भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन करेगी: कैलाश कुलकर्णी, एचएसबीसी म्यूचुअल फंड
नई दिल्ली: भारत की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है और यह लंबे समय तक अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करेगी। यह बयान एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ कैलाश कुलकर्णी की ओर से मंगलवार को दिया गया, जो देश की आर्थिक संभावनाओं पर एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए कैलाश कुलकर्णी ने कहा, "हमारा मानना है कि लंबी अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी। मौजूदा समय में भी भारत लगातार अन्य अर्थव्यवस्थाओं से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और यह ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहेगा।" यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन भारत अपनी आंतरिक मजबूती के दम पर आगे बढ़ रहा है।
विकास के मुख्य स्तंभ: मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटाइजेशन
कुलकर्णी ने आगे कहा कि सरकार की ओर से कई सारी चीजों, विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटाइजेशन को समर्थन दिया जा रहा है, जिससे देश की विकास दर को बढ़ने में मदद मिल रही है। ये दोनों क्षेत्र भारत की आर्थिक वृद्धि के प्रमुख चालक बन रहे हैं, जो रोजगार सृजन और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ ने यह भी बताया कि देश में प्रति व्यक्ति आय तेजी से ऊपर जा रही है, जो उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा दे रही है। वहीं, सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचे) पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिल रही है। इस कारण, कुलकर्णी का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में कंज्यूमर, फाइनेंशियल, कैपिटल गुड्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेज वृद्धि दिखा सकते हैं।
म्यूचुअल फंड एसआईपी की बढ़ती लोकप्रियता
म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के ऑल-टाइम हाई होने पर कुलकर्णी ने खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "आठ से दस साल पहले एसआईपी लोगों को बेचनी पड़ती थी, लेकिन अब समय बदल गया है, लोग एसआईपी के जरिए स्वयं निवेश करना चाहते हैं।" यह निवेशकों के बीच वित्तीय साक्षरता और अनुशासित निवेश के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा, "लोग समझ गए हैं कि अगर लंबी अवधि के नजरिए से छोटी राशि से अनुशासन के साथ निवेश किया जाए, तो वह आगे बढ़ सकते हैं।" कुलकर्णी के अनुसार, एसआईपी का ट्रेंड आने वाले समय में और बढ़ेगा, क्योंकि टियर 3 और टियर 4 शहरों में एसआईपी की ग्रोथ रेट टियर 1 और 2 शहरों की अपेक्षा काफी अधिक है। यह दर्शाता है कि वित्तीय समावेशन देश के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है।
एम्फी (AMFI) के डेटा के मुताबिक, एसआईपी इनफ्लो मई में 26,688 करोड़ रुपए पर था, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि एसआईपी निवेश में लगातार वृद्धि हो रही है।
वैश्विक अस्थिरता और निवेश का महत्व
वैश्विक अस्थिरता के लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कुलकर्णी ने एक महत्वपूर्ण सलाह दी। उन्होंने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब हमने अस्थिरता देखी है। हमारे पास पहले भी भू-राजनीतिक मुद्दे रहे हैं। 2008 में हमें वैश्विक वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था। उससे पहले, 2000 में आईटी संकट आया था। इन सभी संकटों के दौरान भी बाजार में तनाव देखा गया।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन जो व्यक्ति इस पूरी अस्थिरता के दौर में बाजार में टिका रहा और निवेशित रहा है, उसे वास्तव में बाजार से लाभ हुआ है।" कुलकर्णी ने बताया कि एचएसबीसी म्यूचुअल फंड ने एक नोट निकाला था जिसमें दुनिया में हुई पिछली पांच-छह घटनाओं को शामिल किया था और बताया था कि फिर तीन साल बाद बाजार कैसा था। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आम तौर पर अगर कोई व्यक्ति निवेशित रहा या इस अशांत समय के दौरान एसआईपी के माध्यम से निवेश करना जारी रखा, तो उसे वास्तव में उस व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक लाभ होता, जिसने अस्थिरता के समय पैसे निकाल लिए थे। यह दीर्घकालिक निवेश और अनुशासित एसआईपी के महत्व को रेखांकित करता है, खासकर अनिश्चित समय में।
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ कैलाश कुलकर्णी का बयान भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित मजबूती और दीर्घकालिक विकास क्षमता में विश्वास को दर्शाता है। मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटाइजेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का जोर, बढ़ती प्रति व्यक्ति आय के साथ मिलकर, आने वाले वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि को बढ़ावा देगा। एसआईपी की बढ़ती लोकप्रियता यह संकेत देती है कि भारतीय निवेशक अब अनुशासित और दीर्घकालिक निवेश के महत्व को समझ रहे हैं, जो बाजार की अस्थिरता के बावजूद उन्हें लाभान्वित करेगा।