चंडीगढ़: मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में राशि बढ़कर 51 हजार हुई, अंत्योदय परिवारों को बड़ी राहत
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए 'मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना' के तहत दी जाने वाली राशि में वृद्धि कर दी है। इस फैसले से विशेष रूप से पिछड़े वर्ग के अंत्योदय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें बेटियों की शादी के लिए पहले मिलने वाले 41 हजार रुपए के बजाय 51 हजार रुपए मिलेंगे। यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और बेटियों के विवाह में सहायता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बढ़ी हुई राशि और लाभार्थी वर्ग
सरकार के इस फैसले से वार्षिक 1.80 लाख रुपए तक की आय वाले परिवारों को सीधा फायदा होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के लिए राशि निर्धारित की गई है:
- पिछड़े वर्ग के अंत्योदय परिवार: इन परिवारों को अब बेटियों की शादी के लिए 51 हजार रुपए मिलेंगे। पहले यह राशि 41 हजार रुपए थी।
- अनुसूचित जाति (SC), विमुक्त जाति और टपरीवास समुदाय के परिवार: इन परिवारों को इस योजना के तहत सबसे अधिक 71 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। यह राशि इन समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान में सहायक होगी।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन जीने वाले पिछड़े वर्ग के परिवार: इन परिवारों को भी अब 51 हजार रुपए मिलेंगे।
- किसी भी वर्ग की महिला खिलाड़ी: महिला खिलाड़ियों को भी उनकी शादी के लिए अब 51 हजार रुपए दिए जाएंगे, जो खेल के क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है।
- ऐसे जोड़े जिनमें पति या पत्नी में से कोई एक भी दिव्यांग हो: ऐसे जोड़ों को भी 51 हजार रुपए का शगुन मिलेगा, जो समाज के दिव्यांग वर्ग के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
योजना का उद्देश्य और पात्रता
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह में वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उन्हें इस शुभ अवसर पर आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े। यह योजना बाल विवाह को रोकने और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में भी सहायक है, क्योंकि यह विवाह के लिए एक निश्चित आयु सीमा को प्रोत्साहित करती है।
पात्रता मानदंड (संक्षेप में):
- आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय निर्धारित सीमा के भीतर होनी चाहिए (जैसे अंत्योदय परिवारों के लिए 1.80 लाख रुपए)।
- वधू की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग पात्रता मानदंड हो सकते हैं, जैसा कि ऊपर उल्लेखित है।
आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन और पारदर्शी
पात्र परिवार इस योजना का लाभ उठाने के लिए shadi.edisha.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया से पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित होती है, जिससे लाभार्थियों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलती है। विवाह पंजीकरण के उपरांत ही विवाहित कन्या के माता-पिता को इस योजना का अनुदान दिया जाता है, जिसके लिए विवाहित जोड़े की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकृत होना आवश्यक है। विवाह के 6 महीने पूरे होने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री सैनी द्वारा 'मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना' की राशि में वृद्धि का यह फैसला हरियाणा सरकार की सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कदम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को बेटियों की शादी में बड़ी राहत देगा, बल्कि यह समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर एससी, विमुक्त, टपरीवास समुदायों और दिव्यांगजनों को भी सशक्त करेगा। यह योजना निश्चित रूप से हरियाणा में सामाजिक समानता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।