सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस का विशेष कार्यक्रम, सीजेआई सूर्यकांत और कानून मंत्री मेघवाल ने दिए महत्वपूर्ण संदेश
नई दिल्ली, 26 नवंबर — संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका आयोजन सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल रहे। इस मौके पर न्यायपालिका, बार सदस्य और कानूनी जगत के कई वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान CJI सूर्यकांत ने अपने पहले सार्वजनिक संबोधन में कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट को संविधान का पहरेदार माना जाता है, तो बार के सदस्य उस मशाल को आगे बढ़ाते हैं, जिससे संवैधानिक मूल्यों और न्याय की भावना को मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि बार सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे न्याय और संविधान के आदर्शों को हर परिस्थिति में कायम रखें।
सीजेआई ने कहा कि संविधान दिवस का यह अवसर बेहद खास है, क्योंकि आज ही के दिन भारत के लोगों ने अपने लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज अपनाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और बार दोनों के योगदान को राष्ट्र की लोकतांत्रिक यात्रा में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान निर्माण की प्रक्रिया, उसकी विविधता और डॉ. भीमराव अंबेडकर की दूरदर्शिता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संविधान ने आपातकाल जैसी कठिन परिस्थितियों में भी देश को सही दिशा दी। मेघवाल ने कहा कि भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बने।
उन्होंने इंडस्ट्री 4.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बदलते सामाजिक–आर्थिक परिदृश्यों पर भी बात की, और कहा कि भारतीय संविधान इन नई चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत आधार प्रदान करता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संविधान की यात्रा 1946 से शुरू हुई और यह केवल कुछ व्यक्तियों का नहीं, बल्कि पूरे देश का दस्तावेज है। उन्होंने बताया कि संविधान सभा में 165 दिनों तक गहन बहस के बाद इसे तैयार किया गया। मेहता ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की तीनों संस्थाएँ—कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका—स्वतंत्र हैं, लेकिन उनके बीच संतुलन सुनिश्चित किया गया है।
संविधान दिवस के मौके पर दिव्यांग कलाकार अपूर्व ओम ने CJI सूर्यकांत को अपनी स्केच-पेंटिंग भेंट की। उनकी कला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शित हो चुकी है, जिनमें ICJ और UNESCO मुख्यालय शामिल हैं।
Final Thoughts from TheTrendingPeople
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट का यह विशेष कार्यक्रम संविधान की आत्मा—न्याय, समानता और नागरिक जिम्मेदारी—को फिर से याद दिलाता है। सीजेआई, कानून मंत्री और सॉलिसिटर जनरल के विचारों ने यह स्पष्ट किया कि भारत का संविधान केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि सतत विकसित होने वाला जीवंत मार्गदर्शक है। TheTrendingPeople.com आगे भी आपको ऐसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों की पूरी और भरोसेमंद कवरेज उपलब्ध कराता रहेगा