भारत-ब्रिटेन रणनीतिक संबंधों में नई ऊर्जा: नई दिल्ली में व्यापार, रक्षा और तकनीक पर अहम चर्चा
लंदन/नई दिल्ली, 3 जून (The Trending People) — भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में वार्षिक विदेश कार्यालय परामर्श आयोजित किया गया, जिसमें दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों ने हिस्सा लिया।
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के स्थायी अवर सचिव ऑलिवर रॉबिन्स और भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मुलाकात की और अगले दशक के लिए साझा विज़न पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
"यह साझेदारी दुनिया की सबसे जटिल परिस्थितियों में भी और ऊंचाइयों तक जा सकती है," रॉबिन्स ने उच्च स्तरीय संवाद के बाद कहा।
ऐतिहासिक व्यापार समझौता चर्चा का प्रमुख आधार
इस बार की वार्ता ऐसे समय पर हुई है जब 6 मई को भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा हुई, जिससे दोनों देशों के बीच मौजूदा £43 अरब के व्यापार में £25.5 अरब की बढ़ोतरी की उम्मीद है।
यह समझौता मुख्य रूप से निम्न क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगा:
- उन्नत विनिर्माण (Advanced Manufacturing)
- हरित तकनीक (Green Technology)
- वित्तीय सेवाएं
- डिजिटल वाणिज्य
"आर्थिक विकास ब्रिटेन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है," नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने अपने बयान में कहा।
तकनीकी और रक्षा सहयोग बना प्रमुख आकर्षण
इस बार के परामर्श में पहली बार रणनीतिक निर्यात और तकनीकी सहयोग संवाद (Strategic Exports and Technology Cooperation Dialogue) का आयोजन हुआ, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के सिस्टम की समझ को बेहतर बनाना और भविष्य के सहयोग के क्षेत्रों को चिह्नित करना रहा।
मुख्य चर्चा बिंदु रहे:
- रक्षा क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन और विकास
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और उभरती तकनीकों में सहयोग
- आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन
- निर्यात नियंत्रण और लाइसेंस प्रणाली में तालमेल
यह संवाद भारत-ब्रिटेन के तकनीकी कूटनीति के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का संकेत है।
ऑलिवर रॉबिन्स की भारत यात्रा का पहला पड़ाव
यह भारत में ऑलिवर रॉबिन्स की पहली आधिकारिक यात्रा है, जिन्हें जनवरी 2025 में FCDO का स्थायी अवर सचिव नियुक्त किया गया। इस भूमिका में वे ब्रिटेन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक हैं और विदेश सचिव के मुख्य नीति सलाहकार की भूमिका निभाते हैं।
रॉबिन्स अपनी भारत यात्रा के दौरान G20, आंतरिक सुरक्षा और जलवायु सहयोग जैसे विषयों पर भी भारतीय अधिकारियों से मिलेंगे।
"यह साझेदारी ब्रिटेन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, और हम इसे और गहराई तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं," उन्होंने कहा।
आगे की राह: साझा रणनीति के साथ नया दशक
भारत और ब्रिटेन अब एक ऐसे दशक की तैयारी कर रहे हैं जहां रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी मोर्चों पर गहरे तालमेल के साथ साझेदारी को नया आकार दिया जाएगा।
आगामी महीनों में दोनों देश इन क्षेत्रों में कार्य समूह गठित कर सकते हैं:
- रक्षा उत्पादन और अनुसंधान में सहयोग
- शिक्षा और कौशल विकास में साझेदारी
- फिनटेक और डिजिटल नियमन
- जलवायु वित्त और हरित ऊर्जा संक्रमण
क्यों महत्वपूर्ण है यह साझेदारी
भारत-ब्रिटेन संबंध वैश्विक मंच पर सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय रिश्तों में से एक हैं, जो इस समय:
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को पुनः संतुलित करने,
- संवेदनशील तकनीकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने,
- नियम-आधारित व्यापार को बनाए रखने,
- और इंडो-पैसिफिक में स्थिरता बढ़ाने के लिए अहम हैं।
नई दिल्ली में हुई यह उच्च स्तरीय वार्ता दर्शाती है कि दोनों देश साझा रणनीतिक सोच और कार्रवाई के प्रति गंभीर हैं।