एमपी हाईकोर्ट का अहम फैसला: पदोन्नत प्रोफेसरों को मिलेगा 10 हजार रुपए एकेडमिक ग्रेड पे का लाभ
भोपाल: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्रोफेसरों के पक्ष में एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने पदोन्नत प्रोफेसरों को एकेडमिक ग्रेड पे (एजीपी) 10 हजार रुपए का लाभ देने का आदेश दिया है। इस फैसले पर प्रोफेसरों ने खुशी जताई है, और प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ ने इसे हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला बताया है। आधिकारिक रूप से विस्तारित फैसला प्राप्त होने के बाद इसकी व्यापकता और अहमियत सामने आई है।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: एजीपी और इंक्रीमेंट का लाभ
प्राध्यापक संघ का कहना है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रोफेसरों को पदोन्नति पर इंक्रीमेंट देने का भी आदेश दिया है। यह फैसला हर लिहाज से ऐतिहासिक है, क्योंकि पदोन्नत कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतनवृद्धि सभी कर्मचारियों को दी जा रही थी, लेकिन प्रोफेसरों को इससे जानबूझकर वंचित रखा गया था।
जस्टिस विवेक जैन ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार प्रोफेसरों को 10 हजार एजीपी देने का फैसला पहले ही ले चुकी है, और अब इससे भागने का सवाल ही नहीं उठता। यह निर्णय प्रोफेसरों के लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करता है।
रिटायर और सेवारत प्रोफेसरों के लिए भुगतान की शर्तें
प्राध्यापक संघ ने हाईकोर्ट के फैसले की विस्तार से व्याख्या की है। पदाधिकारियों के मुताबिक, हाईकोर्ट ने रिटायर हो चुके प्रोफेसरों को एरियर राशि एकमुश्त देने को कहा है। इसके लिए चार माह की समय सीमा तय की गई है। वहीं, सेवारत प्रोफेसरों को राशि का भुगतान तीन किश्तों में करने का आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट ने अंतिम भुगतान की तिथि 31 दिसंबर 2026 निर्धारित की है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी पात्र प्रोफेसरों को समय पर उनका बकाया मिल जाए।
लंबी कानूनी लड़ाई का परिणाम
प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. आनंद शर्मा के अनुसार, उन्होंने इस हक के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। हाईकोर्ट ने एफआर 22 (ए) के अंतर्गत प्रोफेसरों की वेतन वृद्धि का फैसला सुनाया है। डॉ. आनंद शर्मा ने बताया कि पदोन्नति पर वेतनवृद्धि सभी सरकारी कर्मचारियों को दी जा रही थी, लेकिन प्रोफेसरों को इससे वंचित रखा गया था, यही कारण है कि उन्हें कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह फैसला प्रदेश में शिक्षाविदों के अधिकारों को मजबूत करता है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का यह फैसला राज्य के प्रोफेसरों के लिए एक बड़ी जीत है, जो उनके वर्षों के संघर्ष और कानूनी लड़ाई का परिणाम है। पदोन्नत प्रोफेसरों को 10 हजार रुपए एकेडमिक ग्रेड पे और पदोन्नति पर इंक्रीमेंट का लाभ मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उनके मनोबल में वृद्धि होगी। यह निर्णय न केवल प्रोफेसरों के लिए न्याय सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायपालिका कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।