भारत की अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ रही, जल्द पहुंचेगी 8 ट्रिलियन डॉलर
नई दिल्ली – भारत की अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत गति से आगे बढ़ रही है और जल्द ही एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करने को तैयार है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और आने वाले समय में इसका आकार आठ ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह बयान देश की आर्थिक प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर सरकार के विश्वास को दर्शाता है।
आर्थिक विकास और नागरिकों पर प्रभाव
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "भारत वर्तमान में दो ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और 6.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इसी रफ्तार से आने वाले समय में देश आठ ट्रिलियन डॉलर तक की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।" यह वृद्धि न केवल देश की समग्र आर्थिक शक्ति को बढ़ाती है, बल्कि इसका सीधा और सकारात्मक प्रभाव नागरिकों पर भी पड़ता है।
पुरी ने आगे कहा, "देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने का असर प्रत्यक्ष तौर पर नागरिकों पर पड़ता है। देश में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ती हैं और प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होता है। दुनिया इंटर कनेक्टेड है इसलिए गुड्स और सर्विसेज का एक्सचेंज भी बढ़ेगा।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अर्थव्यवस्था बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी देश की स्वीकार्यता बढ़ती है और वैश्विक मंच पर उसकी आवाज अधिक सुनी जाती है।
आईएमएफ का अनुमान: भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
केंद्रीय मंत्री के इन बयानों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के नवीनतम अनुमानों का भी समर्थन मिला है। आईएमएफ ने अपनी 'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रैल 2025' रिपोर्ट में कहा था कि 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी (Nominal GDP) बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी। वहीं, इसी अवधि के लिए जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि भारत जल्द ही जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कगार पर है।
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत जर्मनी को भी पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। 2027 तक भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है, और इस दौरान जीडीपी का आकार 5,069.47 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। वहीं, 2028 तक भारत की जीडीपी का आकार 5,584.476 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जबकि इस दौरान जर्मनी की जीडीपी का आकार 5,251.928 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। ये आंकड़े भारत की निरंतर और मजबूत आर्थिक वृद्धि को दर्शाते हैं, जो इसे वैश्विक आर्थिक पटल पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करेगी।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत की स्थिति
आईएमएफ के मुताबिक, 2025 में अमेरिका 30,507.217 अरब डॉलर के आकार के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। वहीं, चीन 19,231.705 अरब डॉलर के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इन वैश्विक आंकड़ों के बीच, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था एक आकर्षक निवेश गंतव्य और वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभर रही है।
भारत की आर्थिक वृद्धि को कई कारकों का समर्थन मिल रहा है, जिनमें मजबूत घरेलू मांग, सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधार, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार और विनिर्माण क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों का प्रभाव शामिल है। यह वृद्धि न केवल देश के भीतर समृद्धि ला रही है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी भारत की भूमिका और प्रभाव को लगातार बढ़ा रही है।