वॉलमार्ट का लक्ष्य 2027 तक भारत से 10 अरब डॉलर का सामान खरीदना: डग मैकमिलन
नई दिल्ली – भारत और वैश्विक व्यापारिक दिग्गज वॉलमार्ट के बीच बढ़ती आर्थिक साझेदारी के एक मजबूत संकेत के रूप में, वॉलमार्ट ग्लोबल के सीईओ और प्रेसिडेंट डग मैकमिलन (Doug McMillon) ने घोषणा की है कि कंपनी का लक्ष्य 2027 तक भारत के आपूर्तिकर्ताओं से प्रति वर्ष 10 अरब डॉलर का सामान खरीदना है। यह घोषणा भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी बढ़ती भूमिका के प्रति वॉलमार्ट के गहरे विश्वास को दर्शाती है।
भारत की आर्थिक वृद्धि की सराहना
अपनी भारत यात्रा पर आए मैकमिलन ने देश की आर्थिक प्रगति पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि "भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था को इतनी तेजी से बढ़ते देखना दुर्लभ है।" नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मैकमिलन ने बताया कि एक यात्रा में भारत में क्या हो रहा है, इसकी केवल एक झलक मिल सकती है, और भारत की कहानी को पूरी तरह से समझने के लिए उन्होंने बार-बार भारत की यात्राएं की हैं। यह भारत के आर्थिक परिदृश्य की जटिलता और विशालता को दर्शाता है।
मैकमिलन ने आगे कहा कि "शुरुआत में हम केवल कुछ ही श्रेणियों के उत्पादों को भारत से खरीदते थे, लेकिन जब हमने यहां पर ध्यान केंद्रित किया तो हमारा सोर्सिंग बिजनेस देश में काफी तेजी से बढ़ा और यह आज प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के करीब है, जो कि एक बड़ा लक्ष्य है।" यह बयान वॉलमार्ट की भारत केंद्रित रणनीति और उसके सफल क्रियान्वयन को दर्शाता है। वॉलमार्ट ने दिसंबर 2020 में ही भारत से प्रति वर्ष 10 अरब डॉलर के उत्पादन को सोर्स या खरीदने की घोषणा की थी, और अब वे इस लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब हैं।
वॉलमार्ट का भारत के प्रति दीर्घकालिक दृष्टिकोण
मैकमिलन ने स्पष्ट किया कि वॉलमार्ट का भारत के प्रति दीर्घकालिक दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा, "हम इतने सालों से यहां हैं और आप उम्मीद कर सकते हैं कि यह जारी रहेगा और हमें पूरी दुनिया में व्यापार करने का मौका मिलता है और इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था का इतनी तेजी से बढ़ना और इतने सारे लोगों के लिए इतने अवसर पैदा करना दुर्लभ है।" यह टिप्पणी भारत के विशाल उपभोक्ता बाजार और बढ़ते विनिर्माण आधार की सराहना करती है।
वॉलमार्ट के भारत में पिछले अधिग्रहणों, फ्लिपकार्ट (Flipkart) और फोनपे (PhonePe) के बारे में बोलते हुए, मैकमिलन ने कहा कि कंपनी अपने भारतीय अधिग्रहणों, फ्लिपकार्ट और फोनपे से बहुत कुछ सीख रही है। फ्लिपकार्ट भारत में ई-कॉमर्स का एक प्रमुख खिलाड़ी है, जबकि फोनपे डिजिटल भुगतान क्षेत्र में अग्रणी है। इन अधिग्रहणों से वॉलमार्ट को भारतीय बाजार की गहरी समझ मिली है और उसे अपनी वैश्विक रणनीतियों को अनुकूलित करने में मदद मिली है।
भारत में वॉलमार्ट की उपस्थिति और वैश्विक सोर्सिंग
वॉलमार्ट दो दशकों से अधिक समय से भारत में मौजूद है। कंपनी ने अपने वैश्विक परिचालन के लिए भारत से 30 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सामान की सोर्सिंग की है, जो भारत को उसकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में स्थापित करता है। 2002 में स्थापित बेंगलुरु में वॉलमार्ट का वैश्विक सोर्सिंग कार्यालय भारतीय निर्माताओं को अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, मध्य अमेरिका और यूके के बाजारों से जोड़ता है। यह कार्यालय भारतीय उत्पादों को वैश्विक मंच पर लाने और स्थानीय व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वॉलमार्ट का यह लक्ष्य भारत के लिए निर्यात को बढ़ावा देगा, स्थानीय विनिर्माण को मजबूत करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। यह 'मेक इन इंडिया' पहल के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन है, क्योंकि यह वैश्विक कंपनियों को भारत में उत्पादन करने और यहां से वैश्विक बाजारों में निर्यात करने के लिए प्रोत्साहित करता है।