नितिन गडकरी ने किया वार्षिक FASTag पास का ऐलान; ₹3000 में साल भर टोल से छुटकारा, फास्टैग की अपार संभावनाएं
नई दिल्ली, 26 जून – केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को एक ऐतिहासिक पहल की घोषणा करते हुए निजी वाहन चालकों के लिए वार्षिक फास्टैग पास (Annual FASTag Pass) का ऐलान किया है। सरकार की ओर से यह कदम निजी वाहन चालकों पर टोल के बढ़ते बोझ को कम करने और उन्हें बिना किसी रुकावट के राजमार्गों पर यात्रा करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। यह घोषणा लाखों भारतीय वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। इसके साथ ही, मंत्री गडकरी ने फास्टैग इकोसिस्टम की अपार संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला, जो न केवल टोलिंग के लिए बल्कि पूरे देश में निर्बाध डिजिटल यात्रा अनुभवों के आधार के रूप में विकसित हो सकता है।
3,000 रुपये का वार्षिक पास: खासियतें
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देते हुए कहा, "एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 15 अगस्त 2025 से 3,000 रुपये की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि यह नया पास सक्रिय होने की तिथि से एक वर्ष तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा। यह सुविधा उन निजी वाहन चालकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी जो नियमित रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करते हैं, क्योंकि इससे उन्हें बार-बार फास्टैग रिचार्ज करने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने अपने पोस्ट में आगे लिखा, "यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा।" इस पहल का मुख्य लक्ष्य निजी यात्रियों के लिए सड़क यात्रा को अधिक सुगम और किफायती बनाना है। वार्षिक पास को रिन्यू (नवीनीकृत) करने के लिए जल्द ही 'राजमार्ग यात्रा ऐप' और 'एनएचएआई (NHAI) / एमओआरटीएच (MoRTH) की वेबसाइट्स' पर एक अलग लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया बेहद सरल और सुगम होगी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी के मुताबिक, "यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित टोल प्लाजाओं को लेकर लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को संबोधित करेगी और एक ही सुलभ लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सहज बनाएगी।" यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो अपने घर या कार्यस्थल के पास स्थित टोल प्लाजा से अक्सर गुजरते हैं और उन्हें बार-बार टोल का भुगतान करना पड़ता है। वार्षिक पास नीति, प्रतीक्षा समय घटाकर, भीड़ कम कर और टोल प्लाजाओं पर विवाद को समाप्त कर, लाखों निजी वाहन चालकों के लिए तेज, सुगम और बेहतर यात्रा अनुभव के लिए प्रतिबद्ध है।
फास्टैग की अपार संभावनाएं और फिनटेक के साथ सहयोग
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग इकोसिस्टम में न केवल टोलिंग के लिए, बल्कि पूरे देश में निर्बाध डिजिटल यात्रा अनुभवों के आधार के रूप में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने जोर दिया कि फास्टैग एक मजबूत मंच के रूप में विकसित हो सकता है जो विभिन्न परिवहन और गतिशीलता सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि फिनटेक कंपनियों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से सरकार का लक्ष्य फास्टैग की उपयोगिता को एक मजबूत मंच में विस्तारित करना है, जो उपयोगकर्ता की सुविधा को बढ़ाएगा, परिवहन और गतिशीलता सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा और इस क्षेत्र में अधिक दक्षता लाएगा। यह दर्शाता है कि फास्टैग का उपयोग भविष्य में टोल संग्रह से कहीं आगे तक हो सकता है, जैसे पार्किंग शुल्क, ईंधन भुगतान या अन्य परिवहन-संबंधी सेवाओं में।
वर्तमान में, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (एनईटीसी) फास्टैग प्रोग्राम 98.5 प्रतिशत टोल पेमेंट के साथ 1,728 टोल प्लाजा (जिनमें 1,113 राष्ट्रीय राजमार्ग और 615 राज्य राजमार्ग शामिल हैं) पर सफलतापूर्वक संचालित होता है। इसके अलावा, 38 से अधिक बैंकों ने डिजिटल भुगतान का समर्थन करते हुए 11.04 करोड़ फास्टैग जारी किए हैं, जो इस प्रणाली की व्यापक पहुंच और स्वीकार्यता को दर्शाता है।
इनोवेटिव एप्लीकेशन के लिए वर्कशॉप
फास्टैग सिस्टम के अभिनव एप्लीकेशन का पता लगाने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा प्रमोटेड कंपनी इंडियन हाईवेज एंड मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में फिनटेक कंपनियों के साथ एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी।
वर्कशॉप का उद्देश्य विकास के अगले चरण का समर्थन करने के लिए नियामक अनुपालन, शिकायत निवारण, सुरक्षा और फास्टैग के गैर-टोल एप्लीकेशन जैसे विभिन्न पहलुओं पर अग्रणी फिनटेक प्लेयर्स से जानकारी एकत्र करना था। यह सहयोगात्मक दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि फास्टैग प्रणाली भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार रहे।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, "इस वर्कशॉप में आयोजित प्रस्तुतियां और चर्चाएं डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का मार्ग प्रशस्त करेंगी, जिससे देश के हर यात्री को लाभ होगा।" यह दर्शाता है कि सरकार फास्टैग को केवल एक टोलिंग उपकरण के रूप में नहीं, बल्कि एक व्यापक डिजिटल भुगतान और गतिशीलता समाधान के रूप में देखती है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने कहा, "फिनटेक भारत के लिए एक उज्ज्वल स्थान रहा है और इसने हमें कई इनोवेशन दिए हैं, जबकि फास्टैग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह को बदल दिया है।" एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव के अनुसार, वर्कशॉप भविष्य के इनोवेशन का मार्ग प्रशस्त करेगी, जो हमें टोल संग्रह से परे फास्टैग प्रणाली के दायरे और उपयोगिता को बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, "यह भविष्य के समाधान बनाने का एक शानदार अवसर है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करेगा।"
नई टोल नीति और ANPR-FASTag सिस्टम
पिछले महीने से ही यह चर्चा थी कि सरकार एक नई टोल नीति पर काम कर रही है, जिसका उद्देश्य यात्रियों के लिए राजमार्ग यात्रा को अधिक सहज और किफायती बनाना है। यह वार्षिक पास इसी व्यापक नीति का एक हिस्सा प्रतीत होता है।
इससे पहले अप्रैल में, सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध, बिना किसी परेशानी के आवाजाही को सक्षम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर 'एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम' (ANPR-FASTag Based Barrier-less Tolling System) लागू किया जाएगा। यह उन्नत प्रणाली टोल संग्रह को अधिक कुशल बनाएगी।
मंत्रालय ने बताया था कि यह एडवांस टोलिंग सिस्टम 'ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन' (एएनपीआर) टेक्नोलॉजी, जिसमें नंबर प्लेट से वाहनों की पहचान की जाती है, और 'फास्टैग सिस्टम', जो कि रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पर काम करता है, दोनों का मिश्रण होगा। इस सिस्टम के तहत वाहनों से टोल हाई परफॉर्मेंस वाले एएनपीआर कैमरा और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से लिया जाएगा, जिसमें वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रौद्योगिकी सड़क यात्रा को और अधिक आधुनिक और कुशल बनाएगी, जिससे लंबी दूरी की यात्राओं में लगने वाला समय कम होगा और ईंधन की बचत भी होगी।