निकिता दत्ता ने ओटीटी के दौर में बदलती कास्टिंग पर खोला दिल, बोलीं – “प्रतिभा का महत्व सोशल मीडिया से ज्यादा होना चाहिए”
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (The Trending People): बॉलीवुड और टीवी जगत की जानी-मानी अदाकारा निकिता दत्ता, जिन्होंने ‘ज्वेल थीफ’ और ‘कबीर सिंह’ जैसी चर्चित फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता, हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया कास्टिंग और अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर सुर्खियों में हैं।
निकिता ने आईएएनएस से हुई एक खास बातचीत में न सिर्फ ओटीटी की बढ़ती लोकप्रियता पर अपने विचार साझा किए, बल्कि यह भी बताया कि आजकल कास्टिंग की प्रक्रिया कैसे सोशल मीडिया के आंकड़ों पर निर्भर होती जा रही है, जो उन्हें अनुचित लगता है।
फिल्मों से लेकर ओटीटी तक – निकिता दत्ता की सशक्त उपस्थिति
निकिता दत्ता का करियर एक मिसाल है कि कैसे टीवी से लेकर फिल्मों और अब ओटीटी की दुनिया तक उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है। उन्होंने 2015 में ‘ड्रीम गर्ल’, 2016 में ‘एक दूजे के वास्ते’ और 2017 में ‘हासिल’ जैसे सफल धारावाहिकों में काम किया। इन सीरियल्स ने उन्हें हर घर का जाना-पहचाना चेहरा बना दिया।
इसके बाद निकिता ने बड़े पर्दे की ओर कदम बढ़ाया और ‘कबीर सिंह’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में नजर आईं। इस फिल्म में उनके किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा। निकिता के मुताबिक, “‘कबीर सिंह’ ने मेरी जर्नी में बड़ा बदलाव लाया। उस फिल्म से मुझे पहचान मिली और लोगों ने बहुत प्यार दिया। मेरे लिए यह हमेशा खास रहेगी।”
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने खोले नए अवसर
निकिता ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव पर कहा कि अब दर्शकों की पसंद बदल चुकी है। “पहले सिर्फ बड़े पर्दे पर ही अभिनेताओं को पसंद किया जाता था, लेकिन अब ओटीटी की वजह से कई माध्यम विकसित हो गए हैं। दर्शक अब उतनी ही रुचि के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी कलाकारों को देखना पसंद करते हैं।”
निकिता का मानना है कि ओटीटी ने कई नए कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है, जो पहले शायद फिल्मों या टीवी तक सीमित रह जाते थे। आज हर अभिनेता के पास खुद को साबित करने के कई मंच हैं — यही इस नए दौर की खूबसूरती है।
“कास्टिंग प्रतिभा के आधार पर होनी चाहिए, फॉलोवर्स के नहीं”
सोशल मीडिया के दौर में कास्टिंग प्रक्रियाओं पर भी बड़ा असर पड़ा है। निकिता ने कहा कि अब कास्टिंग से पहले कलाकार का सोशल मीडिया प्रोफाइल देखा जाता है, जो उन्हें गलत लगता है।
उन्होंने कहा, “पहले ऐसा नहीं होता था। अब कास्टिंग से पहले आपका सोशल मीडिया प्रोफाइल देखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। कास्टिंग प्रतिभा के आधार पर होनी चाहिए, ना कि सोशल मीडिया फॉलोवर्स के आधार पर।”
निकिता का मानना है कि एक कलाकार की असली पहचान उसकी अदाकारी से होती है, न कि उसके ऑनलाइन फैन फॉलोइंग से। उन्होंने कहा कि इस ट्रेंड से कई प्रतिभाशाली कलाकारों को अवसर नहीं मिल पाता।
शाहरुख खान के साथ काम करने का सपना
निकिता ने इंटरव्यू में बताया कि वह बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान के साथ काम करने की ख्वाहिश रखती हैं। उन्होंने कहा, “जब से मैंने इस इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया है, तब से यह मेरा सपना रहा है। अब भी यही ड्रीम प्रोजेक्ट है कि बस शाहरुख खान के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिल जाए।”
निकिता का कहना है कि शाहरुख न केवल एक शानदार अभिनेता हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं, जिन्होंने मेहनत और समर्पण के दम पर अपनी पहचान बनाई।
मराठी फिल्मों में भी सक्रिय निकिता दत्ता
टीवी और बॉलीवुड के अलावा, निकिता मराठी सिनेमा में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने मराठी फिल्म ‘घरत गणपति’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड जीता है। निकिता ने इस अवॉर्ड के साथ अपनी एक खूबसूरत तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की, जिस पर प्रशंसकों ने उन्हें बधाइयों से नवाजा।
दर्शकों का कहना है कि निकिता हर किरदार में अपनी गहराई और सादगी लेकर आती हैं, जो उन्हें अन्य अभिनेत्रियों से अलग बनाती है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और प्रशंसा
निकिता की ईमानदार बातचीत के बाद सोशल मीडिया पर दर्शकों की ओर से जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। प्रशंसकों ने उनकी बातों को “साहसी” और “वास्तविक” बताया। एक यूज़र ने लिखा कि “निकिता जैसी सोच रखने वाली अभिनेत्रियाँ इंडस्ट्री में बदलाव की शुरुआत हैं।”
निकिता के फैंस ने यह भी कहा कि वह ओटीटी और फिल्मों दोनों में और भी दमदार भूमिकाएँ निभाएँ, क्योंकि उनकी अभिनय क्षमता हर मंच पर चमकती है।
फिल्म ‘कबीर सिंह’ और करियर का टर्निंग पॉइंट
निकिता दत्ता के लिए ‘कबीर सिंह’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उनके करियर का अहम मोड़ थी। शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी अभिनीत इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार सफलता हासिल की थी। 2019 में रिलीज़ हुई यह फिल्म 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी थी।
निकिता ने इस फिल्म के जरिए दर्शकों के बीच अपनी गंभीर और सशक्त छवि बनाई। फिल्म के बाद उन्हें कई नए प्रोजेक्ट्स के ऑफर मिले, जिनमें ओटीटी सीरीज भी शामिल थीं।
निष्कर्ष: मेहनत और सादगी से आगे बढ़ती एक सशक्त अदाकारा
निकिता दत्ता उन अभिनेत्रियों में से हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, सादगी और अभिनय के दम पर खुद को साबित किया है। चाहे टीवी हो, फिल्में या ओटीटी — हर माध्यम में उनकी मौजूदगी असरदार रही है।
उन्होंने साबित किया है कि अगर प्रतिभा और समर्पण हो, तो मंच की सीमाएँ मायने नहीं रखतीं। ओटीटी की दुनिया ने उन्हें और अधिक दर्शकों तक पहुँचाया है, और उनके फैंस को पूरा विश्वास है कि जल्द ही वह शाहरुख खान के साथ स्क्रीन शेयर करती नजर आएँगी।
निकिता दत्ता की यह बातचीत सिर्फ एक इंटरव्यू नहीं, बल्कि आज की फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत का आईना है — जहाँ प्रतिभा और सोशल मीडिया के बीच एक नई बहस खड़ी हो गई है। लेकिन निकिता का मानना है कि असली पहचान हमेशा कला से ही बनती है, और यही सोच उन्हें भीड़ से अलग करती है