दांतों की सड़न: क्या हैं इसके लक्षण और 5 सबसे असरदार घरेलू उपाय?Getty Image
दांतों की सड़न (Cavities) एक ऐसी आम समस्या है जो धीरे-धीरे शुरू होकर गंभीर दर्द, इन्फेक्शन और दांत खोने तक की नौबत ला सकती है। अगर इसे शुरुआती दौर में पहचान लिया जाए और सही देखभाल की जाए, तो दांतों को बचाया जा सकता है।
1. दांतों की सड़न के शुरुआती संकेत (लक्षण)
दांतों की सड़न अक्सर धीमी गति से शुरू होती है, लेकिन कुछ स्पष्ट लक्षण इसे पकड़ने में मदद करते हैं:
- रंग बदलना: दांतों का रंग पीला, भूरा या काला पड़ने लगना।
- संवेदनशीलता: ठंडा या गरम खाना या पीने पर तेज झनझनाहट या दर्द महसूस होना।
- सांसों की दुर्गंध: मुंह से लगातार बदबू आना, जो प्लाक और बैक्टीरिया के कारण होती है।
- हल्का दर्द: बिना किसी स्पष्ट कारण के दांतों में रह-रहकर हल्का दर्द होना।
- ध्यान दें: अगर इन लक्षणों को अनदेखा किया गया, तो सड़न दांत की बाहरी परत (इनेमल) को भेदकर अंदरूनी भाग (डेंटिन और पल्प) तक पहुंच सकती है, जिससे असहनीय दर्द और संक्रमण हो सकता है।
2. दांत सड़ने के मुख्य कारण
दांतों के सड़ने के पीछे हमारी खान-पान की आदतें और साफ-सफाई की कमी प्रमुख रूप से जिम्मेदार होती हैं:
कारण | विवरण |
|---|---|
अत्यधिक मीठा खाना | मिठाई, चॉकलेट, और सॉफ्ट ड्रिंक में मौजूद शक्कर मुंह में एसिड बनाती है, जो दांतों की बाहरी परत (इनेमल) को घिस देती है। |
खराब ओरल हाइजीन | दिन में दो बार ब्रश न करना या फ्लॉसिंग न करने से दांतों में प्लाक (Plaque) जमने लगता है, जो सड़न की मुख्य वजह बनता है। |
लार की कमी | कुछ दवाइयों या पानी कम पीने से लार कम बनती है। लार मुंह के एसिड को बेअसर करती है, इसलिए इसकी कमी से बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। |
पोषक तत्वों की कमी | कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से दांतों की आंतरिक मजबूती कम हो जाती है, जिससे वे सड़न के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। |
3. दांतों की सड़न और दर्द के लिए 5 असरदार घरेलू उपाय
घरेलू उपायों की मदद से दांतों के शुरुआती दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है और सड़न की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है।
उपाय | उपयोग का तरीका और लाभ |
|---|---|
1. लौंग का तेल (Clove Oil) | उपयोग: रुई के फाहे में लौंग का तेल लगाकर सीधे प्रभावित दांत पर 5-10 मिनट तक रखें। लाभ: इसमें मौजूद यूजेनॉल (Eugenol) एक प्राकृतिक दर्द निवारक है, जो दर्द और सूजन को तुरंत कम करता है। |
2. नीम की दातुन | उपयोग: रोज़ सुबह दातुन के रूप में नीम की ताजी टहनी का इस्तेमाल करें। लाभ: नीम में शक्तिशाली जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह मुंह के कीटाणुओं को मारकर मसूड़ों को मजबूत करती है। |
3. ऑयल पुलिंग (Oil Pulling) | उपयोग: 1 चम्मच वर्जिन नारियल तेल (Coconut Oil) को मुंह में लेकर 5 मिनट तक घुमाएं और फिर थूक दें (निगलें नहीं)। लाभ: यह मुंह के बैक्टीरिया, टॉक्सिन और प्लाक को खींचकर बाहर निकालता है, जिससे मुंह की सफाई होती है। |
4. लहसुन का पेस्ट | उपयोग: लहसुन की एक कली पीसकर पेस्ट बनाएं और इसे 5 मिनट के लिए प्रभावित दांत पर लगाएं। लाभ: लहसुन में एलिसिन होता है, जो संक्रमण (इंफेक्शन) को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। |
5. नमक और सरसों का तेल | उपयोग: चुटकी भर नमक को कुछ बूंद सरसों के तेल में मिलाकर हल्के हाथ से मसूड़ों और दांतों पर रगड़ें। लाभ: यह एक पुराना और प्रभावी नुस्खा है, जो मसूड़ों के रक्त संचार को बेहतर बनाता है और इनेमल को मजबूत करने में सहायक है। |
4. दांतों को मजबूत बनाने के लिए आहार
दांतों की मजबूती के लिए सिर्फ बाहर की सफाई नहीं, बल्कि अंदरूनी पोषण भी ज़रूरी है।
- कैल्शियम के स्रोत: दूध, पनीर, तिल, अंजीर और हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक) कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जो दांतों की हड्डी को मजबूत बनाते हैं।
- विटामिन सी: आंवला और नींबू जैसे फल विटामिन सी प्रदान करते हैं, जो मसूड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
