विदेशी शिक्षा का सपना टूटा? राजस्थान में विवेकानंद स्कॉलरशिप पर संकट, सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में
जयपुर: राजस्थान में विदेशी शिक्षा का सपना देख रहे सैकड़ों मेधावी छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की भाजपा सरकार पर राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस योजना को बर्बाद करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर 'विवेकानंद स्कॉलरशिप' कर दिया, लेकिन इससे न तो छात्रों को कोई लाभ मिला और न ही समय पर सहायता मिल पाई।
स्कॉलरशिप में देरी: छात्रों का दाखिला संकट में
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि इस योजना के तहत हर साल 500 मेधावी विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाती थी, परंतु इस बार भी स्कॉलरशिप समय पर जारी नहीं हुई है। विदेशों के विश्वविद्यालयों में एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, लेकिन छात्र फीस नहीं भर पा रहे हैं, जिससे उनका दाखिला संकट में पड़ गया है। यह स्थिति उन छात्रों के लिए बेहद चिंताजनक है जिन्होंने अपना भविष्य विदेशों में उच्च शिक्षा के माध्यम से संवारने का सपना देखा था।
सरकार का तर्क और गहलोत का पलटवार
सरकार का तर्क है कि फीस बाद में रिइम्बर्स (वापस) कर दी जाएगी। हालांकि, गहलोत ने इस तर्क पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के पास फीस भरने की क्षमता होती, तो वे स्कॉलरशिप के लिए इतने महीनों से इंतजार क्यों करते? उनका यह सवाल सरकार की नीति पर सीधा प्रहार है, क्योंकि यह योजना मूल रूप से उन्हीं छात्रों के लिए बनाई गई थी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिना वित्तीय सहायता के विदेशों में पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर सकते।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की है कि इस विषय पर तत्काल ध्यान दें, ताकि इन होनहार युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बच सके। उन्होंने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
योजना का इतिहास और विश्वसनीयता पर सवाल
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सिलेंस योजना की शुरुआत कांग्रेस सरकार में हुई थी, जिसका उद्देश्य विदेशों में उच्च शिक्षा के इच्छुक मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता देना था। पूर्व सीएम का आरोप है कि भाजपा सरकार द्वारा नाम परिवर्तन और प्रक्रिया में देरी के कारण छात्रवृत्ति की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह स्थिति न केवल वर्तमान छात्रों को प्रभावित कर रही है, बल्कि भविष्य में इस योजना का लाभ उठाने की सोच रहे छात्रों के विश्वास को भी कमजोर कर सकती है।
राजस्थान में 'विवेकानंद स्कॉलरशिप' पर गहराया संकट सैकड़ों मेधावी छात्रों के विदेशी शिक्षा के सपने को तोड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए आरोप सरकार पर इस योजना को लेकर दबाव बढ़ा रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या इन छात्रों को समय पर सहायता मिल पाती है, ताकि उनका भविष्य अधर में न लटके। यह मामला राज्य में शिक्षा और युवा कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की परीक्षा होगा।