पंचायती राज मंत्रालय और भाषिणी के बीच समझौता, शासन में बहुभाषी AI तकनीक का होगा उपयोग
नई दिल्ली – पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन, भाषिणी (Bhashini) के साथ एक महत्वपूर्ण सहयोग को औपचारिक रूप देगा। इसका उद्देश्य पंचायती राज शासन में अधिक समावेशिता और बेहतर पहुंच के लिए कटिंग-एज एआई-पावर्ड लैंग्वेज टेक्नोलॉजी (AI-powered Language Technology) का इस्तेमाल करना है। यह पहल जमीनी स्तर पर शासन को और अधिक सुलभ और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल की मौजूदगी में इस महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह समझौता भारत के डिजिटल गवर्नेंस परिदृश्य में एक मील का पत्थर साबित होगा।
बहुभाषी पहुंच का विस्तार
यह पहल पंचायती राज मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म और आउटरीच प्रयासों में बहुभाषी पहुंच का विस्तार करने के लिए एक रणनीतिक सहयोग है। इसका सीधा लाभ ग्रामीण भारत के नागरिकों को मिलेगा, जो अब अपनी स्थानीय भाषाओं में सरकारी योजनाओं और सूचनाओं तक पहुंच बना सकेंगे।
इस पहल के साथ, पंचायती राज पहलों, कार्यक्रमों, संवादों और लाइव कार्यक्रमों में एडवांस्ड ट्रांसलेशन टेक्नोलॉजी (Advanced Translation Technology) के जरिए सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाया जा सकेगा। यह मंत्रालय के प्लेटफार्मों को निर्बाध रूप से बहुभाषी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे हितधारकों, विशेषकर निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और ग्रामीण भारत के नागरिकों को अपनी मूल भाषाओं में योजना और शासन प्रणालियों तक पहुंच बनाने में सशक्त बनाया जा सके। यह डिजिटल डिवाइड को कम करने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि कोई भी भाषा बाधा के कारण पीछे न छूटे।
पंचायती राज मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, साझेदारी पंचायती राज मंत्रालय के प्रमुख पोर्टलों और प्लेटफार्मों पर भाषा पहुंच को बढ़ाएगी, साथ ही पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एआई-इनेबल्ड पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (AI-enabled Public Digital Infrastructure) के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा।"
ईग्रामस्वराज का भाषिणी के साथ एकीकरण
इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, ईग्रामस्वराज (eGramSwaraj) के साथ भाषिणी के एकीकरण को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष रूप से क्यूरेट किया गया डिजिटल लॉन्च वीडियो भी जारी किया जाएगा। ईग्रामस्वराज पंचायती राज मंत्रालय का एक प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो पंचायतों की नियोजन, लेखांकन और निगरानी प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाता है। भाषिणी के साथ इसका एकीकरण ग्रामीण स्तर पर शासन को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाएगा।
रेलवे में भाषिणी की सफलता
यह पहली बार नहीं है जब भाषिणी की भाषा तकनीक का उपयोग सार्वजनिक सेवाओं में किया जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन (डीआईबीडी) और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) ने प्रमुख पब्लिक-फेसिंग रेलवे प्लेटफार्मों पर बहुभाषी एआई समाधानों के विकास और तैनाती पर सहयोग किया था।
इस साझेदारी का उद्देश्य भाषिणी के स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लैंग्वेज टेक्नोलॉजी स्टैक को नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) और रेलमदद जैसे सीआरआईएस-मैनेज्ड सिस्टम में एकीकृत करना है। इससे नागरिकों को 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिली है, जिससे लाखों रेल यात्रियों के लिए यात्रा संबंधी जानकारी और सहायता प्राप्त करना आसान हो गया है।
भाषिणी के स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लैंग्वेज टेक्नोलॉजी स्टैक में ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन (एएसआर), टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन, टेक्स्ट-टू-स्पीच (टीटीएस) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं शामिल हैं। ये प्रौद्योगिकियां भारतीय भाषाओं में डिजिटल सामग्री को समझने, संसाधित करने और उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे विभिन्न सरकारी सेवाओं में भाषा की बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है। पंचायती राज मंत्रालय के साथ यह सहयोग भारत में डिजिटल क्रांति को जमीनी स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।