दिल्ली में महिला सब इंस्पेक्टर समेत पांच गिरफ्तार, कारोबारी से 20 लाख की रंगदारी वसूलने का आरोपफोटो सोर्सः सोशल मीडिया
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां कारोबारियों को सुरक्षा देने का वादा करने वाली पुलिस ही उनके लिए आफत बन गई। इसमें एक महिला सब इंस्पेक्टर भी शामिल पाई गई है, जो उस समय अवकाश पर थी। महिला सब इंस्पेक्टर और दो पुलिसकर्मियों समेत पांच लोगों पर एक कारोबारी का अपहरण कर उससे 20 लाख रुपये से अधिक की रंगदारी वसूलने का आरोप है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर एक महिला सब-इंस्पेक्टर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के पश्चिमी विहार निवासी डॉ. नीरज शिक्षा से जुड़ी कंसल्टिंग फर्म चलाते हैं। इसके साथ ही वह अन्य व्यवसायों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि बीते शुक्रवार को जब वे अपने पश्चिम विहार स्थित कार्यालय में दो कर्मचारियों के साथ काम कर रहे थे, तभी तीन लोग वहां पहुंचे। इनमें दिल्ली पुलिस का हेड कॉन्स्टेबल विशाल छिल्लर भी शामिल था।
आते ही उन्होंने कार्यालय का सीसीटीवी कनेक्शन काट दिया और नीरज पर अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाकर 50 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद आरोपी उन्हें जबरन एक एसयूवी में बैठाकर हरियाणा से सटे पीरागढ़ी स्थित पुलिस बूथ ले गए। नीरज का आरोप है कि वहां उनके साथ मारपीट की गई और 21 लाख रुपये वसूल लिए गए। नीरज का यह भी आरोप है कि यह सब एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया।
पुलिस कार्रवाई: पांच आरोपी गिरफ्तार
पीड़ित डॉ. नीरज की शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला सब-इंस्पेक्टर और दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यह मामला पुलिस बल के भीतर भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आगे की जांच जारी है।
दिल्ली पुलिस के कर्मियों पर रंगदारी वसूलने का यह गंभीर आरोप और उनकी गिरफ्तारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। यह घटना दर्शाती है कि समाज में कानून-व्यवस्था बनाए रखने वालों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, भले ही इसमें वर्दीधारी लोग शामिल हों। यह देखना बाकी है कि इस मामले की जांच आगे क्या मोड़ लेती है और इसमें शामिल सभी दोषियों को कब तक न्याय के कटघरे में लाया जाता है।