भारत-ओमान मुक्त व्यापार समझौता अंतिम चरण में, जल्द हो सकता है ऐलान: पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 29 मई 2025 – भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर चल रही बातचीत अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया है कि इस समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में नया मोड़ आ सकता है।
क्या कहा मंत्री पीयूष गोयल ने?
फ्रांस यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में पीयूष गोयल ने कहा,
“मुझे लगता है कि ओमान एफटीए पर आपको जल्द ही कुछ अच्छी खबरें मिलेंगी।”
पीयूष गोयल फिलहाल फ्रांस में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की आधिकारिक यात्रा पर हैं और 2025 की विश्व व्यापार संगठन (WTO) मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने जा रहे हैं।
कब शुरू हुई FTA की बातचीत?
भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत की शुरुआत नवंबर 2023 में हुई थी। इसके बाद जनवरी 2024 में मंत्री गोयल ने 27-28 जनवरी को ओमान का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल युसूफ के साथ भारत-ओमान संयुक्त आयोग की 11वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की।
किन क्षेत्रों में हुई चर्चा?
इस उच्च स्तरीय बैठक में निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा हुई:
- व्यापार और निवेश
- रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा)
- खाद्य सुरक्षा
- टेक्नोलॉजी और इनोवेशन
- मैन्युफैक्चरिंग और MSME सहयोग
द्विपक्षीय व्यापार में नया अध्याय
भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) अब अंतिम दौर की चर्चा में है। इस समझौते पर हस्ताक्षर से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बड़ा बढ़ावा मिलने की संभावना है।
गोयल और अल युसूफ ने सहमति व्यक्त की कि चर्चा में तेजी लाई जाए ताकि समझौते को जल्द अंतिम रूप दिया जा सके। इस FTA के प्रभाव से टैरिफ कम होंगे, व्यापार बाधाएं घटेंगी, और व्यापारिक प्रक्रियाएं सुगम बनेंगी।
ओमान: भारत का तीसरा सबसे बड़ा खाड़ी व्यापार साझेदार
ओमान खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) में भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत-ओमान व्यापार वर्ष 2024-25 में 10.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है। इसमें:
- निर्यात: 4 बिलियन डॉलर
- आयात: 6.54 बिलियन डॉलर
इस व्यापार संतुलन से यह स्पष्ट है कि दोनों देश आपसी सहयोग को और बढ़ा सकते हैं।
भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौता सिर्फ कागजी कार्यवाही नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक आर्थिक साझेदारी की नींव रखेगा। इससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई ऊर्जा मिलेगी और निवेश के कई नए अवसर खुलेंगे।
FTA पर जल्द घोषणा होने की उम्मीद के साथ यह स्पष्ट है कि भारत अपनी वैश्विक व्यापार नीति को और अधिक समावेशी और सशक्त बनाने के दिशा में आगे बढ़ रहा है।