एयर इंडिया 171 हादसे पर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी गई, जल्द होगी सार्वजनिकफोटो : IANS
नई दिल्ली: विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने एयर इंडिया की उड़ान संख्या 171 के दुखद हादसे पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नागर विमानन मंत्रालय और अन्य संबंधित अधिकारियों को सौंप दी है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने बताया है कि प्रारंभिक आकलन और शुरुआती निष्कर्षों पर आधारित यह रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत में सार्वजनिक होने की उम्मीद है, जिससे इस भयावह घटना के शुरुआती कारणों पर प्रकाश डाला जा सकेगा।
दुखद दुर्घटना का विवरण
लंदन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट एआई171, 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस दुखद दुर्घटना में विमान में सवार सभी 241 लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोग मारे गए थे, जिससे कुल 260 लोगों की जान चली गई थी। यह घटना भारतीय विमानन इतिहास की सबसे गंभीर दुर्घटनाओं में से एक बन गई है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था।
जांच प्रक्रिया का त्वरित आरंभ
एयर इंडिया की फ्लाइट की इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के तुरंत बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने बिना किसी देरी के जांच शुरू कर दी थी। निर्धारित मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, 13 जून, 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया गया था। इस टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक करते हैं और इसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) अधिकारी और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं। एनटीएसबी अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन की सरकारी जांच एजेंसी है, और इस तरह की अंतरराष्ट्रीय जांचों के लिए इसकी भागीदारी आवश्यक होती है।
ब्लैक बॉक्स की बरामदगी और घरेलू विश्लेषण की क्षमता
दुर्घटना की जांच में महत्वपूर्ण माने जाने वाले कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), जिन्हें आमतौर पर 'ब्लैक बॉक्स' कहा जाता है, दोनों को बरामद कर लिया गया है। सीवीआर 13 जून, 2025 को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से मिला था, जबकि एफडीआर 16 जून, 2025 को मलबे से बरामद किया गया था।
पहले, भारत में घरेलू स्तर पर प्रमुख दुर्घटनाओं से ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण करने के लिए बुनियादी ढांचे की कमी थी। इस कारण ब्लैक बॉक्स को आमतौर पर यूके, यूएस, फ्रांस, इटली, कनाडा और रूस जैसे देशों में डिकोडिंग के लिए विदेश भेजा जाता था। हालांकि, दिल्ली में सभी तरह की सुविधाओं से लैस एएआईबी लैब की स्थापना के साथ, अब देश के भीतर ही कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर दोनों को डिकोड किया जा सकता है। यह भारत की विमानन जांच क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, जो जांच प्रक्रिया को तेज और अधिक कुशल बनाएगी।
प्रारंभिक रिपोर्ट का महत्व
प्रारंभिक रिपोर्ट जांच की शुरुआती दिशा और पहले चरण के निष्कर्षों को दर्शाती है। यह उन तात्कालिक कारकों पर प्रकाश डाल सकती है जिन्होंने दुर्घटना में योगदान दिया होगा, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शुरुआती सिफारिशें भी प्रदान कर सकती है। हालांकि, यह अंतिम रिपोर्ट नहीं है, और विस्तृत जांच जारी रहेगी, जिसमें सभी पहलुओं का गहन विश्लेषण किया जाएगा।
निष्कर्ष
एयर इंडिया 171 हादसे पर एएआईबी द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट का प्रस्तुत किया जाना जांच प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह रिपोर्ट दुर्घटना के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए आवश्यक कदमों की पहचान करने में मदद करेगी। दिल्ली में ब्लैक बॉक्स डिकोडिंग सुविधा की स्थापना भारत की विमानन सुरक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो देश को अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों को पूरा करने में और सक्षम बनाएगी।