खेल डेस्क: क्या 2026 में खत्म हो जाएगा 'थाला' का युग? रॉबिन उथप्पा का बड़ा दावा—"धोनी का यह आखिरी आईपीएल, अब कोई किंतु-परंतु नहीं"
नई दिल्ली — भारतीय क्रिकेट के इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के भविष्य को लेकर अटकलें लगाना एक वार्षिक अनुष्ठान जैसा बन गया है। हर आईपीएल सीजन के अंत में एक ही सवाल गूंजता है—"क्या माही अगला सीजन खेलेंगे?" लेकिन इस बार, जवाब शायद कयासों के धुंधलके से बाहर आ चुका है। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व ओपनर और धोनी के करीबी माने जाने वाले रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन के दौरान एक ऐसा बयान दिया है, जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। उथप्पा का मानना है कि अब अटकलों की कोई गुंजाइश नहीं बची है और आईपीएल 2026 निश्चित रूप से 'कैप्टन कूल' का एक खिलाड़ी के तौर पर आखिरी सीजन होने वाला है।
उथप्पा का यह बयान केवल एक निजी राय नहीं, बल्कि सीएसके की बदलती रणनीतियों और ऑक्शन टेबल पर लिए गए फैसलों का एक तार्किक विश्लेषण भी है।
उथप्पा का सीधा संदेश: "तस्वीर बिल्कुल साफ है"
आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन की कवरेज के दौरान, जब धोनी के भविष्य पर चर्चा हुई, तो रॉबिन उथप्पा ने बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अब तस्वीर बिल्कुल साफ है। यह साफ तौर पर एमएस धोनी का आखिरी सीजन होने वाला है। अब न कोई कयास, न कोई अटकल कि वह एक और साल खेलेंगे या नहीं। इस साल के बाद वह पूरी तरह खेल से विदा ले लेंगे।"
उथप्पा का यह आत्मविश्वास इस बात की ओर इशारा करता है कि शायद ड्रेसिंग रूम के अंदर भी विदाई की पटकथा लिखी जा चुकी है। 44 वर्षीय धोनी, जिन्होंने पिछले कुछ सीजनों में घुटने की चोट से जूझते हुए भी टीम का साथ नहीं छोड़ा, अब अपनी विरासत अगली पीढ़ी को सौंपने के लिए तैयार दिख रहे हैं।
ऑक्शन में बदला CSK का तेवर: 'डैड्स आर्मी' से 'यंग ब्रिगेड' तक
चेन्नई सुपर किंग्स को अक्सर 'डैड्स आर्मी' (Dad's Army) कहा जाता रहा है क्योंकि यह फ्रेंचाइज़ी हमेशा 30+ उम्र के अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा जताती थी। लेकिन आईपीएल 2026 के ऑक्शन में सीएसके ने अपनी यह छवि पूरी तरह तोड़ दी। उथप्पा के अनुसार, ऑक्शन में अपनाया गया रवैया इस बात का सबूत है कि टीम अब 'धोनी के बाद' (Post-Dhoni Era) के दौर की तैयारी कर रही है।
युवाओं पर धनवर्षा: पांच बार की चैंपियन टीम ने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपनी तिजोरी खोल दी:
अनकैप्ड हीरों पर दांव: टीम ने 19 वर्षीय प्रशांत वीर और 20 वर्षीय कार्तिक शर्मा जैसे युवा अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों को 14.2 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि में खरीदा। यह आईपीएल इतिहास में अनकैप्ड खिलाड़ियों पर किया गया सबसे बड़ा निवेश है।
विदेशी युवा शक्ति: सीएसके ने केवल भारतीयों पर ही नहीं, बल्कि विदेशी प्रतिभाओं पर भी नजर गड़ाई। न्यूजीलैंड के उभरते सितारे ज़ैक फॉल्क्स, 20 वर्षीय अफगानी स्पिनर नूर अहमद और 'बेबी एबी' के नाम से मशहूर 22 वर्षीय डेवाल्ड ब्रेविस को टीम में शामिल किया गया।
उथप्पा का मानना है कि यह बदलाव महज संयोग नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीति (Long-term Strategy) का हिस्सा है। टीम अब अगले 5-7 सालों के लिए कोर ग्रुप तैयार करना चाहती है, जो धोनी के मार्गदर्शन में परिपक्व हो सके।
'अनकैप्ड' धोनी और 4 करोड़ का गणित
आईपीएल 2025 से पहले धोनी को रिटेन करने की कहानी भी दिलचस्प रही। बीसीसीआई द्वारा 'अनकैप्ड प्लेयर नियम' (Uncapped Player Rule) की वापसी ने सीएसके को धोनी को रिटेन करने का एक सुनहरा मौका दिया। इस नियम के तहत, यदि किसी खिलाड़ी ने पिछले पांच वर्षों में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है, तो उसे अनकैप्ड माना जा सकता है।
धोनी का स्टेटस: धोनी ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2019 वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला था। इस तकनीकी पेंच का फायदा उठाते हुए सीएसके ने अपने सबसे बड़े आइकन को मात्र 4 करोड़ रुपये में रिटेन कर लिया, जिससे टीम का पर्स (Purse) अन्य खिलाड़ियों को खरीदने के लिए भारी रहा।
नेतृत्व परिवर्तन और मेंटर की भूमिका
पिछले सीजन में ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) को कप्तानी सौंपी गई थी, जो एक स्पष्ट संकेत था कि धोनी अब 'बैकसीट' पर बैठकर गाड़ी को दिशा देना चाहते हैं। इस बार टीम में संजू सैमसन (Sanju Samson) का जुड़ना भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम माना जा रहा है। सैमसन के पास कप्तानी का अनुभव है और वे टीम के मध्यक्रम को मजबूती देने के साथ-साथ नेतृत्व समूह (Leadership Group) का भी हिस्सा होंगे।
धोनी का नया अवतार: उथप्पा ने धोनी की भविष्य की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि अगर वह नहीं खेलते हैं, तो वह टीम को मेंटर करेंगे। मुझे लगता है कि इस साल वह 'मेंटर-कम-खिलाड़ी' (Mentor-cum-Player) की भूमिका निभाएंगे।" इसका मतलब है कि 2026 के बाद भी पीली जर्सी के साथ धोनी का रिश्ता खत्म नहीं होगा, बस उनकी भूमिका मैदान के बीच से बदलकर डगआउट (Dugout) तक सीमित हो जाएगी।
हमारी राय
महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक भावना हैं। अगर 2026 उनका आखिरी सीजन साबित होता है, तो यह आईपीएल के एक स्वर्ण युग का अंत होगा। सीएसके द्वारा युवा खिलाड़ियों पर किया गया भारी निवेश यह दर्शाता है कि टीम प्रबंधन व्यावहारिक है और भावुकता से परे हटकर भविष्य की नींव रख रहा है।
The Trending People का मानना है कि यह सीजन प्रशंसकों के लिए हर मैच में एक उत्सव जैसा होगा। धोनी का बल्ला चले या न चले, उनकी उपस्थिति ही स्टेडियम को भरने के लिए काफी है। सीएसके का यह ट्रांजिशन फेज (Transition Phase) भारतीय क्रिकेट के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा जैसे नए सितारे इसी नर्सरी से निकलकर भविष्य के टीम इंडिया के स्टार बन सकते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या 'थाला' अपनी विदाई बेला में एक और ट्रॉफी का तोहफा अपने फैंस को दे पाते हैं या नहीं।