अल्फ्रेड नोबेल ने 27 नवंबर 1895 को रखी थी नोबेल पुरस्कार की नींव, जानें पूरी कहानी
नई दिल्ली, 26 नवंबर — दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक नोबेल पुरस्कार की स्थापना 27 नवंबर 1895 को अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत के माध्यम से की थी। यह वह ऐतिहासिक दिन था जब स्वीडन के महान रसायनज्ञ, इंजीनियर, उद्योगपति और आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करने का फैसला किया।
अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में निर्देश दिया कि उनकी कुल संपत्ति का 94 प्रतिशत हिस्सा एक फंड में दान किया जाए, जिसका उपयोग उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए किया जाए जिन्होंने भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। उनकी मृत्यु 10 दिसंबर 1896 को हुई और 1901 से पहली बार नोबेल पुरस्कारों का वितरण शुरू हुआ।
डायनामाइट के आविष्कार से लेकर वसीयत तक
अल्फ्रेड नोबेल को सबसे अधिक ख्याति डायनामाइट के आविष्कार के कारण मिली। 1867 में उन्होंने इसका पेटेंट कराया और जल्द ही यह विश्वभर में सुरंग निर्माण, नहरें काटने और रेलवे परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा। मांग बढ़ने के साथ-साथ उन्होंने 20 से ज्यादा देशों में 90 फैक्ट्रियां स्थापित कीं।
1870 और 1880 के दशक में नोबेल ने यूरोप में विस्फोटक उत्पादन का बड़ा नेटवर्क बनाया। 1894 में उन्होंने स्वीडन के बोफोर्स आयरनवर्क्स को खरीदा, जो आगे चलकर विश्व-प्रसिद्ध बोफोर्स हथियार फैक्ट्री बना। हालांकि वे पेरिस में रहते थे, लेकिन अपना अधिक समय यात्राओं में बिताते थे।
डायनामाइट के दुरुपयोग ने बदली दिशा
डायनामाइट का गलत उपयोग आतंक और युद्ध में बढ़ता गया, जिससे नोबेल गहराई से परेशान हो गए। कहा जाता है कि अपनी छवि सुधारने और मानवता के लिए सकारात्मक कार्य करने वालों को सम्मानित करने के उद्देश्य से ही उन्होंने नोबेल पुरस्कार की नींव रखी।
इकोनॉमिक्स का जुड़ना
शुरुआत में नोबेल पुरस्कार केवल पांच क्षेत्रों में दिया जाता था। 1968 में स्वीडिश सेंट्रल बैंक ने अर्थशास्त्र के लिए एक अतिरिक्त पुरस्कार की स्थापना की, जो बाद में नोबेल स्मृति पुरस्कार कहलाया।
Final Thoughts from TheTrendingPeople
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत मानवता के प्रति उनकी जिम्मेदारी का प्रतीक है। डायनामाइट से दुनिया बदलने वाले नोबेल ने अपने अंतिम फैसले से मानव कल्याण को प्राथमिकता दी, जिसने विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाने वाले लोगों का मार्ग हमेशा के लिए बदल दिया। TheTrendingPeople.com आगे भी आपको ऐसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण विषयों पर तथ्यात्मक जानकारी देता रहेगा।