ठाणे, 23 मई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2018 के हत्या के एक मामले में गवाहों के बयानों में विरोधाभास और विश्वसनीय साक्ष्यों के अभाव का हवाला देते हुए 45 वर्षीय एक व्यक्ति को बरी कर दिया।
न्यायाधीश एस. बी. अग्रवाल ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपित परमेश्वर उर्फ प्रमोद सुदमराज पाटेकर के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा, जिससे उसकी दोषसिद्धि प्रमाणित नहीं हो सकी।
यह आदेश 15 मई का है, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, पाटेकर ने ठाणे शहर के वागले एस्टेट इलाके में 24 मई 2018 को शराब को लेकर हुए विवाद के बाद सिद्धार्थ प्रकाश चंदमारे को चाकू घोंपा था।
अदालत में सुनवाई के दौरान गवाहों के बयानों में काफी विरोधाभास पाया गया। मुख्य गवाह प्रवीण वाघमारे ने दावा किया था कि उसने चंदमारे पर हमला होते देखा था, लेकिन प्राथमिकी और अदालत में उसके बयानों में विरोधाभास था।
अदालत ने कहा कि घटना स्थल पर केवल प्रवीण मौजूद था, अन्य कोई चश्मदीद गवाह नहीं था।
इसके अतिरिक्त, अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह, आशा कांबले और मृतक की बहन नीलम चंदमारे को भी अदालत ने भरोसेमंद नहीं माना।
अदालत ने यह भी पाया कि हत्या में उपयोग किए गए चाकू की बरामदगी में कई अनियमितताएं थीं और आरोपी के घावों की कोई मेडिकल जांच नहीं कराई गई थी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘ गवाहों के बयानों में कई बड़े विरोधाभास हैं। अभियोजन पक्ष आरोपी की दोषसिद्धि को पूरी तरह से साबित करने में नाकाम रहा।’
भाषा योगेश नरेश
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