 प्रतिशत बढ़कर 95,796 इकाई हो गया है। यह दर्शाता है कि भारत की कम लागत वाली परिवहन तकनीक को विकासशील देशों में अच्छी स्वीकृति मिल रही है।
The Trending People का निष्कर्ष:
भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ लगातार मजबूत कर रहा है। निर्यात में आई यह दो अंकों की वृद्धि न केवल भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि भारत दुनिया के लिए एक प्रमुख वाहन आपूर्तिकर्ता बनता जा रहा है। वैश्विक मांग, व्यापार समझौते और उत्पाद गुणवत्ता—इन सभी के समन्वय ने भारत को इस मुकाम तक पहुंचाया है। यदि यही रफ्तार बनी रही, तो आगामी तिमाहियों में भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात एक नया इतिहास रच सकता है।