इटली में महिलाओं की हत्या पर उम्रकैद का कानून पास
नई दिल्ली, 26 नवंबर — इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इटली की संसद ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कानून को मंजूरी दे दी, जिसके तहत महिलाओं की हत्या यानी फेमिसाइड को क्रिमिनल लॉ में शामिल कर दिया गया है और इस अपराध के लिए उम्रकैद का प्रावधान किया गया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब संयुक्त राष्ट्र महिलाओं के खिलाफ हिंसा समाप्त करने के लिए इंटरनेशनल डे मना रहा था। इसी मौके पर इटली संसद ने महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कड़ा कानून पास किया। इस विधेयक को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का समर्थन मिला और 237 वोटों के साथ इसे मंजूरी दे दी गई।
नया कानून महिलाओं को टारगेट करके की जाने वाली हत्याओं, पीछा करने, रिवेंज पोर्न और जेंडर-आधारित हिंसा की अन्य घटनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस कानून में इन अपराधों के खिलाफ कड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं, ताकि पीड़ितों को बेहतर सुरक्षा मिल सके और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा, “हमने एंटी-वायलेंस सेंटर और शेल्टर के लिए फंडिंग दोगुनी कर दी है। एक आपातकालीन हेल्पलाइन को मजबूत किया है और नई शिक्षा एवं जागरूकता गतिविधियां शुरू की हैं। ये आगे बढ़ने के ठोस कदम हैं, लेकिन हमें हर दिन और भी ज्यादा काम करना होगा।”
2023 में यूनिवर्सिटी छात्रा गिउलिया सेचेटिन की हत्या, और इटली की पुरुष-प्रधान संस्कृति में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर बढ़ती बहस इस कानून का बड़ा कारण रही। इन घटनाओं ने देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया था, जिसके बाद सरकार पर सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ा।
हालांकि विपक्ष ने कानून का समर्थन किया, लेकिन साथ ही सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सिर्फ अपराध के कानूनी पहलू पर ध्यान देता है और आर्थिक व सांस्कृतिक समस्याओं को नजरअंदाज करता है।
इटली की सांख्यिकी एजेंसी Istat के अनुसार, 2024 में कुल 106 फेमिसाइड दर्ज हुए, जिनमें से 62 मामलों में महिलाओं को उनके पार्टनर या पूर्व-पार्टनर ने मारा।
Final Thoughts from TheTrendingPeople
इटली का यह निर्णय महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूरोप में बढ़ती चिंता और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। फेमिसाइड पर उम्रकैद का प्रावधान मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और बदलते जनमानस को दर्शाता है। हालांकि कई विशेषज्ञ मानते हैं कि कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक सुधार भी जरूरी हैं। TheTrendingPeople.com इस मुद्दे पर आगे की प्रतिक्रियाओं और प्रभावों पर नज़र रखेगा।