PF ट्रांसफर में आई बड़ी राहत: EPFO ने ओवरलैपिंग सर्विस को लेकर बदली नियमावली
नई दिल्ली | 26 मई 2025 — कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए PF ट्रांसफर क्लेम की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। 20 मई को जारी नए सर्कुलर में EPFO ने कहा है कि सेवा अवधि में मामूली ओवरलैप (overlap) के चलते PF ट्रांसफर क्लेम को खारिज नहीं किया जाना चाहिए।
यह बदलाव उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जिन्हें नौकरी बदलते वक्त PF ट्रांसफर में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
क्या होता है सर्विस ओवरलैप?
जब किसी कर्मचारी के पुराने और नए नियोक्ता के बीच सेवा तिथि (service dates) में अंतर स्पष्ट नहीं होता और कर्मचारी दो कंपनियों में एक ही तारीख पर कार्यरत दिखता है, तो इसे सर्विस ओवरलैप कहा जाता है।
यह स्थिति अक्सर HR सिस्टम की देरी, ऑफर-रिलीव डेट में अंतर, या तकनीकी त्रुटियों के कारण होती है। पहले, इस कारण PF ट्रांसफर क्लेम अक्सर खारिज कर दिए जाते थे।
EPFO का नया निर्देश: मामूली ओवरलैप अब PF ट्रांसफर में बाधा नहीं बनेगा
EPFO ने अपने सर्कुलर में साफ किया कि,
“ओवरलैपिंग सर्विस पीरियड्स के कारण PF ट्रांसफर क्लेम रिजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए। अगर ओवरलैप किसी वास्तविक कारण से हुआ है तो उसे डिसक्वालिफिकेशन नहीं माना जाना चाहिए।”
EPFO ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को यह निर्देश जारी किया है कि
“केवल उन्हीं मामलों में क्लेम रोका जाए जहाँ ओवरलैप की स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता हो। यदि कोई वैध स्पष्टीकरण नहीं मांगा गया हो तो ट्रांसफर क्लेम को आगे बढ़ाया जाए।”
इसका मतलब यह है कि यदि कर्मचारी के पुराने और नए PF खाते को मर्ज किया जा रहा है, और उसमें सर्विस डेट ओवरलैपिंग की स्थिति है, तो भी अब क्लेम को साधारणतः रोका नहीं जाएगा।
डिजिटल प्रक्रिया को और सरल किया गया है
EPFO द्वारा यह निर्देश कर्मचारियों के हित में लगातार जारी सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा है। हाल ही में:
- क्लेम प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन की गई है।
- HR डिपार्टमेंट से फिजिकल सर्टिफिकेट या हस्ताक्षरित कागज़ात की आवश्यकता समाप्त की गई है।
- अब कर्मचारियों को बैंक-अटेस्टेड पासबुक या चेक लीफ जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
मजदूर मंत्रालय के तहत सुधारों का असर
यह ताज़ा कदम केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा EPFO में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किए गए सुधारों का ही हिस्सा है। PF ट्रांसफर, विदड्रॉल और क्लेम से जुड़े कई नियम पहले ही सरल किए जा चुके हैं।
कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत
कई कर्मचारी ऐसे थे जो ओवरलैपिंग की वजह से महीनों तक PF ट्रांसफर या विदड्रॉल नहीं कर पा रहे थे। नई गाइडलाइन के बाद अब उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
EPFO के इस कदम से अब कर्मचारियों को यह भरोसा मिलेगा कि मामूली तकनीकी त्रुटियों के चलते उनका PF पैसा अटक नहीं जाएगा।
अगर आप भी नौकरी बदल चुके हैं और PF ट्रांसफर करने की सोच रहे हैं, तो अब प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल और तेज़ हो गई है। मामूली सर्विस ओवरलैप अब ट्रांसफर क्लेम में बाधा नहीं बनेगा।