भारत में रीट्स के लिए जबरदस्त संभावनाएं, ऑफिस स्टॉक का केवल 23% लिस्टेड
नई दिल्ली – भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट्स - REITs) के लिए भविष्य में जबरदस्त विकास की संभावनाएं हैं। गुरुवार को जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष सात भारतीय शहरों में रीट्स के पोर्टफोलियो में वर्तमान में कुल रीट-योग्य ऑफिस स्टॉक (जिसका मूल्य 520 मिलियन वर्ग फीट है) का केवल 23 प्रतिशत ही लिस्टेड है। यह आंकड़ा इस सेक्टर में भविष्य की अपार संभावनाओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
रीट्स का मजबूत प्रदर्शन और बाजार पूंजीकरण
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के ऑफिस रीट्स ने मजबूत लीजिंग गतिविधि और किराए में स्थिर वृद्धि के कारण 16 जून, 2025 तक शानदार वन-ईयर परफॉर्मेंस दर्शाया है। यह निवेशकों के लिए इस सेगमेंट में बढ़ते भरोसे को रेखांकित करता है।
लेटेस्ट एनारॉक रिसर्च डेटा (Anarock Research Data) के अनुसार, भारत रीट सेक्टर में देर से प्रवेश करने वाला रहा है। हालांकि, 2019 में रीट्स लॉन्च होने के बाद से उनका बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) परिपक्व रीट बाजारों वाली कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से भी आगे निकल गया है। यह भारतीय रीट बाजार की तेजी से बढ़ती स्वीकार्यता और क्षमता को दर्शाता है।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि तीन प्रमुख लिस्टेड भारतीय रीट्स – एम्बेसी ऑफिस पार्क्स (Embassy Office Parks), माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स (Mindspace Business Parks) और ब्रुकफील्ड इंडिया (Brookfield India) – का संयुक्त पोर्टफोलियो सिर्फ 117.2 मिलियन वर्ग फीट है, जो कि कुल रीट-योग्य भारतीय ऑफिस स्पेस मार्केट का सिर्फ 23 प्रतिशत है।
पुरी ने स्पष्ट किया, "यह भविष्य में रीट लिस्टिंग और शीर्ष 7 शहरों में ऑफिस मार्केट कंसोलिडेशन (Office Market Consolidation) के लिए महत्वपूर्ण हेडरूम (Headroom) दर्शाता है।" इसका अर्थ है कि आने वाले समय में और अधिक ऑफिस संपत्तियों को रीट्स के तहत सूचीबद्ध किया जा सकता है, जिससे निवेशकों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
क्षेत्रीय विश्लेषण: कहां है सबसे अधिक स्टॉक?
रिपोर्ट के क्षेत्रीय विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग 313 मिलियन वर्ग फीट के साथ, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में वर्तमान में अधिकतम उपलब्ध रीट-योग्य ऑफिस स्टॉक है। ये शहर भारत के आईटी और सेवा क्षेत्रों के प्रमुख केंद्र हैं, जहां वाणिज्यिक रियल एस्टेट की मांग लगातार बढ़ रही है। हालांकि, इस विशाल स्टॉक का सिर्फ 18 प्रतिशत ही वर्तमान में रीट पोर्टफोलियो में लिस्टेड है, जो इन शहरों में भविष्य की लिस्टिंग के लिए एक बड़ी क्षमता को दर्शाता है।
उत्तर भारत में, दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वर्तमान में कुल 82 मिलियन वर्ग फीट का रीट-योग्य स्टॉक है, जिसमें से सिर्फ 30 प्रतिशत ही लिस्टेड है। यह क्षेत्र भी व्यावसायिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) और पुणे में कुल मिलाकर 118 मिलियन वर्ग फीट का रीट-योग्य ऑफिस स्टॉक है, जिसमें से सिर्फ 27 प्रतिशत रीट-लिस्टेड है। ये आंकड़े भारत के प्रमुख वाणिज्यिक शहरों में रीट के विस्तार की व्यापक संभावनाओं को उजागर करते हैं।
ऑफिस स्टॉक में वृद्धि और भविष्य का दृष्टिकोण
डेटा ट्रेंड्स से पता चलता है कि 2023 में शीर्ष 7 शहरों में कुल रीट-योग्य ऑफिस स्टॉक लगभग 383 मिलियन वर्ग फीट था। पुरी ने कहा, "तब से यह 36 प्रतिशत बढ़कर वर्तमान में लगभग 520 मिलियन वर्ग फीट हो गया है, जिसका श्रेय मुख्य रूप से 2023 से उदार नए ऑफिस सप्लाई इन्फ्यूजन और वर्तमान मांग और मानकों को पूरा करने के लिए पुराने ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक के अपग्रेड को जाता है।"
यह वृद्धि न केवल नई आपूर्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि पुराने वाणिज्यिक स्थानों को आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत किया जा रहा है। भारतीय रीट बाजार में यह वृद्धि और इसकी अप्रयुक्त क्षमता, विशेष रूप से ऑफिस सेक्टर में, भविष्य में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। यह भारतीय रियल एस्टेट बाजार के लिए एक आशाजनक भविष्य का संकेत है, जहां रीट एक महत्वपूर्ण निवेश माध्यम के रूप में उभरेगा।