बिहार चुनाव: घोषणापत्रों का 'वार', NDA का फोकस 'विकसित बिहार' पर, महागठबंधन ने किया आर्थिक उत्थान का बड़ा ऐलान
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सियासी पारा अपने चरम पर है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच है। दोनों ही गठबंधनों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने घोषणापत्रों को अंतिम रूप दे दिया है, जो जल्द ही जारी किए जाएंगे।
एनडीए (NDA): 'विकसित बिहार' पर फोकस, 30 अक्टूबर को होगा जारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा नीत एनडीए अपना घोषणापत्र 30 अक्टूबर को जारी कर सकता है। इस घोषणापत्र का शीर्षक 'विकसित बिहार' रखा गया है।
एनडीए के चुनावी वादों में मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों पर अधिक फोकस रहने की संभावना है: छात्र, स्वास्थ्य और कृषि।
अमित शाह के 'चार सूत्र':
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अक्टूबर को खगड़िया की रैली में इसकी रूपरेखा पहले ही बता दी थी। उन्होंने कहा था:
"बिहार डबल इंजन से लैस होकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ चला है। हमारी स्पष्ट नीति है, स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई, टाइम पर दवाई, खेतों में सिंचाई और हर घर में पानी की सप्लाई।"
– अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
इन चार सूत्रों पर ही एनडीए का घोषणापत्र आधारित होगा। एनडीए के घटक दलों में भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
महागठबंधन (Mahagathbandhan): आज शाम होगा जारी, आर्थिक उत्थान पर ज़ोर
राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाला महागठबंधन आज (मंगलवार शाम) अपना घोषणापत्र जारी करने की तैयारी में है। इस गठबंधन में कांग्रेस, भाकपा, भाकपा-माले, माकपा और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं।
महागठबंधन ने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव के माध्यम से पहले ही कई बड़े और लोक-लुभावन वादे कर दिए हैं, जिनका ज़िक्र घोषणापत्र में होना निश्चित है।
महागठबंधन के प्रमुख वादे:
- मेहनतकश जातियों के लिए आर्थिक सहायता: नाई, कुम्हार, बढ़ई, लोहार, माली और मोची जैसी मेहनतकश जातियों के स्वरोजगार और उत्थान के लिए 5 साल के लिए 5 लाख रुपये की एकमुश्त ब्याज रहित राशि देने की घोषणा।
- पेंशन और बीमा: त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और ग्राम कचहरी सदस्यों को पेंशन दी जाएगी। साथ ही, ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों का 50 लाख रुपये तक का बीमा कराया जाएगा।
- जन वितरण प्रणाली: जन वितरण प्रणाली के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाना और प्रति क्विंटल भुगतान की दर में भी वृद्धि करना।
इस बार के चुनाव में, जहां एनडीए 'डबल इंजन' के भरोसे विकास और सुशासन के वादों पर केंद्रित है, वहीं महागठबंधन सामाजिक न्याय और आर्थिक उत्थान को अपने केंद्र में रखकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहा है। दोनों घोषणापत्रों के जारी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि किस गठबंधन की नीतियाँ बिहार के मतदाताओं को अधिक आकर्षित कर पाती हैं।