भारत में रेयर अर्थ मिनरल की खोज में तेजी, आत्मनिर्भरता की ओर कदम
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नई दिल्ली: चीन की ओर से रेयर अर्थ मिनरल (दुर्लभ पृथ्वी खनिज) के निर्यात पर बैन लगाने के बाद, देश में इन महत्वपूर्ण खनिजों की खोज में राज्यों की सक्रिय भागीदारी काफी उत्साहजनक है। इससे देश में क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है, साथ ही भारत इन महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बन सकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में दी गई, जो भारत की रणनीतिक खनिज सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को रेखांकित करती है।
रेयर अर्थ मिनरल: बढ़ती मांग और आयात की स्थिति
रेयर अर्थ मिनरल (REM) ऐसे 17 रासायनिक तत्व हैं जो आधुनिक टेक्नोलॉजी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनका उपयोग स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और रक्षा उपकरणों सहित विभिन्न उच्च-तकनीकी उत्पादों में होता है। चीन, इन खनिजों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, और उसके निर्यात बैन ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में चिंता पैदा कर दी है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश में बीते चार वर्षों में रेयर अर्थ मिनरल का औसत आयात 249 मिलियन डॉलर रहा है। वहीं, वित्त वर्ष 25 में यह 291 मिलियन डॉलर था, जो कि चार वर्षों में सबसे अधिक है। यह बढ़ती आयात निर्भरता भारत के लिए एक रणनीतिक चुनौती पेश करती है, जिसे घरेलू उत्पादन बढ़ाकर ही दूर किया जा सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि बैन से प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में परिवहन उपकरण, बेसिक मेटल, मशीनरी, निर्माण और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इससे घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों प्रभावित होंगे।" यह दर्शाता है कि इन खनिजों की घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम): आत्मनिर्भरता की दिशा में
क्रिटिकल मिनरल सेक्टर में आत्मनिर्भर होने के उद्देश्य से सरकार ने 2025-31 की अवधि के लिए 18,000 करोड़ रुपए के कुल आवंटन के साथ एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 2025 में नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) को शुरू किया है। यह मिशन भारत को इन महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
रिपोर्ट में बताया गया कि क्रिटिकल मिनरल में घरेलू मूल्य-श्रृंखला निर्माण के लिए राज्य सरकार की भागीदारी आवश्यक होगी। कई राज्यों ने अन्वेषण लाइसेंस (ईएल) की नीलामी के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं, जो इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय को दर्शाता है।
ओडिशा की पहल: रेयर अर्थ मिनरल आधारित उत्पादों को प्राथमिकता
ओडिशा सरकार इस क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका निभा रही है। ओडिशा सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी रिजॉल्यूशन 2022, इस नीति के तहत रेयर अर्थ मिनरल पर आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों को एक प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है। यह राज्य में इन खनिजों से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करेगा।
इसके अलावा, ओडिशा सरकार ने हाई-टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए गंजम में 8,000 करोड़ रुपए की टाइटेनियम फैसिलिटी को मंजूरी दी है। टाइटेनियम एक महत्वपूर्ण धातु है जिसका उपयोग एयरोस्पेस, रक्षा और चिकित्सा जैसे उद्योगों में होता है, और यह रेयर अर्थ मिनरल के साथ मिलकर काम करता है।
वैश्विक निवेश और बैंकों के लिए अवसर
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया, "भारत संसाधन संपन्न देशों में क्रिटिकल मिनरल एसेट्स की खोज और अधिग्रहण में निवेश करेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी कंपनियों को फंडिंग, दिशानिर्देशों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।" यह दर्शाता है कि भारत केवल घरेलू उत्पादन पर ही निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इन खनिजों की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया, "क्रिटिकल मिनरल बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक अवसर हैं, जिसके लिए बैंकों के भीतर विशेष नीतिगत फोकस और रणनीतिक दिशा की आवश्यकता होती है।" यह वित्तीय क्षेत्र को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में निवेश और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
चीन के निर्यात प्रतिबंधों के बाद भारत में रेयर अर्थ मिनरल की खोज और उत्पादन में तेजी लाना देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन और राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ, भारत इन दुर्लभ खनिजों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। यह पहल न केवल घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक अधिक लचीला और विश्वसनीय खिलाड़ी भी बनाएगी।