ई-कॉमर्स सुरक्षा में बड़ा अपडेट: ISG ने लॉन्च किया बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन, डिजिटल फ्रॉड के खतरे पर लगेगी रोक
भारत में डिजिटल लेन-देन के बढ़ते विस्तार के साथ साइबर सुरक्षा चुनौतियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। इसी बीच जेपी मॉर्गन के सपोर्ट वाली फिनटेक कंपनी इन-सॉल्यूशंस ग्लोबल (ISG) ने ई-कॉमर्स के लिए एक उन्नत बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिस्टम लॉन्च किया है। यह समाधान ऐसे समय पर पेश किया गया है जब देश में डिजिटल फ्रॉड से हुआ वित्तीय नुकसान 36,014 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो सालाना आधार पर करीब तीन गुना वृद्धि दर्शाता है।
क्या है ISG Authify और कैसे काम करता है?
ISG ने जर्मन IoT सिक्योरिटी कंपनी Giesecke+Devrient (G+D) के साथ मिलकर नया सुरक्षा प्रोडक्ट “ISG Authify” पेश किया है। यह तकनीक पारंपरिक पासवर्ड और OTP सिस्टम को हटाकर पासकी-बेस्ड बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का उपयोग करती है।
यूजर को केवल एक वन-टैप ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया से पहचान सत्यापित करनी होती है, जिसमें क्रेडेंशियल उपयोगकर्ता के डिवाइस पर सुरक्षित रहते हैं और बाहरी चोरी की संभावना समाप्त हो जाती है।
तकनीक के अनुसार, पासकी सिस्टम में दो क्रिप्टोग्राफिक कीज़ होती हैं —
• पब्लिक की: सर्वर पर
• प्राइवेट की: यूजर के डिवाइस में सुरक्षित
प्राइवेट की डिवाइस से बाहर नहीं जाती और केवल बायोमेट्रिक अनलॉकिंग से सक्रिय होती है, जिससे फिशिंग और क्रेडेंशियल हैकिंग की कोशिशें विफल होती हैं।
RBI के नए ऑथेंटिकेशन गाइडलाइंस से पहले लॉन्च
RBI अप्रैल 2026 से डिजिटल भुगतान सुरक्षा के लिए नए नियम लागू करने वाला है। ऐसे में ISG Authify को बैंकों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मोबाइल बैंकिंग ऐप और एक्सेस कंट्रोल सर्वर के लिए कम्प्लायंस प्राप्त करने के सबसे प्रभावी समाधान के रूप में देखा जा रहा है।
ISG के चीफ प्रोडक्ट और डिलीवरी ऑफिसर अनिल जैन के अनुसार,
“यह ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन में डिजिटल भरोसे की परिभाषा बदलने वाला मील का पत्थर है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सुरक्षा बढ़ाने के साथ OTP जैसी रुकावटों को भी खत्म करता है।”
साइबर सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम
ISG की को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर एडेलिया कैस्टेलिनो ने कहा कि Authify का उद्देश्य
“बिजनेस और उपभोक्ताओं को आसान, नियमन compliant और फिशिंग-रोधी तकनीक के साथ मजबूत बनाना है।”
G+D इंडिया के डिजिटल सॉल्यूशंस सेल्स हेड तपेेश भटनागर के अनुसार,
“पासकीज प्रामाणिकता में सबसे बड़ा बदलाव हैं। यह पासवर्ड, PIN और OTP की तुलना में अधिक मजबूत, तेज और सुरक्षित विकल्प है।”
डिजिटल पेमेंट्स का भविष्य
भारत में तेजी से बढ़ते डिजिटल ट्रांजैक्शंस की वजह से बैंकों और मर्चेंट्स को अब सुरक्षित, स्केलेबल और इंटरऑपरेबल सिस्टम की आवश्यकता है। ISG का दावा है कि Authify इस दिशा में कंपनियों को अगली पीढ़ी की सुरक्षा तकनीक उपलब्ध कराएगा, जिससे ग्राहकों का भरोसा और ट्रांजैक्शन सुरक्षा दोनों बढ़ेंगे।
TheTrendingPeople.com की राय
डिजिटल पेमेंट सिस्टम के तेजी से बढ़ते दायरे के बीच सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बन गया है। OTP और पासवर्ड आधारित सुरक्षा बार-बार साइबर अपराध के सामने कमजोर साबित हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में ISG का बायोमेट्रिक समाधान निश्चित रूप से सुरक्षित तकनीक के नए युग की शुरुआत करता है। यदि बैंक और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म इसका उपयोग तेजी से अपनाते हैं, तो भारत में डिजिटल भरोसे और उपभोक्ता सुरक्षा दोनों को एक मजबूत ढाल मिल सकती है।
